सूमी में फँसे सभी भारतीय छात्र पश्चिमी यूक्रेन के लिए निकले: विदेश मंत्रालय
यूक्रेन रूस युद्ध शुरू होने के बाद से ही सूमी में फँसे भारतीयों को अब वहाँ से निकाला जा रहा है। भारत के विदेश मंत्रालय ने इसको लेकर एक बयान जारी किया है। इसने कहा है कि सूमी से सभी भारतीय छात्र निकल चुके हैं और वे फ़िलहाल पोल्टावा की ओर जा रहे हैं। वहाँ से वे ट्रेन के माध्यम से पश्चिमी यूक्रेन जाएँगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया है कि सूमी में फँसे सभी भारतीय छात्र पोल्टावा से होकर पश्चिमी यूक्रेन के लिए निकले हैं और ऑपरेशन गंगा के तहत उन्हें देश वापस लाने के लिए फ्लाइट को तैयार किया जा रहा है।
Happy to inform that we have been able to move out all Indian students from Sumy.
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) March 8, 2022
They are currently en route to Poltava, from where they will board trains to western Ukraine.
Flights under #OperationGanga are being prepared to bring them home. pic.twitter.com/s60dyYt9U6
एक रिपोर्ट के अनुसार सूमी में क़रीब 700 भारतीय छात्र फँसे थे। आज ही केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संवाददाताओं से कहा कि सूमी में फँसे सभी 694 भारतीय छात्र बसों में पोल्टावा के लिए रवाना हो गए हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, सूमी विश्वविद्यालय में एक मेडिकल छात्र ने पुष्टि की कि बसें आ गई हैं और छात्रों ने बसों में चढ़ना शुरू कर दिया है।
छात्रों को सूमी और यूक्रेन की राजधानी कीव के पास इरपिन शहर से नागरिकों को निकालने के हिस्से के रूप में एक गलियारे के माध्यम से मध्य यूक्रेन के एक शहर पोल्टोवा में स्थानांतरित कर दिया गया। यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने भी सूमी के नागरिकों को निकालने का एक वीडियो ट्वीट करते हुए कहा, 'हम रूस से यूक्रेन में अन्य मानवीय गलियारों पर सहमत होने का आह्वान करते हैं'।
We have already started the evacuation of civilians from Sumy to Poltava, including foreign students.
— MFA of Ukraine 🇺🇦 (@MFA_Ukraine) March 8, 2022
We call on Russia to agree on other humanitarian corridors in Ukraine.#Ukraine #StopRussianAggression pic.twitter.com/pmjhHLkIrH
बता दें कि सैकड़ों भारतीय छात्र रूस की सीमा के पास उत्तर पूर्वी यूक्रेन में फंसे हुए थे। सरकार ने तीन दिन पहले यूक्रेन और रूस से एक सुरक्षित गलियारा देने को कहा था जिससे सभी भारतीयों को निकाला जा सके। इसके साथ ही उसने छात्रों को सुरक्षा के लिए सावधानी बरतने, शेल्टर के अंदर रहने और अनावश्यक जोखिम से बचने की सलाह दी थी।
विदेश मंत्रालय का यह आश्वासन तब आया था जब उत्तर पूर्वी यूक्रेन के सूमी शहर में फँसे भारतीय छात्रों ने कई वीडियो साझा किए थे।
एक वीडियो में उन्होंने कहा था कि उन्होंने 50 किलोमीटर दूर रूसी सीमा तक एक जोखिम भरा यात्रा करने का फ़ैसला कर लिया है। उन्होंने दावा किया था कि यह सूमी से उनका 'आख़िरी वीडियो' होगा। उन्होंने कहा था कि अगर उन्हें कुछ हुआ तो भारत सरकार और यूक्रेन में उसका दूतावास ज़िम्मेदार होगा। हालाँकि, दूतावास द्वारा संपर्क किए जाने के बाद छात्रों ने नहीं छोड़ने का फ़ैसला कर लिया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ सूमी से भारतीय छात्रों को निकासी को लेकर चर्चा की थी।
बता दें कि रूस ने 24 फ़रवरी को यूक्रेन पर हमला किया था। इस युद्ध में सैकड़ों नागरिक भी मारे गए हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने शनिवार को कहा था कि लड़ाई शुरू होने के बाद से कम से कम 331 नागरिकों के मारे जाने की पुष्टि हुई है, लेकिन वास्तविक संख्या शायद इससे कहीं अधिक है। बड़ी संख्या में सैनिकों के भी मारे जाने की ख़बरें हैं। युद्ध के बाद लाखों लोग यूक्रेन से भाग गए हैं।