स्टालिन डीएमके कार्यकर्ताओं से क्यों बोले- 'सनातन धर्म पर बहस से बचें'?
एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म पर बयान को बीजेपी ने करीने से भुनाना शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी तक ने अब उस बयान के हवाले से विपक्षी गठबंधन इंडिया पर सनातन धर्म को ख़त्म करने का आरोप लगा दिया है। ऐसी ही स्थिति को भाँपते हुए अब डीएमके ने इस पर सावधानी बरतनी शुरू कर दी है और इसने अपने कार्यकर्ताओं को इसको लेकर निर्देश दिए हैं।
डीएमके अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बुधवार को अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को सलाह दी कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर निशाना बनाया जाना चाहिए और सनातन धर्म पर बहस से बचना चाहिए। स्टालिन ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों और कांग्रेस व वामपंथी दलों सहित गठबंधन दलों के नेताओं से भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित रखने का आग्रह किया।
उदयनिधि स्टालिन ने कुछ दिनों पहले एक बयान में कहा था कि सनातन धर्म लोगों को जाति और धर्म के नाम पर विभाजित करता है और इसे ख़त्म करने की ज़रूरत है। विवाद बढ़ने के बाद भी अपने बयान पर कायम रहते हुए उन्होंने कहा था, 'मुझे अपने भाषण के महत्वपूर्ण पहलू को दोहराना चाहिए- मेरा मानना है कि मच्छरों द्वारा डेंगू और मलेरिया और कोविड -19 जैसी बीमारियों के फैलाए जाने की तरह ही सनातन धर्म कई सामाजिक बुराइयों के लिए जिम्मेदार है।'
उदयनिधि स्टालिन के इस बयान को बीजेपी ने लपक लिया। उनके बयान आने के तुरंत बाद अमित शाह ने आरोप लगाया था कि 'इंडिया' गठबंधन हिंदू धर्म को ख़त्म कर सत्ता हथियाना चाहता है। उन्होंने राजस्थान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था, "I.N.D.I.A गठबंधन के दो प्रमुख दल कांग्रेस और डीएमके कह रहे हैं कि सनातन धर्म को समाप्त कर देना चाहिए। तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति करने के लिए इन लोगों ने 'सनातन धर्म' का अपमान किया है।"
अभी कुछ दिन पहले ही बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया है कि सनातन धर्म का विरोध 'इंडिया' गठबंधन का संकल्प है।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ने अब एजेंडा सेट कर दिया है और बीजेपी अब सनातन के मुद्दे को घर घर तक ले जाएगी।
रविशंकर प्रसाद ने कहा था, 'डीएमके के शिक्षा मंत्री के पोनमुडी कहते हैं कि इंडिया अलायंस सनातन धर्म के विरोध के लिए ही बना है और उसको ख़त्म करना है। जो उन्होंने उसी सनातन धर्म विरोधी कार्यक्रम में कहा था जिसमें मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के पुत्र ने सनातन की तुलना डेंगू, मलेरिया से की थी और बाद में तो राजा ने कहा कि ये एड्स से भी ज़्यादा संक्रामक है।' प्रसाद ने आरोप लगाया कि सनातन धर्म को लेकर यह इनका छुपा हुआ एजेंडा है और इसके लिए वे लंबे समय से लगे हुए हैं।
इसी को लेकर आगाह करते हुए अब स्टालिन ने कहा है, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिन पहले अपने कैबिनेट सहयोगियों को सनातन धर्म की रक्षा करने के लिए कहा था, यह स्पष्ट संकेत है कि वह इस विवाद से राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'केंद्रीय मंत्रियों में से एक जानबूझकर सनातन को चर्चा का मुद्दा बनाकर लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा है। हमारे लोगों को उनकी विफलताओं को छिपाने के लिए भाजपा की चाल का शिकार नहीं होना चाहिए।'
मुख्यमंत्री ने कहा, द्रविड़ कड़गम प्रमुख के वीरमणि ने कहा है कि भाजपा भ्रष्टाचार पर बहस को रोकना चाहती है और इसलिए वह सनातन धर्म पर ध्यान केंद्रित करके ध्यान भटका रही है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार सीएम ने कहा कि वीरमणि ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि 'हमें बीजेपी के भ्रष्टाचार पर अधिक बात करनी चाहिए।'