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मोदी को पहले बताया था 'खोखला इंसान', अब कहा है 'ब्लैकमेलर' 

मोदी को पहले बताया था 'खोखला इंसान', अब कहा है 'ब्लैकमेलर' 

चंद्रबाबू नायडू ने एक बार फिर पीएम नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला बोला है। नायडू ने कहा है कि मोदी ब्लैकमेलर हैं। इससे पहले उन्होंने उन्हें खोखला इंसान कहा था।

पिछले कुछ महीनों तक केंद्र में सत्ता की भागेदारी कर रही तेलगु देशम पार्टी के प्रमुख नेता चंद्र बाबू नायडू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'ब्लैकमेलर' कहा है। सत्तारूढ़ एनडीए छोड़ने के बाद से ही वे काफ़ी हमलावर रहे है और मोदी को निशाने पर लेते रहे हैं। इस बार का हमला बेहद तीखा है। पिछले रविवार को नायडू ने मोदी को 'खोखला इंसान' बताया था।

नायडू ने अमरावती में एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा, ‘मोदी एक ब्लैकमेलर हैं, पहले वह किसी के ख़िलाफ़ मामला बनाते हैं और बाद में उसे बचाते हैं। उसके बाद वह उसे ब्लैकमेल करते हैं और अभी भी वह यही काम कर रहे हैं’। नायडू ने कहा, ‘सीबीआई के निदेशक ने भी कहा है कि पीएम मोदी ने ही राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के ख़िलाफ़ मामला दर्ज़ कराया। उन्होंने ईएसआई निगम के एक भ्रष्टाचार के मामले में तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर को बचाने का आरोप भी लगाया’।

नायडू ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर पर भी आंध्र प्रदेश के ख़िलाफ़ साज़िश रचने का आरोप लगाया। नायडू ने कहा, ‘मोदी और केसीआर नहीं चाहते कि आंध्र का विकास हो। इसलिए वह मुझे अस्थिर करना चाहते हैं। आंध्र में जगन सत्ता में आना चाहते हैं, इसलिए वह उनका सहारा ले रहे हैं’। उन्होंने सवाल पूछा कि, यह आंध्र के ख़िलाफ़ साज़िश नहीं तो क्या है। 

इससे पहले नायडू ने कहा था कि मोदी ने देश के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार ने संसद में वादा करने के बावजूद आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्ज़ा देने से इनकार कर दिया था।

नायडू ने यह भी कहा था कि मोदी ने 12 साल गुजरात का मुख्यमंत्री रहने के बावजूद वहाँ के लिए कुछ नहीं किया।  पूरे देश ने मोदी पर भरोसा किया लेकिन हम सभी के साथ धोखा हुआ। नायडू का यह हमला एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा है। वे बीजेपी और एनडीए के ख़िलाफ़ बनने वाले मोर्चे में महत्वपूर्ण किरदार निभाना चाहते हैं। इसके साथ ही वे अपने गृह राज्य में बीजेपी के ख़िलाफ़ एक ऐसा माहौल बनाना चाहते हैं जिसमें उन्हें विपक्ष का 'चैंपियन' माना जाए। वोटों के ध्रुवीकरण की स्थिति में यह उनके लिए सबसे मुफ़ीद समीकरण होगा।  

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