बांद्रा में भीड़ इकट्ठा होने के मामले में टीवी पत्रकार, विनय दुबे गिरफ़्तार
बांद्रा में मंगलवार शाम को जुटी मजदूरों की भारी भीड़ के मामले में पुलिस ने विनय दुबे नाम के शख़्स को गिरफ़्तार किया है। इसके अलावा एक टेलीविजन चैनल के पत्रकार के ख़िलाफ़ भी मुक़दमा दर्ज कर उसे गिरफ़्तार कर लिया गया है। पत्रकार ने रेलवे मंत्रालय के एक आंतरिक नोट का हवाला देते हुए कहा था कि प्रवासियों के लिये स्पेशल ट्रेन चलाई जाएगी। राज्य सरकार की ओर से 1 हज़ार लोगों के ख़िलाफ़ दंगा करने के आरोप में भी मुक़दमा दर्ज किया गया है।
‘चलो घर की ओर’ का आह्वान
नवी मुंबई में रहने वाले विनय दुबे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें वह प्रवासियों से ‘चलो घर की ओर’ का आह्वान कर रहा है। आरोप है कि उसने प्रवासियों को घर से बाहर निकलने के लिये उकसाया। वीडियो में दुबे कहता है, ‘14 अप्रैल को लॉकडाउन ख़त्म होने के बाद राज्य सरकार उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल जाने वाले लोगों के लिये ट्रेनों की व्यवस्था करे। एक बार ये लोग अपनी जगह पहुंच जाएं तो फिर उन्हें क्वरेंटीन कर लें। ये लोग यहां परेशान हैं और कोरोना वायरस से नहीं तो भूख से मर जाएंगे।’
विनय दुबे ने आगे कहा, ‘हम 14 या 15 अप्रैल तक का इंतजार करेंगे और अगर सरकार कुछ नहीं करती है तो मैं ख़ुद प्रवासियों के साथ पैदल यात्रा शुरू करूंगा।’
दूसरी ओर, पत्रकार के ख़िलाफ़ दर्ज मुक़दमे में रेल मंत्रालय के उस नोट का कोई जिक्र नहीं किया गया है, जिसका पत्रकार ने हवाला दिया था। पुलिस को शक है कि पत्रकार की इस ख़बर की वजह से बांद्रा रेलवे स्टेशन के पास बड़ी संख्या में लोग जमा हो गये।
जबकि रेलवे मंत्रालय के आंतरिक नोट में लॉकडाउन के कारण फंसे हुए प्रवासियों के लिये ‘जन साधारण’ ट्रेन चलाने के बारे में कहा गया था। एनडीटीवी के मुताबिक़, रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लॉकडाउन को बढ़ाये जाने के बाद इस आदेश को वापस ले लिया गया।
यहां पर सवाल यह उठता है कि ऐसे समय में जब मुंबई में कोरोना वायरस का संक्रमण ख़तरनाक स्तर पर है, रेलवे मंत्रालय के अधिकारी किस आधार पर ट्रेन चलाने के बारे में योजना बना रहे थे।
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सवाल उठाया है कि जब प्रधानंमत्री और मुख्यमंत्रियों के बीच 12 अप्रैल को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिन्ग के जरिये हुई बातचीत के बाद यह लगभग तय हो गया था कि लॉकडाउन को आगे बढ़ाया जाएगा, तो रेलवे के अधिकारी 13 अप्रैल को विशेष ट्रेन चलाने की योजना किस आधार पर बना रहे थे। उन्होंने पूछा है कि किसने यह अफ़वाह फैलाई।
रेलवे ने भी स्वीकार किया है कि ट्रेन चलाए जाने की ख़बर ज़ोन के वाणिज्यिक विभाग के आंतरिक संवाद के पत्र पर आधारित है और यह सोशल मीडिया पर चली गई।
लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाये जाने की घोषणा के बाद से ही मजदूरों के धैर्य का बांध टूट गया है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में मजदूरों को कहते हुए सुना जा सकता है कि वे किसी भी तरह अपने घर जाना चाहते हैं क्योंकि महानगरों में न उनके पास काम है और न ही खाने के लिये भोजन। इसके अलावा उनके पास पैसे भी ख़त्म हो चुके हैं और वे किसी तरह छोटे-छोटे कमरों या शेल्टर होम में दिन गुजार रहे हैं।
ये मजदूर इस बात के इंतजार में थे कि 14 अप्रैल को लॉकडाउन पार्ट वन ख़त्म होगा तो वे अपने घर जा सकेंगे। लेकिन लॉकडाउन को बढ़ाये जाने और रेल सेवाओं पर पाबंदी जारी रहने के कारण वे हताश हो गये। विनय दुबे के वायरल वीडियो और टीवी चैनल पर रेलवे मंत्रालय के नोट के हवाले से ख़बर चलाये जाने के बाद उन्हें लगा कि वे घर जा सकते हैं और वे सड़कों पर उतर आये।