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कोरोना वायरस जितना ख़तरनाक शुरू में था, आज भी उतना ही है, नरेंद्र मोदी ने माना

कोरोना वायरस जितना ख़तरनाक शुरू में था, आज भी उतना ही है, नरेंद्र मोदी ने माना

रोक लगाने के बावजूद कोरोना संक्रमण से निजात नहीं मिली है, बल्कि यह पहले की ही तरह ख़तरनाक बना हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह माना है। 

लॉकडाउन कई बार बढ़ाने और हर तरह की गतिविधियों पर पूरी तरह लंबे समय तक रोक लगाने के बावजूद कोरोना संक्रमण से निजात नहीं मिली है, बल्कि यह पहले की ही तरह ख़तरनाक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह माना है। 

नरेंद्र मोदी ने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में रविवाह को यह दावा किया कि 'कोरोना ठीक होने की दर भारत में दूसरे देशों से बेहतर है। इसके बावजूद यह आज भी उतना ही ख़तरनाक बना हुआ है, जितना एकदम शुरू में था।' 

उन्होंने कहा, 

'हम लाखों लोगों की जान बचाने में कामयाब रहे हैं। पर कोरोना का ख़तरा अभी ख़त्म नहीं हुआ है। हमें चौकन्ना बने रहना है। हमें यह याद रखना चाहिए कि कोरोना आज भी उतना ही ख़तरनाक है, जितना शुरू में था।'


नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री, 'मन की बात' का अंश

करगिल विजय दिवस

प्रधानमंत्री ने 'मन की बात' कार्यक्रम में 'करगिल विजय दिवस' पर सैनिकों की बहादुरी को याद किया। उन्होंने कहा कि 'भारत उस समय पाकिस्तान से मित्रता चाहता था, लेकिन इसलामाबाद ने बड़े-बड़े मंसूबे पालकर करगिल युद्ध का दुस्साहस किया था।  इस युद्ध में भारत के सच्चे पराक्रम की जीत हुई।'

मोदी ने कहा कि करगिल का युद्ध जिन परिस्थितियों में हुआ, वह भारत कभी भूल नहीं सकता। पाकिस्तान ने भारत की भूमि हथियाने और अपने अपने यहाँ चल रहे आंतरिक कलह से ध्यान भटकाने के लिए दुस्साहस किया था।

मोदी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उद्धृत करते हुए कहा कि अटल जी ने कहा था कि करगिल युद्ध ने हमें एक मंत्र दिया है, यह मंत्र था कि कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले हम यह सोचें कि क्या हमारा कदम उस सैनिक के सम्मान के अनुरूप है जिसने उन दुर्गम पहाड़ियों में अपने प्राणों की आहुति दी थी।

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