बीजेपी में शामिल होंगे ‘मेट्रो मैन’ ई. श्रीधरन, केरल में लड़ेंगे चुनाव
देश भर में मेट्रो सेवा को बेहतर बनाने के लिए ‘मेट्रो मैन’ के नाम से पहचाने जाने वाले ई. श्रीधरन जल्द ही बीजेपी में शामिल होंगे। 88 साल के श्रीधरन केरल में विधानसभा का चुनाव भी लड़ेंगे। केरल में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं।
श्रीधरन ने एनडीटीवी से कहा कि उन्होंने बीजेपी में शामिल होने का फ़ैसला लिया है और अब सिर्फ़ औपचारिकता बाक़ी रह गयी है। श्रीधरन केरल में बीजेपी की ओर से निकाली जा रही विजय यात्रा के मौक़े पर रविवार को पार्टी की सदस्यता ले लेंगे।
88 साल के श्रीधरन ने एनडीटीवी से कहा, “मैं रिटायरमेंट के बाद पिछले 10 साल से केरल में रह रहा हूं। मैंने यहां कई सरकारें देखीं और लोगों के लिए जो किया जाना चाहिए, वे नहीं कर रही हैं। मैं बीजेपी में इसलिए जा रहा हूं कि अपने अनुभव का इस्तेमाल कर सकूं।”
विपक्ष पर लगाया आरोप
श्रीधरन ने अन्य राजनीतिक दलों की आलोचना की और आरोप लगाया कि विपक्ष पूरी तरह अंधा हो गया है और अपने तुच्छ फायदों के लिए भारत की ख़राब छवि को दिखा रहा है। उन्होंने इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर बीजेपी कहेगी तो वे चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।
श्रीधरन 2011 में दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के प्रमुख पद से रिटायर हुए थे। वह जयपुर, लखनऊ और कोच्चि के रेल प्रोजेक्ट्स को शुरू करने के काम में भी शामिल रहे थे। उन्हें 2001 में पद्म श्री और 2008 में पद्म विभूषण का सम्मान मिला था।
केरल की 140 सदस्यों वाली विधानसभा में बीजेपी का मात्र एक विधायक है। लेकिन वह विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियों में जुटी हुई है।
बीजेपी की सोशल इंजीनियरिंग
केरल में हिंदू मतदाताओं के बीच आधार बढ़ाने में जुटी बीजेपी को ईसाई मतदाताओं का भी साथ चाहिए। इसके पीछे वजह राज्य में ईसाई समुदाय की बड़ी आबादी का होना है। बीजेपी राज्य में ऐसी सोशल इंजीनियरिंग बना रही है, जिसमें हिंदू व ईसाई- दोनों समुदायों के मतदाताओं के वोट उसे मिलें।
केरल में अल्पसंख्यकों की आबादी लगभग 46 फ़ीसदी है। इसमें 27 फ़ीसदी मुसलमान और 19 फ़ीसदी ईसाई हैं। बीजेपी जानती है कि केरल में अगर उसे अगर सत्ता तक पहुंचना है तो सिर्फ़ हिंदू मतदाताओं से काम नहीं चलेगा। क्योंकि हिंदू मतों का बड़ा हिस्सा लेफ़्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ़) और यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ़) के बीच बंट जाता है। ऐसे में बीजेपी को ईसाई समुदाय से सियासी मदद मिलने की आस है। स्थानीय निकाय के चुनाव में बीजेपी ने ईसाई समुदाय के 500 लोगों को टिकट दिया था। साथ ही मुसलिम समुदाय के लोगों को भी मैदान में उतारा था।
ईसाई-मुसलिमों को तरजीह
बीजेपी आलाकमान ने ईसाई के साथ ही मुसलिम समुदाय को तरजीह देते हुए इन समुदायों के नेताओं को राष्ट्रीय स्तर पर जगह दी है। हाल ही में घोषित हुई बीजेपी की कार्यकारिणी में कांग्रेस से बीजेपी में आए और कभी सोनिया गांधी के क़रीबी रहे टॉम वडक्कन और कांग्रेस से ही आए एपी अब्दुल्लाकुट्टी को पार्टी ने क्रमश: प्रवक्ता और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया है।
हाल में हुए केरल के स्थानीय निकाय चुनावों में सत्ताधारी वाम मोर्चा को बड़ी जीत मिली थी। वाम मोर्चा ने ज़्यादातर ग्राम पंचायतों, ब्लॉक पंचायतों, ज़िला पंचायतों में जीत का परचम लहराया था और ज़्यादातर नगरपालिकाओं और नगर निगमों में भी उसे जीत मिली थी।