प्रवर्तन निदेशालय ने मायावती सरकार के दौरान हुए कथित स्मारक निर्माण घोटाले में गुरुवार को सात जगहों पर छापेमारी की। ईडी ने उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम और निजी संस्थानों के इंजीनियरों के घरों पर भी छापे मारे। कुछ दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबियों के ठिकानों पर सीबीआई ने छापे मारे थे।
लगाया आरोप : गठबंधन से डरकर बीजेपी कर रही है सीबीआई का इस्तेमाल: अखिलेश
2007 से लेकर 2012 के बीच मायावती सरकार ने लखनऊ और नोएडा में कई पार्क और स्मारकों का निर्माण कराया था। अधिकारियों के अनुसार, ईडी ने इस संबंध में आपराधिक मुक़दमा भी दर्ज़ किया है। उत्तर प्रदेश सरकार के विजिलेंस विभाग ने 2014 में इस मामले में शिकायत दर्ज़ कराई थी। तब कहा गया था कि पार्क और स्मारकों के निर्माण में लगभग 1400 करोड़ का घोटाला हुआ था।
गड़बड़ मामला : इधर गठबंधन की बात, उधर अखिलेश यादव पर सीबीआई की गाज
हाल ही में खनन मामले और स्मारक घोटाले में एजेंसियों की छापेमारी तेज हो गई है। सपा-बसपा का कहना है कि दोनों दलों का गठबंधन होने से केंद्र की बीजेपी सरकार घबरा गई है और राजनीतिक साज़िश के तहत सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल कर छापेमारी की जा रही है।