मोदी सरकार मनमोहन स्मारक के लिए जगह देने पर क्यों मजबूर हुई
केंद्र की मोदी सरकार काफी नानुकुर के बाद मनमोहन स्मारक के लिए जमीन देने पर सहमत हो गई है। इसकी जानकारी शुक्रवार देर रात मीडिया को दी गई। इससे पहले सरकार पूर्व प्रधानमंत्री के स्मृति स्थल के लिए जमीन देने में आनाकानी कर रही थी। इस बीच डॉ मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार शनिवार 28 दिसंबर को किया गया।
अलविदा डॉ. मनमोहन सिंह जी 🙏 pic.twitter.com/bNv9NopcrE
— Congress (@INCIndia) December 28, 2024
समझा जाता है कि मोदी सरकार ने तमाम चर्चा के बाद मनमोहन स्मारक के लिए जमीन देने पर सहमति जताई। मनमोहन के प्रशंसक दुनियाभर में हैं। जिस तरह से उनके लिए शोक संदेश प्राप्त हुए, उसे मोदी सरकार ने संज्ञान में लिया। जमीन न देने की स्थिति में बीजेपी को सिखों की ओर से जबरदस्त विरोध की आशंका भी थी। मोदी जिस तरह से मनमोहन के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं, उससे लग रहा था कि सरकार मनमोहन स्मारक के लिए जमीन नहीं देगी। लेकिन जब केंद्र सरकार अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति के लिए जमीन दे चुकी हो तो वो किस मुंह से मनमोहन के लिए जमीन देने से मना करती।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार रात कहा कि सरकार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए जगह आवंटित करेगी और इस बारे में उनके परिवार और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सूचित कर दिया गया है।
''पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के संबंध में मामले के तथ्य'' शीर्षक से देर रात जारी विज्ञप्ति में मंत्रालय ने कहा कि सरकार को कांग्रेस प्रमुख से सिंह के स्मारक के लिए जगह आवंटित करने का अनुरोध प्राप्त हुआ।
कैबिनेट बैठक के तुरंत बाद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खड़गे और मनमोहन सिंह के परिवार को बताया कि सरकार स्मारक के लिए जगह आवंटित करेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि इस बीच, दाह संस्कार और अन्य औपचारिकताएं हो सकती हैं क्योंकि एक ट्रस्ट बनाना होगा और उसे जगह आवंटित करनी होगी।
सिंह, जिन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार का नेतृत्व किया था और जिन्हें आर्थिक सुधारों का श्रेय दिया जाता है, का गुरुवार को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह 2004 से 2014 के बीच 10 वर्षों तक भारत के प्रधान मंत्री रहे।
इससे पहले कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा था कि सिंह के अंतिम संस्कार और स्मारक के लिए जगह नहीं मिलना देश के पहले सिख प्रधान मंत्री का जानबूझकर किया गया अपमान है। पार्टी ने यह मुद्दा तब उठाया जब गृह मंत्रालय ने कहा कि सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ शनिवार सुबह 11.45 बजे नई दिल्ली के निगमबोध घाट पर किया गया।