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मेहुल चोकसी से क्या एक बड़ा भारतीय नेता बात करना चाहता था?

मेहुल चोकसी से क्या एक बड़ा भारतीय नेता बात करना चाहता था?

भगोड़ा कारोबारी मेहुल चोकसी ने अब दावा किया है कि उससे एक बड़े ओहदे वाला भारतीय नेता बात करना चाहता था। उसने यह दावा एंटीगुआ और बारबाडोस पुलिस को दी गई शिकायत में किया है। 

भगोड़ा कारोबारी मेहुल चोकसी ने अब दावा किया है कि उससे एक बड़ा भारतीय नेता बात करना चाहता था। उसने यह दावा एंटीगुआ और बारबाडोस पुलिस को दी गई शिकायत में किया है। दरअसल चोकसी ने अपने अगवा किए जाने के मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई है और उसमें बारबरा जराबिका, दो भारतीय- नरेंद्र सिंह व गुरमीत सिंह और अन्य अज्ञात लोगों के नाम हैं। शिकायत में कहा गया है कि जब अगवा करने वाले उसे डोमिनिका में ले गए तो वहाँ बताया गया कि बड़े ओहदे का राजनेता उससे बात करेगा। 

मेहुल चोकसी द्वारा अपने अगवा किए जाने की शिकायत 3 जून को पुलिस से की गई थी। उसकी रिपोर्टें मीडिया में अब सामने आई हैं। चोकसी 23 मई को लापता हो गया था।

चोकसी जनवरी 2018 यानी तीन साल से एंटीगुआ में था और सब कुछ सामान्य चल रहा था कि 23 मई को चौंकाने वाली ख़बर आई। ख़बर थी चोकसी के लापता होने की। चौंकाने की ख़बर इसलिए थी कि वह 13 हज़ार करोड़ के पीएनबी ऋण घोटाले में आरोपी है। परिवार ने ग़ायब होने की शिकायत दर्ज कराई थी। लेकिन दो दिन बाद ही 25 मई को इसमें तब अचानक नया मोड़ आ गया जब डोमिनिका में अवैध रूप से घुसने के लिए चोकसी को गिरफ़्तार कर लिया गया। अगले ही दिन डोमिनिका की अदालत में चोकसी के वकीलों की टीम तैयार थी। इसने आरोप लगाया चोकसी लापता नहीं हुए थे बल्कि उन्हें अगवा किया गया, मारपीट की गई और उन्हें डोमिनिका ले आया गया।

चोकसी ने अगवा किए जाने की जो शिकायत दर्ज कराई है उसमें एक लड़की का नाम है। यहीं से इस पूरे मामले की शुरुआत होती है। उस लड़की के बारे में एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गेस्टन ब्राउन ने एक इंटरव्यू में कहा था कि चोकसी एंटीगुआ से अपनी गर्लफ्रेंड के साथ समय बिताने के लिए डोमिनिका में गया था और उसने यही बड़ी ग़लती कर दी।

एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गेस्टन ब्राउन ने चोकसी के जिस 'गर्लफ्रेंड' का ज़िक्र किया है उसको चोकसी के परिवार वाले ने हनीट्रैप वाली लड़की होने का आरोप लगाया है।

पुलिस को दी गई शिकायत में भी चोकसी इस बात का ज़िक्र करता है। 'टीओआई' की रिपोर्ट के अनुसार चोकसी ने आरोप लगाया है कि बारबरा जबारिका अगवा करने वालों से मिली हुई लगती है। उसने 23 मई की घटनाओं के बारे में कहा कि उसे जबारिका द्वारा उसके घर पर शाम 5 बजे आमंत्रित किया गया था। आरोप है कि जब वह वहाँ घर के बाहर इंतज़ार कर रहा था तो कुछ लोगों ने उसको कब्जे में ले लिया। शिकायत में कहा गया है कि 'एंटीगुआ पुलिस से होने का दावा करते हुए 8-10 लोगों ने मुझे बुरी तरह पीटा। मैं मुश्किल से होश में था। उन्होंने मेरा फ़ोन, घड़ी और वालेट ले लिया।' उसने यह कहते हुए जबारिका पर संदेह जताया है कि जब उसे पीटा जा रहा था तो उसने सहायता करने की कोशिश भी नहीं की। 

चोकसी ने दावा किया कि उसे एक नाव में ले जाया गया जिसमें दो भारतीय थे और तीन कैरीबियाई। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस की शिकायत में कहा गया है, '...मुझे बताया गया कि मुझे एक उच्च पदस्थ भारतीय राजनेता को साक्षात्कार देने के लिए इस ख़ास स्थान पर लाया गया है। उन्होंने मुझसे यह भी कहा कि डोमिनिका में मेरी नागरिकता 'फिक्स' हो जाएगी और मुझे जल्द ही भारत वापस भेज दिया जाएगा।' 

चोकसी द्वारा किए गए दावों की सच्चाई क्या है, यह साफ़ नहीं है। इसके पीछे क्या सच में किसी बड़े राजनेता का हाथ है या फिर चोकसी ने अपने बचने के लिए कोई नयी कहानी गढ़ी है, हो सकता है कि यह बाद में पता चले। लेकिन इतना तो तय है कि जिस तरह से एंटीगुआ और डोमिनिका में अलग-अलग मामले कोर्ट में चल रहे हैं व जाँच चल रही है उससे यह मामला और उलझता ही जाएगा और चोकसी को वापस भारत लाने में भी उतनी ही ज़्यादा देरी होगी। 

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