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#MeToo मामले में अकबर ने प्रिया रमानी पर किया मुक़दमा

#MeToo मामले में अकबर ने प्रिया रमानी पर किया मुक़दमा

एम जे अकबर ने #MeToo मामले में आरोप लगाने वाली प्रिया रमानी पर ठोंका मानहानि का मुक़दमा। पर अपनी जगह कायम हैं प्रिया, कहा, अदालत में करेंगी मुक़ाबला

#MeToo कैंपेन में विदेश राज्य मंत्री एम.जे. अकबर पर भी 10 महिला पत्रकारों ने यौन दुर्व्यवहार और छेड़खानी के आरोप लगाए हैं। अकबर कई अख़बारों के संपादक रह चुके हैं। कांग्रेस ने उनका इस्तीफ़ा मांगा है। इस बीच अकबर ने आरोप लगाने वाली एक पत्रकार प्रिया रमानी पर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में मानहानि का मुकदमा किया है। अकबर पर प्रिया रमानी, प्रेरणा सिंह बिंद्रा, शुमा राहा, हरिन्दर बावेजा, अंजू भारती, सुतापा पॉल, कनिका गहलोत, ग़जाला वहाब, सुपर्णा शर्मा, दो विदेशी महिला पत्रकारों व अन्य ने भी आरोप लगाए हैं।

अकबर की ओर से आपराधिक मानहानि का नोटिस भेजने के कुछ घंटे बाद ही रमानी ने कहा, 'मैं राज्यमंत्री द्वारा भेजे गए मानहानि नोटिस का सामना करने के लिए तैयार हूं और इससे लड़ने के लिए मेरा पास सत्य और पूर्ण सत्य ही एकमात्र हथियार है।

ट्विटर पर जारी अपने बयान में रमानी ने कहा, 'मैं इस बात से बहुत दुखी हूं कि केंद्रीय मंत्री ने कई महिलाओं द्वारा लगाए गए आरोपों को राजनीतिक षडयंत्र बताते हुए खारिज़ कर दिया। मेरे खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला बनाकर अकबर ने अपना स्टैंड साफ कर दिया है। सफाई देने के बजाए अकबर धमकाकर और प्रताड़ित कर चुप कराने की कोशिश करते दिख रहे हैं।'

रमानी ने कहा, 'पिछले दो सप्ताह में पत्रकार समेत अलग-अलग क्षेत्रों की महिलाओं ने वर्कप्लेस पर कई एडिटर्स, राइटर्स और फिल्म मेकर्स के खिलाफ यौन उत्पीड़न के कई आरोप लगाए हैं। #Metoo मूवमेंट ने महिलाओं को आवाज दी है।'

इससे पहले अकबर रविवार सुबह नाइजीरिया से लौटे थे। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठ बताया था। अकबर ने कहा था कि वह कानूनी कदम उठाएंगे। उन्होंने सवाल उठाया कि आम चुनाव से कुछ महीने पहले ही ऐसा क्यों किया जा रहा है? क्या इसके पीछे कोई एजेंडा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि झूठ के पैर नहीं होते, लेकिन इनमें ऐसा जहर हो सकता है जो पागलपन फैला सकता है। उन्होंने कानूनी कदम उठाने की बात कही थी।दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में अकबर की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि उन पर लगाए गए आरोपों से न केवल उनकी बदनामी हुई है, बल्कि सालों की कड़ी मेहनत के बाद स्थापित सामाजिक और राजनीतिक प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंची है। 

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अब इस मामले में सियासत भी तेज़ हो गई है। कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने इस मुद्दे पर पीएम मोदी की चुप्पी पर सवाल खड़े किए हैं। शर्मा ने कहा, 'यह सवाल न केवल सरकार के नैतिक अधिकार पर है बल्कि उनके अपने ऊपर भी है और जिस पद पर वह बैठे हुए हैं उसकी गरिमा से जुड़ा हुआ है।' उन्होंने कहा कि जो प्रधानमंत्री 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का संकल्प लेते हैं और महिलाओं की गरिमा की बात करते हैं, वह इस मुद्दे पर चुप हैं।

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अकबर के बारे में पूछने पर कहा था कि इस मुद्दे पर वही सही बता सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘मीडिया अकबर की महिला सहयोगियों की बातें सामने ला रहा है। मेरा मानना है कि जो भी महिलाएं आपबीती बता रही हैं उन्हें बदनाम नहीं किया जाना चाहिए।

अकबर पर आरोपों की शुरुआत पत्रकार प्रिया रमानी ने की। प्रिया ने अपने ट्वीट में एक मैगज़ीन के लिए लिखे गए पुराने आर्टिकल को पोस्ट किया है। प्रिया ने अक्टूबर 2017 में वोग मैगज़ीन के लिए यह आर्टिकल लिखा था। प्रिया ने लिखा है, ‘मैं इस आर्टिकल को एमजे अकबर के बारे में लिखने से शुरू कर रही हूं। मैंने कभी उनका नाम नहीं लिया क्योंकि उन्होंने ‘कुछ नहीं’ किया था। इस आदमी के बारे में कई महिलाओं के पास बेहद खराब अनुभव हैं और उम्मीद है कि वे इसे साझा करेंगी।’

प्रिया आगे लिखती हैं, ‘अकबर ने मुझे शाम को 7 बजे साउथ मुंबई के एक होटल में बुलाया। वहां डेटिंग का माहौल ज़्यादा था और इंटरव्यू का कम। इसके बाद उन्होंने मुझे शराब अॉफ़र की और खुद वोदका पीने लगे। अकबर ने मुझे हिंदी फ़िल्म का एक पुराना गाना सुनाया।’

प्रिया लिखती हैं, ‘उस रात मैं किसी तरह बच गई। आपने मुझे काम दिया और मैंने कई महीने आपके साथ काम किया। लेकिन मैंने यह तय कर लिया कि कभी आपके साथ कभी कमरे में अकेले नहीं रुकूंगी। आप गंदे फ़ोन कॉल और मैसेज करने में एक्सपर्ट हैं।’

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एक और महिला पत्रकार गजाला वहाब ने भी अकबर केसाथ काम करने के दौरान हुए बुरे अनुभवों के बारे में बताया है। वहाब वर्तमान में फोर्स मैगज़ीन की एग्जीक्यूटिव एडिटर हैं। उन्होंने अपनी फेसबुक पोस्ट में कई ऐसे मौकों का जिक्र किया है जब अकबर ने अपने ऑफिस में उनके साथ छेड़छाड़ की। वहाब ने बताया, ‘जब मैं 1994 से 1997 के बीच ‘द एशियन एज’ अखबार में काम कर रही थी तब अकबर उसके संपादक थे और उन्होंने उन्हें ऑफिस में ऐसी जगह बैठाने के लिए कहा था जहां से वह उन्हें दिखती हों।’

वहाब ने लिखा कि अकबर अपना वीकली कॉलम लिखने के लिए केबिन में रखे शब्दकोश को उठाने के लिए उन्हें बुला लेते थे। वहाब लिखती हैं, ‘डिक्शनरी नीचे रखी होती थी और उसे उठाने के लिए उन्हें अकबर की ओर पीठ करके झुकना होता था या उकडू होकर बैठना पड़ता था।’

वहाब ने लिखा, ‘1997 की बात है, एकबार मैं डिक्शनरी उठाने गई तो अकबर चुपके से पीछे आए और मुझे कमर से पकड़ लिया और मेरे शरीर को छूने लगे। 

मैंने उनके हाथों को दूर करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने कमर से अपने हाथ नहीं हटाए। वहाब ने लिखा कि अगले 6 महीने तक उनका यह अनुभव जारी रहा। उन्होंने लिखा कि हर बार जब अकबर ने उन्हें अपनी केबिन में बुलाया, वह हजार बार मरीं। उन्होंने लिखा कि अकबर अपने हाथ मेरे ऊपर रख देते थे। कभी-कभी वह अपने शरीर को मुझसे रगड़ते थे और किस करते थे और मैं हर बार उन्हें धक्का देकर मैं उनके कमरे से भाग जाती थी।”

पत्रकार प्रेरणा सिंह बिंद्रा ने भी अकबर पर आरोप लगाते हुए 17 साल पुरानी घटना का जिक्र किया है। प्रेरणा ने कहा, ‘एक बार जब मैं आधी रात को अपना काम पूरा कर घर जाने लगी तो अकबर ने काम पर चर्चा करने के बहाने मुझे होटल के कमरे में बुलाया था। जब मैंने उनकी बात मानने से इनकार कर दिया तो उन्होंने मेरे काम और मेरी जिंदगी को नरक बना दिया। कुछ मजबूरियों के कारण तब मैं यह बोल नहीं सकी।

अकबर ने खींची मेरी ब्रा की स्ट्रैप 

एशियन एज की संपादक सुपर्णा शर्मा ने भी अकबर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। सुपर्णा शर्मा ने कहा कि साल 1993 से 1996 के दौरान अकबर उनके बॉस थे और वह उन्हें अपने काम की रिपोर्ट देती थीं। सुपर्णा ने कहा, ‘मैं एक दिन ऑफिस में काम कर रही थी तभी अकबर मेरे पीछे खड़े हो गए। उन्होंने मेरी ब्रा की स्ट्रैप खींची और धीरे से कुछ कहा, जो मुझे याद नहीं है। मैं डर गई थी।’

अंग्रेजी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस की पूर्व पत्रकार कनिका गहलोत ने कहा है कि 1995 से 1997 के दौरान उन्होंने अकबर के साथ काम किया है। गहलोत ने कहा कि एक दिन मुझे भी होटल में बुलाया गया, लेकिन एक बार मना करने के बाद अकबर ने फिर दोबारा कभी नहीं बुलाया।

सुतपा पॉल साल 2010-11 के दौरान इंडिया टुडे में पत्रकार थीं। सुतपा का आरोप है कि इस दौरान अकबर ने कई बार उनसे शराब पीने की जिद की। मना करने पर अकबर कहते थे, 'न तुम शराब पीती हो, न सिगरेट पीती हो, किस तरह की जनर्लिस्ट हो तुम।' सुतपा ने बताया कि उनके पास बहुत सारे स्टोरी आइडियाज थे, लेकिन अकबर किसी भी स्टोरी आइडिया के बारे में बात नहीं करना चाहते थे।

पत्रकार शुमा राहा ने ट्वीट करके आपबीती सुनाई है। शुमा ने कहा है कि 1995 में अकबर ने कोलकाता के एक होटल में उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया था। तब अकबर एशियन एज अख़बार के संपादक थे। शुमा के मुताबिक, अकबर ने उनके साथ कुछ नहीं किया था, लेकिन होटल के एक कमरे में बिस्तर पर बैठकर जिस तरह इंटरव्यू लिया जा रहा था, उस वजह से उन्होंने जॉब का ऑफर ठुकरा दिया।

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पत्रकार सबा नक़वी ने कहा है कि अकबर अक़सर उन्हें फ़ोन करके अपने अॉफ़िस बुलाते थे। एक बार वह उनके अपार्टमेंट में भी पहुंच गए थे।

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अमेरिकी टीवी चैनल की पत्रकार माजिले डे पु कैंप ने ने भी अकबर पर आरोप लगाया है। साल 2007 में जब वह एशियन एज अख़बार में इंटर्नशिप के लिए गईं थी तो अकबर ने उनका यौन उत्पीड़न किया। उन्होंने कहा कि उस समय उनकी उम्र सिर्फ़ 18 साल थी। माजिले के मुताबिक, वह उनकी इंटर्नशिप का आख़िरी दिन था और वह उन्हें थैंक्यू कहने अकबर के चैंबर में गई थीं। जब मैंने हाथ मिलाने के लिए हाथ आगे बढ़ाया तो उन्होंने मेरी बांह पकड़ ली।

इंग्लैंड की एक महिला पत्रकार रुथ ने 1999 की घटना का जिक्र किया है। रुथ उस समय ट्रेनी पत्रकार के तौर पर एक अंग्रेजी अखबार में काम करती थीं और अकबर वहां संपादक थे। रुथ ने लिखा है कि अकबर उम्र में उनसे 30 साल से ज़्यादा बड़े थे, लेकिन वह सिर्फ बातें करना चाहते थे। अकबर उन्हें घूरते भी थे। एक बार वे मेरी कुर्सी के पीछे खड़े हो गए और मसाज करने का ऑफर दिया। अकबर ने उन्हें किस करने की भी कोशिश की।

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