महाराष्ट्र में पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे से बगावत कर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ जाने वाले शिवसेना के दो विधायकों की दबंगई के वीडियो सामने आए हैं। पहले वीडियो में विधायक प्रकाश सुर्वे एक कार्यक्रम में पांव तोड़ देने की बात कहते हैं। जबकि दूसरे वीडियो में विधायक संतोष बांगड़ एक कैटरिंग मैनेजर को थप्पड़ मार देते हैं।
प्रकाश सुर्वे का जो वीडियो सामने आया है उसमें सुर्वे एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करने के दौरान कहते हैं कि हम किसी से नहीं लड़ेंगे। लेकिन अगर कोई हमारे साथ लड़ाई करता है तो हम उसे नहीं छोड़ेंगे।
इस दौरान सुर्वे कहते हैं कि अगर आप उनके हाथ नहीं तोड़ सकते हैं तो उनके पांव तोड़ दीजिए और मैं अगले दिन आपकी जमानत करा दूंगा, चिंता करने की कोई बात नहीं है। सुर्वे का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस दौरान वह मुंबई के मगथाने इलाके में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।
वीडियो वायरल होने के बाद उद्धव ठाकरे गुट की ओर से प्रकाश सुर्वे के खिलाफ दहिसर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है।
दूसरे वीडियो में विधायक संतोष बांगड़ खाने की खराब गुणवत्ता को लेकर कैटरिंग मैनेजर को गाली देते हुए और उसे थप्पड़ मारते हुए दिखाई देते हैं। यह खाना महाराष्ट्र के हिंगोली जिले में मिड डे मील प्रोग्राम के तहत मजदूरों के लिए बनाया जा रहा था।
वीडियो वायरल होने के बाद विधायक संतोष बांगड़ का कहना है कि उन्हें खाने की खराब गुणवत्ता को लेकर शिकायत मिली थी। इसके बाद वह खुद मौके पर इसका निरीक्षण करने गए थे।
विधायक संतोष बांगड़ बीते दिनों चर्चा में तब आए थे जब उन्होंने अंत समय में उद्धव ठाकरे गुट का साथ छोड़ कर एकनाथ शिंदे गुट का हाथ थाम लिया था। इसके बाद उद्धव ठाकरे ने संतोष बांगड़ को हिंगोली जिला अध्यक्ष के पद से हटा दिया था।
‘बीजेपी भी गुंडागर्दी का सहारा लेगी’
तेलंगाना बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बंडी संजय कुमार का भी हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वह कह रहे थे कि टीआरएस के मंत्री और विधायक लाइसेंस प्राप्त गुंडों की तरह बर्ताव कर रहे हैं और जरूरत पड़ी तो बीजेपी भी गुंडागर्दी का सहारा लेगी।
तेलंगाना में प्रजा संग्राम यात्रा के दौरान टीआरएस और बीजेपी के कार्यकर्ताओं के बीच जनगांव इलाके में जबरदस्त झड़प हुई थी और उसमें कई कार्यकर्ता घायल हो गए थे।
बीजेपी और एकनाथ शिंदे के गुट ने मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई है। 40 विधायकों ने जून के महीने में शिवसेना से बगावत की थी और वे गुजरात होते हुए असम पहुंचे थे और कई दिन बाद मुंबई लौटे थे।
हालांकि बीजेपी-एकनाथ शिंदे ने मिलकर सरकार बना ली है लेकिन यह सरकार पहले कैबिनेट विस्तार को लेकर और अब मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर फंसती दिख रही है। क्योंकि मंत्री न बनाए जाने से और विभागों के बंटवारे को लेकर कई वरिष्ठ नेताओं के नाराज होने की खबर है।
दिलीप घोष का बयान
याद दिलाना होगा कि 2021 में पश्चिम बंगाल बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष दिलीप घोष ने विधानसभा चुनाव से पहले कहा था कि हिंदू समाज को हथियार उठाने होंगे। उन्होंने एक जनसभा में कहा था कि अगर कोई आपको कायर कहे तो तुम उसका गला पकड़ लो। घोष ने कहा था कि हिंदुओं का कोई भी देवी-देवता बिना शस्त्र का नहीं है।
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों के द्वारा जिस तरह दबंगई किए जाने के वीडियो सामने आ रहे हैं, इससे लगता है कि विधायक नई सरकार बनने के बाद बेलगाम हो गए हैं और इस तरह के बयान और गुंडागर्दी बेहद आपत्तिजनक है।
शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट के बीच अभी चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट में भी लड़ाई चल रही है। चुनाव आयोग में शिवसेना के चुनाव चिन्ह धनुष बाण पर कब्जे की लड़ाई है जबकि सुप्रीम कोर्ट में दोनों गुटों की ओर से दायर तमाम याचिकाओं को लेकर शीर्ष अदालत सुनवाई कर रही है।