कुछ समय बाद पीओके का भारत में खुद ही विलय हो जाएगा: वीके सिंह
क्या पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर यानी पीओके का भारत में विलय संभव है? इस सवाल पर भले ही किसी को संशय हो, लेकिन केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह को कोई संदेह नहीं है। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर यानी पीओके का कुछ समय बाद अपने आप भारत में विलय हो जाएगा।
वीके सिंह की यह टिप्पणी तब आई है जब उनसे पूछा गया कि पीओके के लोगों की मांग है कि इस क्षेत्र का भारत में विलय किया जाना चाहिए और इस मुद्दे पर बीजेपी का रुख क्या है। सिंह सोमवार को राजस्थान के दौरे पर थे और इसी दौरान उनसे सवाल पूछा गया। उन्होंने राजस्थान के दौसा में संवाददाताओं से कहा, 'पीओके अपने आप भारत के अंदर आएगा। थोड़ा ठंड रख।'
सरकार हमेशा कहती रही है कि पीओके भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा। पिछले कुछ दिनों से जब तब इस पर बयान भी आने लगा है कि इस पर भारत का अधिकार होगा।
पिछले साल जयशंकर ने कहा था कि पीओके भारत का हिस्सा है और एक दिन इस पर देश का भौतिक अधिकार क्षेत्र होगा। उन्होंने कहा था, 'पीओके पर हमारी स्थिति हमेशा स्पष्ट रही है और रहेगी। पीओके भारत का हिस्सा है।' मई में गोवा में एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान, जयशंकर ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने और वित्तपोषण के लिए पाकिस्तान की आलोचना की थी। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार तब जयशंकर ने पूछा था कि वह वहाँ 'अवैध रूप से कब्जे वाले क्षेत्रों को कब खाली करेगा'। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने यह टिप्पणी पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की मौजूदगी में की थी।
बता दें कि हाल ही में चीन ने भी मैप जारी कर सीमा विवाद को फिर से बढ़ा दिया है। चीन ने जो नक्शा जारी किया है, उसमें उसने अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन वाले हिस्से को अपना क्षेत्र बताया है।
अरुणाचल प्रदेश पर चीन दक्षिण तिब्बत होने का दावा करता है और अक्साई चिन पर 1962 के युद्ध में उसने कब्जा कर लिया था।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के नक्शे पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि यह 'उनकी पुरानी आदत' है। उन्होंने एनडीटीवी से कहा था, 'चीन ने उन क्षेत्रों के साथ मानचित्र जारी किए हैं जो उनके नहीं हैं। पुरानी आदत है। केवल भारत के कुछ हिस्सों के साथ मानचित्र जारी करने से... इससे कुछ भी नहीं बदलेगा। हमारी सरकार इस बारे में बहुत स्पष्ट है कि क्या करना है। हमारा क्षेत्र है। बेतुके दावे करने से दूसरे लोगों का क्षेत्र आपका नहीं हो जाता।'
कभी चीन को लाल आँख दिखाने की बात कहने वाले प्रधानमंत्री मोदी पर बीजेपी नेता से लेकर विपक्षी नेताओं ने हमले किए हैं और उनपर सीमा की सुरक्षा करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया है।
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने मैप को लेकर ट्वीट किया था, "मोदी से कहें- 'यदि आप 'मजबूरी' के कारण भारत माता की अखंडता की रक्षा नहीं कर सकते हैं, जिसे आप स्वीकार नहीं कर सकते, तो कम से कम आप हट ज़रूर सकते हैं और सेवानिवृत्त होकर मार्गदर्शक मंडल में जा सकते हैं। झूठ से हिंदुस्तान की रक्षा नहीं हो सकती। भारत एक और नेहरू को बर्दाश्त नहीं कर सकता।"
राहुल ने कहा था, "मैं वर्षों से कह रहा हूं कि पीएम ने जो कहा कि लद्दाख में एक इंच जमीन नहीं गई, वह झूठ है। पूरा लद्दाख जानता है कि चीन ने अतिक्रमण किया है। यह नक्शे का मुद्दा बहुत गंभीर है। उन्होंने हमारी जमीन छीन ली है। प्रधानमंत्री को इस बारे में कुछ कहना चाहिए।''