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चुनावों की गहमागहमी के बीच सफाई कर्मचारी आयोग का कार्यकाल मोदी सरकार ने बढ़ाया

चुनावों की गहमागहमी के बीच सफाई कर्मचारी आयोग का कार्यकाल मोदी सरकार ने बढ़ाया

मोदी कैबिनेट ने आज कई महत्वपूर्ण फैसले लिये। लेकिन इसमें राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग का कार्यकाल बढ़ाने का फैसला चुनावों के मद्देनजर महत्वपूर्ण है। जानिए और फैसलों के बारे में।

केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग का कार्यकाल तीन साल के लिए और बढ़ा दिया। यह फैसला आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट मीटिंग में लिया गया। इसके अलावा भी कई महत्वपूर्ण फैसले हुए हैं। देश में सफाई कर्मचारी लाखों की तादाद में हैं। यूपी में इनका शक्तिशाली संगठन है। तमाम दलित नेता सफाई कर्मचारियों के संगठनों से भी निकले हैं। समझा जाता है कि मोदी कैबिनेट ने यह फैसला पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों के मद्देनजर लिया है। इससे उसने दलित मतदाताओं को संदेश देने की कोशिश की है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (IREDA) में 1,500 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि इससे इरेडा अक्षय ऊर्जा क्षेत्र को 12,000 करोड़ रुपये का कर्ज दे सकेगा।  कैबिनेट की बैठक के बाद ठाकुर ने कहा कि यह निर्णय भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के ऋण मानदंडों के मद्देनजर लिया गया है। उन्होंने कहा कि कैबिनेट के इस फैसले से इरेडा को 3,500 से 4,000 मेगावाट की अक्षय ऊर्जा क्षमता बनाने में मदद मिलेगी।

ताजा निवेश से इरेडा की संपत्ति में भी वृद्धि होगी जो इसे अतिरिक्त नवीकरणीय ऊर्जा वित्तपोषण में मदद करेगी। सरकार ने एक विज्ञप्ति में सूचित किया कि यह अपने उधार और उधार संचालन को सुविधाजनक बनाने के लिए पूंजी-से-जोखिम संपत्ति अनुपात में भी सुधार करेगा।  इरेडा एमएनआरई के तहत एक मिनी रत्न कंपनी है। इसकी स्थापना 1987 में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक विशेष गैर-बैंकिंग वित्त एजेंसी के रूप में की गई थी। इरेडा अक्षय ऊर्जा परियोजना वित्तपोषण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जो वित्तीय संस्थानों/बैंकों को इस क्षेत्र में कर्ज देता है।

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