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मोदी सरकार चलाने के लिए 25 प्राइवेट एक्सपर्ट मदद के लिए आ रहे हैं

मोदी सरकार चलाने के लिए 25 प्राइवेट एक्सपर्ट मदद के लिए आ रहे हैं

आमतौर पर केंद्र सरकार में वरिष्ठ आईएएस, आईपीएस, आईएफएस और ग्रुप ए के अधिकारी विभिन्न स्तर पर सेक्रेटरी रैंक में रखे जाते हैं। राज्यों से भी वरिष्ठ अधिकारियों को इन पदों पर डेपुटेशन पर बुलाया जाता है। लेकिन अब इनमें से कुछ जगहों लैटरल एंट्री को प्राइवेट सेक्टर के 25 विशेषज्ञों से भरा जा रहा है। इस तरह सरकार के संचालन में लैटरल एंट्री के जरिए लाए जा रहे अफसरों का बोलबाला हो जाएगा। जानिए, क्या है पूरा मामलाः

केंद्र की मोदी सरकार को और भी बेहतर ढंग से चलाने के लिए प्राइवेट क्षेत्र के 25 एक्सपर्ट जल्द ही केंद्र में प्रमुख पदों पर तैनात होने जा रहे हैं। पीटीआई के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में तीन संयुक्त सचिवों और 22 निदेशकों/उप सचिवों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। इनकी नियुक्ति के बाद मोदी सरकार के संचालन में लैटरल एंट्री के जरिए लाए गए अफसरों का बोलबाला हो जाएगा।

आम तौर पर, संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के पद पर भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के अलावा ग्रुप ए के अधिकारी रहते हैं। इनमें से तमाम आईएएस और आईपीएस को राज्यों के काडर से भी डेपुटेशन पर लाया जाता है।

अधिकारियों ने पीटीआई को बताया कि इन सभी विशेषज्ञों को लैटरल एंट्री के जरिए सरकार के संचालन में शामिल  किया जा रहा है। मोदी सरकार ने बहुत पहले सरकारी विभागों में निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों की नियुक्ति का खाका लैटरल एंट्री के जरिए तैयार किया था। इसका मकसद क्षेत्र विशेष के प्रतिभाशाली लोगों को मौका देना था।

2018 में लैटरल एंट्री स्कीम के तहत संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव स्तर पर भर्तियों की योजना सबसे पहले बनी थी। सरकार के संचालन में संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव की बड़ी ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है। असल में सरकारी स्तर पर फैसलों को लागू करने में फाइल संंबंधी प्रक्रिया इन्हीं के बीच से गुजरती है। अगर यहां काम के निपटाने में तेजी आती है तो काम तेजी से आगे बढ़ता है। इनसे उच्च स्तर के अधिकारी फाइलों पर सिर्फ अनुमोदन या हस्ताक्षर भर करते हैं।

बहरहाल, लैटरल एंट्री से आने वाले अधिकारियों को भी सरकारी सिस्टम का अभिन्न हिस्सा बनाया जा रहा है। कार्मिक मंत्रालय ने जून 2018 में पहली बार लैटरल एंट्री के लिए 10 संयुक्त सचिव रैंक वाले पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। इन पदों के लिए भर्ती संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने निकाली थी। इसके बाद यूपीएससी ने अक्टूबर 2021 में फिर से विभिन्न केंद्र सरकार के विभागों में संयुक्त सचिव (3), निदेशक (19), और उप सचिव (9) के रूप में नियुक्ति के लिए 31 उम्मीदवारों की सिफारिश की।

अभी तक प्रावइवेट क्षेत्र के कुल 38 एक्सपर्ट - जिनमें 10 संयुक्त सचिव और 28 निदेशक/उप सचिव शामिल हैं, अब तक सरकार में शामिल हो चुके हैं। अब 25 और अधिकारियों के शामिल होने के बाद इनकी संख्या 50 से ऊपर हो चुकी है।


मौजूदा समय में 8 संयुक्त सचिव, 16 डायरेक्टर और 9 उप सचिवों सहित 33 ऐसे एक्सपर्ट हैं, जो प्रमुख सरकारी विभागों में काम कर रहे हैं। दो संयुक्त सचिवों ने अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। अब जो 25 और एक्सपर्ट शामिल होने जा रहे हैं, उसके बाद सरकार में ऐसे अधिकारियों की संख्या ज्यादा हो जाएगी। आईएएस, आईपीएस और आईएफएस नाममात्र के रह जाएंगे।

लैटरल एंट्री के तहत निजी क्षेत्र या राज्य सरकार/स्वायत्त निकायों/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों आदि से डोमेन एक्सपर्ट की भर्तियाँ लगातार जारी हैं।

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