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चुनावी फ़ैसला? केंद्र ने घरेलू गैस पर प्रति सिलेंडर 200 रुपये घटाए

चुनावी फ़ैसला? केंद्र ने घरेलू गैस पर प्रति सिलेंडर 200 रुपये घटाए

लोकसभा चुनाव में बस कुछ महीने बाकी हैं और अब उससे पहले घरेलू सिलेंडर के दाम करने का फ़ैसला क्यों लिया गया? क्या इस फ़ैसले का चुनाव से कुछ भी लेना-देना नहीं है?

कुछ महीने में ही लोकसभा चुनाव होने हैं। और 31 अगस्त को विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' की बैठक। लेकिन चुनाव से 'बेखौफ' रहने का दावा करने वाली बीजेपी की सरकार ने अब चुनाव से पहले घरेलू सिलेंडर के दाम कम करने का फ़ैसला लिया है। यह फ़ैसला क्यों लिया गया, इसका जवाब तो इसकी घोषणा करते हुए सरकार ने दिया है, लेकिन क्या सरकार जो वजह बता रही है वह असली कारण है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि केंद्र ने मंगलवार को रसोई गैस की कीमतों में 200 रुपये प्रति सिलेंडर की कटौती करने का फैसला किया। कैबिनेट ने उज्ज्वला योजना के तहत 200 रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी को भी मंजूरी दी है। इस फ़ैसले के बाद लाभार्थियों को अब कुल 400 रुपये कम देने होंगे।

तो यह फ़ैसला क्यों? इस सवाल का जवाब भी सरकार ने खुद ही दिया है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने रक्षा बंधन और ओणम के अवसर पर इसे प्रधानमंत्री की ओर से उपहार बताया है। उन्होंने कहा, 'पीएम मोदी ने फैसला किया है कि सभी उपभोक्ताओं के लिए एलपीजी की कीमत 200 रुपये कम की जाएगी। सरकार उज्ज्वला योजना के तहत 75 लाख नए एलपीजी कनेक्शन भी मुफ्त में देगी।' 

लेकिन क्या यह सच में उपहार है? बीजेपी के उपहार वाले दावे पर सवाल उठ रहे हैं। सोशल मीडिया पर इसको लेकर सवाल पूछे जा रहे हैं। वैसे, कहा जाता है कि उपहार तो अपनी जेब से दिया जाता है। क्या किसी के बकाए पैसे चुकाने को या फिर किसी के अधिकार को उसका हिस्सा दिए जाने को उपहार देना कहा जा सकता है? 

एक सवाल यह भी पूछा जा रहा है कि क्या पिछले साल या उससे पहले रक्षा बंधन और ओणम के त्योहार पर भी ऐसा ही कुछ 'उपहार' दिया गया था? तो अब क्यों?

मोदी सरकार द्वारा एलपीजी पर यह फ़ैसला तब लिया गया है जब लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी के ख़िलाफ़ विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. की दो बैठकों के बाद अब मुंबई में अहम बैठक 31 अगस्त और 1 सितंबर को होने वाली है।

शुरुआती दो बैठकों में गठबंधन ने एक आकार ले लिया है, लेकिन अब सबसे मुश्किल कामों में से एक सीट-बंटवारे का फार्मूला निकालने का काम भी बाक़ी है।

समझा जाता है कि मुंबई में होने वाली बैठक में विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के लोगो का अनावरण, समन्वय समिति का गठन, संयोजकों की नियुक्ति जैसे फ़ैसले लिए जा सकते हैं। इसके साथ ही आम चुनावों के लिए 'इंडिया' के घटक दलों के बीच संभावित सीट-बंटवारे के फार्मूले पर चर्चा, आम चुनावों के लिए रणनीतियाँ और कई अन्य चीजें विपक्षी गठबंधन की बैठक के एजेंडे में हैं। 

'इंडिया' का एक दल टीएमसी की नेता ममता बनर्जी ने कहा है,

अब तक पिछले दो महीनों में I.N.D.I.A. गठबंधन द्वारा केवल दो बैठकें आयोजित की गई हैं और आज, हम देखते हैं कि एलपीजी की कीमतें 200 रुपये तक कम हो गई हैं। ये है 'इंडिया' का दम!


ममता बनर्जी, टीएमसी प्रमुख

ममता बनर्जी ने सोमवार को ही कहा है कि बीजेपी दिसंबर में ही लोकसभा चुनाव करा सकती है। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी ने प्रचार के लिए सभी हेलीकॉप्टर बुक कर लिए हैं ताकि कोई अन्य राजनीतिक दल प्रचार के लिए उनका इस्तेमाल न कर सके।

ममता बनर्जी तृणमूल कांग्रेस की युवा इकाई छात्र परिषद के 26वें स्थापना दिवस पर एक रैली को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि हमने बंगाल में सीपीएम के शासन को खत्म किया है, अब लोकसभा में बीजेपी को हराएंगे। इसी दौरान उन्होंने कहा कि बीजेपी लोकसभा चुनाव दिसंबर में करा दे तो हैरानी नहीं। 

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी मोदी सरकार पर हमला किया। उन्होंने कहा है, "साढ़े 9 सालों तक 400 रुपये का एलपीजी सिलेंडर, 1100 रुपये में बेच कर, आम आदमी की ज़िंदगी तबाह करते रहे, तब कोई 'स्नेह भेंट' की याद क्यों नहीं आई?"

दिल्ली में क्या होगी एलपीजी सिलेंडर की क़ीमत?

नई दिल्ली में 14.2 किलोग्राम वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत फिलहाल 1,103 रुपये है। बुधवार से इसकी कीमत 903 रुपये होगी। उज्ज्वला लाभार्थियों के लिए प्रति सिलेंडर सब्सिडी जारी 200 रुपये पर विचार करने के बाद कीमत 703 रुपये होगी।

बता दें कि इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 4 फरवरी, 2021 को 25 रुपये की बढ़ोतरी से पहले रसोई गैस की दरें 694 रुपये प्रति सिलेंडर थीं। राज्य के स्वामित्व वाली रिफाइनर कंपनियों ने 2021 से रसोई गैस की कीमतें 13 बार बढ़ाई हैं। इन बढ़ोतरी के बाद ही रसोई की क़ीमतें 1100 से ज़्यादा हो गई थीं। जून 2020 में सरकार द्वारा एलपीजी सब्सिडी देना बंद करने के बाद देश भर में रसोई गैस की कीमत बाजार दर पर हो गई, जो राष्ट्रीय राजधानी में बढ़कर 1,103 रुपये हो गई।

एकमात्र सब्सिडी जो उपलब्ध थी वह उन महिलाओं के लिए थी जो प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के दायरे में आती थीं। सरकार एक साल में 12 रिफिल तक 200 रुपये प्रति सिलेंडर सब्सिडी देती थी। यह सब्सिडी उन लाभार्थियों के बैंक खातों में स्थानांतरित की गई, जिन्होंने डीलर से बाजार मूल्य पर एलपीजी खरीदी थी।

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