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असम-मिज़ोरम सीमा विवाद सुलझाने के लिए बात करने को तैयार हैं मिज़ो सीएम

असम-मिज़ोरम सीमा विवाद सुलझाने के लिए बात करने को तैयार हैं मिज़ो सीएम

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से टेलीफ़ोन पर बातचीत के बाद मिज़ोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरमथंगा ने कहा है कि वे सीमा विवाद सुलझाने के लिए असम के मुख्यमंत्री के साथ  बात करने को तैयार हैं। 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से टेलीफ़ोन पर बातचीत के बाद मिज़ोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरमथंगा ने कहा है कि वे सीमा विवाद सुलझाने के लिए असम के मुख्यमंत्री के साथ बात करने को तैयार हैं। 

उन्होंने रविवार सुबह ट्वीट किया, "केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री से बातचीत के बाद असम-मिज़ोरम सीमा विवाद सुलझाने के लिए अर्थपूर्ण बातचीत करने को हम सहमत हो गए हैं।" 

उन्होंने यह भी कहा है कि दोनों राज्यों के बीच तनाव कम करने के लिए नए सिरे से बातचीत शुरू हो गई है। 

मिज़ोरम की आर्थिक नाकेबंदी

असम-मिज़ोरम झड़प के कई दिन बीत जाने और असम-मिज़ोरम सीमा पर केंद्रीय बलों की तैनाती के बावजूद तनाव बरक़रार है, ज़मीनी स्तर पर स्थिति जस की तस है। 

दोनों ही राज्यों ने एक दूसरे के ख़िलाफ़ दायर एफ़आईआर की अनदेखी की है, दोनों ही एक दूसरे के ख़िलाफ़ बयानबाजी कर रहे हैं।

मिज़ोरम की आर्थिक नाकेबंदी चालू है और वह राज्य अब दयनीय स्थिति की ओर बढ़ रहा है, पर न तो असम ने इसमें कोई ढिलाई दी है और न ही केंद्र ने कोई हस्तक्षेप कर नाकेबंदी हटाने की कोई कोशिश की है। 

एक-दूसरे पर एफ़आईआर

मिज़ोरम के कोलासिब ज़िले के वेरेंगेटे में पुलिस ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सर्मा और छह पुलिस अफ़सरों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई है तो असम के कछार में मिज़ोरम पुलिस के आला अफ़सरों के ख़िलाफ़ मामला दायर किया गया है।

हालांकि असम के मुख्यमंत्री ने शनिवार को कहा था कि वे जाँच में सहयोग करने को तैयार हैं, अब तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है। इसके उलट असम पुलिस ने इस एफ़आईआर को ही बचकाना क़रार दिया है।

असम पुलिस ने एक बयान में कहा है,

मिज़ोरम का यह कदम बचकाना है, सच यह है कि जिस जगह झड़प हुई, वह असम की सीमा के अंदर है, इसलिए मामला दायर ही करना हो तो असम पुलिस करेगी। लेकिन अब यही ठीक होगा कि यह मामला सीबीआई या एनआईए को सौंप दिया जाए।


असम पुलिस के बयान का अंश

मिज़ोरम का जवाब

असम के मुख्यमंत्री ने भी शनिवार को कहा था कि यह मामला किसी केंद्रीय एजेन्सी को सौंप दिया जाना चाहिए।

इस बीच मिज़ोरम का रवैया भी सख़्त हो गया है। इसके गृह मंत्री ललचमलियाना ने कहा है कि मिज़ोरम पुलिस असम के बुलावे का सम्मान नहीं करेगी। उन्होंने कहा, 

हम उनके समन को नहीं मानते। जो इलाक़ा उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है, वहाँ हुए किसी कांड के लिए वे कैसे किसी को समन जारी कर सकते हैं? हमारे लिए इसका कोई मतलब नहीं है।


ललचमलियाना, गृह मंत्री, मिज़ोरम

असम पुलिस यह मानती है कि मिज़ोरम से सटी सीमा पर स्थिति जस की तस है और गाड़ियों की आवाजाही पूरी तरह बंद है। लेकिन वे इसमें किसी तरह की छूट देने को भी तैयार नहीं हैं। 

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