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लॉकडाउन के कारण दिल्ली से प्रवासी मजदूरों का पलायन

लॉकडाउन के कारण दिल्ली से प्रवासी मजदूरों का पलायन

दिल्ली में लॉकडाउन का ऐलान होने के बाद बड़ी तादाद में लोग राजधानी छोड़ कर अपने-अपने गृह नगर लौटने लगे हैं। राजधानी से सटे आनंद विहार, कौशांबी, ग़ाज़ियाबाद और दूसरी जगहों पर भारी तादाद में लोग उमड़ रहे हैं।

दिल्ली में लॉकडाउन का ऐलान होने के बाद से बड़ी तादाद में लोग राजधानी छोड़ कर अपने-अपने गृह नगर लौटने लगे हैं। राजधानी से सटे आनंद विहार, कौशांबी, ग़ाज़ियाबाद और दूसरी जगहों पर भारी तादाद में लोग उमड़ रहे हैं। जैसा दृष्य पिछले साल के लॉकडाउन के दौरान देखा गया था, वैसा ही एक बार दिख रहा है।

बिहार और उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में पलायन कर रहे हैं। सोमवार को आनंद विहार रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर हज़ारों की भीड़ देखी गई थी। मंगलवार को भी बहुत लोग वहाँ हैं, कुछ और लोग वहाँ पहुँच रहे हैं ताकि वे अपने घर लौट सकें। 

लॉकडाउन में फँसने का डर

किसी तरह अपने घर लौटने की जद्दोजहद में शामिल इन प्रवासी मजदूरों का कहना है कि दिल्ली में लॉकडाउन का एलान एक सप्ताह के लिए ही सही, हो गया है। कोरोना संक्रमण तेज़ी से बढ़ता ही जा रहा है, ऐसे में लॉकडाउन की मियाद और बढ़ाई जा सकती है। ऐसे में लोग फँस सकते हैं। 

हालांकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से अपील की है कि लोग दिल्ली छोड़ कर न जाएँ, यह तात्कालिक संकट है और जल्द ही स्थिति पर काबू पा लिया जाएगा, पर लोगों पर इसका ख़ास असर नहीं पड़ा है। 

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केजरीवाल की अपील

केजरीवाल कहा, 'आपके आने-जाने में ही इतना समय खराब हो जाएगा। कितना पैसा खराब होगा। कितनी ऊर्जा खराब होगी। मुझे उम्मीद है कि ये छोटा लॉकडाउन है और छोटा ही रहेगा। मुझे पूरी उम्मीद है कि शायद बढ़ाने की जरूरत ना पड़े। आप दिल्ली में ही रहिए।'

लेकिन जाने वालों का ताँता नहीं रुक रहा है। संक्रमण बढ़ने के बारे में लेकर प्रवासी मजदूरों का कहना है कि उन्हें किसी सरकार पर अब भरोसा नहीं है। वे यदि संक्रमित भी हो जाते हैं तो कम से कम अपने घर तो पहुँच जाएंगे। उनका यह भी कहा है कि दिल्ली में कामकाज वैसे भी बंद हो रहा है, ऐसे में उन्हें रोज़ी-रोटी और खाने-पीने की भी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। 

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मोदी से राहुल की अपील

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को सरकार से कहा था वह लोगों की आर्थिक मदद करे। उन्होंने कहा,

प्रवासी एक बार फिर पलायन कर रहे हैं, ऐसे में केंद्र सरकार की ज़िम्मेदारी है कि उनके बैंक खातों में रुपये डाले, लेकिन कोरोना फैलाने के लिए जनता को दोष कोरोना फैलाने के लिए जनता को दोष देने वाली सरकार क्या ऐसा जन सहायक क़दम उठाएगी?


राहुल गांधी, नेता, कांग्रेस

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी सरकार से कहा है कि वह स्पष्ट करे कि प्रवासी मजदूरों पर उसकी क्या नीतियाँ हैं। उन्होंने कहा, 'कोविड की भयावहता देखकर ये तो स्पष्ट था कि सरकार को लॉकडाउन जैसे कड़े कदम उठाने पड़ेंगे लेकिन प्रवासी श्रमिकों को एक बार फिर उनके हाल पर छोड़ दिया, क्या यही आपकी योजना है? नीतियाँ ऐसी हों जो सबका ख्याल रखें, गरीबों, श्रमिकों, रेहड़ी वालों को नकद मदद वक्त की माँग है। कृपया ये करिए।'  

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यही हाल दूसरे राज्यों का भी है। महाराष्ट्र से भी मजदूरों का पलायन हो रहा है। मुंबई, नासिक, नागपुर, पुणे, ठाणे समेत कई इलाकों से पिछले कुछ दिनों से लगातार ट्रेनों में भर-भर कर लोग अपने-अपने गृह नगर लौट रहे हैं। 

राजस्थान सरकार ने इसके पहले ही 15 दिन के मिनी लॉकडाउन का ऐलान किया है, यहाँ से भी मजदूरों का पलायन शुरू हो गया है। बिहार और यूपी के प्रवासी मजदूर अपने घर लौट रहे हैं। पंजाब और गुजरात से भी मजदूरों के लौटने का सिलसिला शुरू हो गया है।

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