13 हज़ार भारतीय लौटे, खारकीव से लगभग सभी लाए गए: विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा है कि यूक्रेन में फँसे 13,300 से अधिक भारतीयों को 63 उड़ानों में देश वापस लाया जा चुका है। हालाँकि, उत्तर पूर्वी यूक्रेन के सूमी शहर में बड़ी संख्या में भारतीय अभी भी फँसे हुए हैं।
एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस को संबोधित करते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा, 'बड़ी संख्या में भारतीय यूक्रेन छोड़ चुके हैं। सूमी और कुछ क्षेत्रों के अलावा वहाँ बहुत भारतीय नागरिक नहीं फँसे हैं।' उन्होंने कहा, 'दूतावास किसी से भी संपर्क करने की कोशिश करेगा जो अभी भी वहाँ है। लगभग सभी भारतीय खारकीव शहर छोड़ चुके हैं।'
मंत्रालय ने कहा है, 'कौन पीछे छूट गया है और किस शहर में है, इस पर दूतावास नए सिरे से विचार करने जा रहा है। हमारे आकलन के अनुसार, संख्या बहुत अधिक नहीं है।' मंत्रालय द्वारा आश्वासन दिए जाने के बाद कि अगले कुछ घंटों में पिसोचिन और खारकीव से सभी को हटा लिया जाएगा, यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने इसको लेकर एक ट्वीट किया।
यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया, 'पिसोचिन से सभी भारतीय नागरिकों से निकाल लिया गया है। मिशन उनकी यात्रा के दौरान उनके संपर्क में बना रहेगा। उनकी सुरक्षा हमेशा से हमारी प्राथमिकता रही है। सुरक्षित रहें मजबूत बनें।'
Pisochyn has been evacuated of all Indian citizens. Mission will continue to remain in touch with them through their journey. Their safety has always been our priority.
— India in Ukraine (@IndiainUkraine) March 5, 2022
Be Safe Be Strong@opganga @MEAIndia pic.twitter.com/cz2Prishgp
बता दें कि सूमी में फँसे छात्रों को लेकर भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उसने रूस और यूक्रेन से कहा है कि वे सूमी में फँसे भारतीय छात्रों के लिए सुरक्षित गलियारा बनाएँ।
इसके साथ ही विदेश मंत्रालय ने शनिवार को यूक्रेन के सूमी में फँसे भारतीय छात्रों को अंदर रहने की सलाह दी। ट्विटर पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने लिखा, 'हम यूक्रेन के सूमी में भारतीय छात्रों के बारे में बहुत चिंतित हैं। हमारे छात्रों के लिए एक सुरक्षित गलियारा बनाने के लिए तत्काल युद्धविराम को लेकर कई चैनलों के माध्यम से रूसी और यूक्रेनी सरकारों पर जोरदार दबाव डाला है।'
विदेश मंत्रालय का यह आश्वासन शनिवार को तब आया जब सूमी शहर में फँसे भारतीय छात्रों ने कई वीडियो साझा किए हैं। एक वीडियो में उन्होंने कहा कि उन्होंने 50 किलोमीटर दूर रूसी सीमा तक एक जोखिम भरा यात्रा करने का फ़ैसला किया है। उन्होंने दावा किया कि यह सूमी से उनका 'आख़िरी वीडियो' होगा। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें कुछ हुआ तो भारत सरकार और यूक्रेन में उसका दूतावास ज़िम्मेदार होगा। हालाँकि, दूतावास द्वारा संपर्क किए जाने के बाद छात्रों ने नहीं छोड़ने का फ़ैसला किया।
यूक्रेन और रूस के बीच अगले दौर की वार्ता कल
यूक्रेन और रूस के बीच अगले दौर की वार्ता सोमवार को होगी। एपी की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेनी अधिकारी डेविड अरखामिया ने शनिवार को यह बात कही। अरखामिया राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के सर्वेंट ऑफ़ द पीपल पार्टी के संसदीय गुट के प्रमुख और वार्ता में यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य हैं।