जम्मू-कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और नेशनल कांफ़्रेन्स के नेता उमर अब्दुल्ला को गिरफ़्तार कर लिया गया है। राज्य पुलिस ने सोमवार की शाम एहतियात बरतने के लिए यह कदम उठाया है ताकि राज्य में कोई गड़बड़ न फैले। इसके पहल रविवार की रात इन दोनोें नेताओं को नज़रबंद किया गया था।
नज़रबंद किए जाने के बाद उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की थी। उमर ने कहा कि हमें नहीं मालूम कि कश्मीर के लोगों के लिए क्या चल रहा है लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि अल्लाह ने जो भी सोचा है वह हमेशा बेहतर होगा। उन्होंने सभी से सुरक्षित रहने की भी अपील की है।
महबूबा मुफ़्ती ने ट्वीट किया कि ऐसे कठिन समय में मैं आप सभी को आश्वस्त करना चाहती हूँ कि जो भी होगा लेकिन हम एकजुट हैं और हम इससे लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि हमें हमारे अधिकारों के लिए लड़ने से कोई भी रोक नहीं सकता।
ख़ुफ़िया रिपोर्टों के मुताबिक़, सीमापार से आतंकवादी घुसपैठ की तैयारी में हैं और फ़रवरी में हुए पुलवामा जैसे हमले को अंजाम देने की कोशिश कर सकते हैं। इसे देखते हुए, बड़ी संख्या में जवानों को जम्मू-कश्मीर में तैनात किया गया है और राज्य में अमरनाथ यात्रा पर आए श्रद्धालुओं और यात्रियों से जल्द से जल्द वापस जाने के लिए कहा गया था। बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक घाटी को छोड़कर जा रहे हैं।
महबूबा मुफ़्ती ने राज्य के हालात पर चर्चा करने के लिए रविवार को सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी, लेकिन पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर कहा है कि किसी भी होटल में राजनीतिक दलों की बैठकें नहीं होनी चाहिए। इसके बाद रविवार शाम को 6 बजे महबूबा के घर पर सभी दलों की बैठक हुई थी। महबूबा ने पूछा था कि केंद्र सरकार की इंसानियत, कश्मीरियत और जम्हूरियत कहाँ चली गई। महबूबा ने कहा था कि सरकार यात्रियों को राज्य से बाहर कर रही है, पर्यटकों को खाली कराया जा रहा है, मजदूर, छात्र, क्रिकेटर सभी लोग राज्य छोड़कर जा रहे हैं। महबूबा ने कहा था कि जान बूझकर दहशत का माहौल पैदा किया जा रहा है।