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मम्मन खान की गिरफ्तारी की वजह क्या कुछ और है, नूंह में इंटरनेट बंद

मम्मन खान की गिरफ्तारी की वजह क्या कुछ और है, नूंह में इंटरनेट बंद

नूंह हिंसा में कांग्रेस विधायक मम्मन खान की गिरफ्तारी की असल वजह क्या कुछ और भी है। उनकी गिरफ्तारी के बाद नूंह में इंटरनेट बंद कर धारा 144 लगा दी गई है। नूंह में तनाव की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

नूंह हिंसा मामले में कांग्रेस विधायक मम्मन खान की गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद बाद हरियाणा सरकार ने शुक्रवार को नूंह में मोबाइल इंटरनेट और बल्क एसएमएस सेवाओं को दो दिनों के लिए बंद करने का आदेश दिया। अगले आदेश तक नूंह में धारा 144 भी लागू कर दी गई है। किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए जुमे की नमाज घर पर ही अदा करने के लिए कहा गया है। इसी के साथ मम्मन खान की गिरफ्तारी को लेकर हरियाणा विधानसभा की कार्यवाही के कुछ अंश सामने आए हैं। नूंह हिंसा के लिए मोनू मानेसर को सबसे पहले विधायक मम्मन खान ने ही हरियाणा विधानसभा में जिम्मेदार ठहराया था। 

हरियाणा सरकार ने गुरुवार को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट को बताया था कि विधायक मम्मन खान एक मामले में आरोपी हैं और उनके खिलाफ एफआईआर है। गुरुवार देर रात को मम्मन खान को गिरफ्तार कर लिया गया। हांलाकि मम्मन खान ने अपनी गिरफ्तारी की आशंका जताते हुए मंगलवार को याचिका दायर की थी। यहां बताना जरूरी है कि नूंह में हिंसा 31 जुलाई को हुई थी लेकिन कांग्रेस विधायक के खिलाफ 4 सितंबर को एफआईआर दर्ज की गई।  

विधानसभा में क्या बोले थे मम्मन खानइंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी में राजस्थान के नासिर और जुनैद के शव हरियाणा के लोहारू के पास मिले। उनका अपहरण कर हत्या किए जाने का केस राजस्थान में दर्ज हुआ। उस एफआईआर में गुड़गांव के कुख्यात मोनू मानेसर और अन्य को आरोपी बनाया गया था। हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में इन हत्याओं का मामला सबसे पहले कांग्रेस विधायक मम्मन खान ने उठाया था। उन्होंने दोनों हत्याओं के लिए जिम्मेदार लोगों में मोनू मानेसर का नाम लिया था और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी।

फरवरी में विधानसभा में ही विधायक खान ने मोनू मानेसर द्वारा कथित हिंसा के कारनामों को दर्शाने वाली तस्वीरें भी प्रदर्शित की थीं। उन्होंने मोनू को मेवात क्षेत्र का दौरा करने की चुनौती दी और वादा किया था कि अगर वो मेवात आया तो उसे सबक सिखाया जाएगा। इसके बाद जब 31 जुलाई को नूंह में वीएचपी की जलाभिषेक यात्रा आने वाली थी तो उससे तीन दिन पहले मोनू मानेसर और बिट्टू बजरंगी ने सोशल मीडिया पर अपने-अपने संदेश के साथ मेवात आने की चुनौती स्वीकार करने के वीडियो डाले थे। दोनों ही वीडियो की भाषा आपत्तिजनक थी।


इस वीडियो आने के बाद नूंह और मेवात के अन्य इलाकों में तनाव फैल गया। पुलिस ने उस समय मोनू मानेसर और बिट्टू बजरंगी पर कोई कार्रवाई नहीं की। 31 जुलाई को वीएचपी की यात्रा जब नूंह पहुंची तो तनाव चरम पर पहुंच गया। इस दौरान जमकर हिंसा हुई। धार्मिक यात्रा में हथियार लहराए जाने के आरोप लगे, कई वीडियो वायरल हुए। भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने धार्मिक यात्रा में हथियार ले जाने पर सवाल उठाए। 

बहरहाल, मम्मन खान ने फरवरी में बजट सत्र के दौरान विधानसभा में जो कहा था, उससे उनकी गिरफ्तारी को जोड़कर देखा जा रहा है। सदन में मम्मन खान के शब्द थे-

ये मोनू मानेसर कहीं अमित शाह के साथ फोटो खिंचवा रहा है, कहीं अरुण जेटली के साथ फोटो खिंचवा रहा है। क्या डराना चाहता है हम मेवातियों को, क्या इतना बड़ा आदमी हम मानते हैं? अब ये मेवात में गया तो इसको प्याज की तरह फोड़ देंगे। उसने दोबारा मेवात आने की हिम्मत की, उसे प्याज की तरह कुचल दिया जाएगा।


- मम्मन खान कांग्रेस विधायक, फरवरी 2023, हरियाणा विधानसभा सोर्सः इंडियन एक्सप्रेस

विधायक खान ने विधानसभा में जो तस्वीरें दिखाईं, उनमें से कुछ में मानेसर और अन्य गौरक्षकों के पास हथियार भी थे। कांग्रेस विधायक ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से पूछा था-  “किस आधार पर सरकार ने उन्हें हथियार रखने की अनुमति दी है?” खान के इस आरोप पर विधानसभा में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने घोषणा की कि वो इस मामले की जांच कराएंगे। 

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक 31 जुलाई की नूंह हिंसा के बाद मोनू मानेसर ने आजतक टीवी चैनल पर इंटरव्यू देकर कहा कि नूंह हिंसा कांग्रेस विधायक मम्मन खान और मेवात के अन्य मुस्लिम विधायकों ने कराई है। इसके बाद दुष्यंत चौटाला का बयान बदल गया। दुष्यंत चौटाला ने चैनलों पर कहा कि नूंह हिंसा की जांच कराई जा रही है। चाहे मोनू मानेसर हो या मम्मन खान हो, किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने गुरुवार को कहा था कि विधानसभा में खान का बयान और उनके सोशल मीडिया पोस्ट "हिंसा में कांग्रेस की भूमिका के बारे में संदेह पैदा करते हैं।"

गिरफ्तारी की वजह से विधायक मम्मन खान की टिप्पणी नहीं मिल पाई। लेकिन कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा: “मम्मन खान ने विधानसभा में कई महीने पहले जो कहा था, और बाद में उन्होंने हमारे अनुरोध पर अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी। उनके बयान को हालिया हिंसा से जोड़ना पूरी तरह से गलत है।''

56 वर्षीय विधायक मम्मन खान पूरे दक्षिणी हरियाणा क्षेत्र में अपनी सामाजिक गतिविधियों के लिए जाने जाते हैं। उन्हें इंजीनियर मम्मन खान भी कहा जाता है। खान ने 2019 में फिरोजपुर झिरका विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थी। उन्हें 57.62% वोट मिले। इससे पहले 2014 में निर्दलीय के रूप में मम्मन खान चुनाव हार गए थे। 2024 में हरियाणा विधानसभा के चुनाव लोकसभा चुनाव के बाद होने वाले हैं। 

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