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हद है...स्टैंडिंग कमेटी चुनने के लिए MCD पार्षदों में मारपीट

हद है...स्टैंडिंग कमेटी चुनने के लिए MCD पार्षदों में मारपीट

एमसीडी सदन में मेयर का चुनाव जहां जितनी शांति से हुआ, वहां स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों का चुनाव करने के लिए बीजेपी और आम आदमी पार्टी के पार्षद रातभर मारपीट, हाथापाई करते रहे। एमसीडी सदन की बैठक के जो वीडियो और फोटो सामने आए हैं वो शर्मसार करने वाले हैं। सत्ता की भूख ने सभी दलों के पार्षदों को इतना निम्न स्तर पर गिरा दिया है।

एमसीडी सदन की बैठक के पहले सत्र में मेयर चुनाव जितनी शांति से हुआ, दूसरे सत्र में अराजकता की सारी सीमाएं पार हो गईं। एमसीडी सदन की चौथी बैठक गुरुवार सुबह 10 बजे तक चली और आज 23 फरवरी को मेयर शैली ओबरॉय ने सदन कल शुक्रवार सुबह तक स्थगित करने की घोषणा कर दी। पिछले 20 घंटों में बीजेपी और आम आदमी पार्टी पार्षद एक दूसरे से हाथापाई, मारपीट, पानी की बोतल फेंकते देखे गए। इस खबर के बीच में कुछ वीडियो डाले गए हैं, जिन्हें दोनों ही दलों के लोगों ने सोशल मीडिया पर डाले हैं। एमसीडी के लोकतंत्र में ऐसी घटनाएं पहले नहीं हुई थीं। दूसरे सत्र में दरअसल स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव होना था। एमसीडी में सबसे पावरफुल स्टैंडिंग कमेटी ही होती है। मेयर इस कमेटी की मंजूरी के बिना कोई फैसला नहीं ले सकता। इसलिए इस कमेटी पर कब्जे के लिए बीजेपी और आप पार्षद आपस में लड़ाई करने लगे। सदन की बैठक रातभर चलती रही और स्थगित होती रही और इस दौरान अराजक दृश्य सामने आते रहे।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक स्टैंडिंग कमेटी में छह सदस्यों को चुना जाना है। आप और बीजेपी के पार्षदों के बीच गुरुवार सुबह 4 बजे तक सत्र चलने के साथ शारीरिक और मौखिक शब्दों का आदान-प्रदान हुआ। बात इतनी बढ़ गई कि एक समय पर, नवनिर्वाचित मेयर शैली ओबेरॉय ने आरोप लगाया कि बीजेपी पार्षदों ने उन पर हमला करने का प्रयास किया था। शैली ने कहा- सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, जब मैं स्थायी समिति का चुनाव करा रही थी, तब बीजेपी पार्षदों ने मुझ पर हमला करने की कोशिश की! यह बीजेपी की गुंडागर्दी की हद है कि वे एक महिला मेयर पर हमला करने की कोशिश कर रहे हैं।

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक बीजेपी सदस्यों ने भी आरोप लगाया कि उनके पार्षदों को चोटें आई हैं। मेयर चुनाव के पीठासीन अधिकारी सत्य शर्मा ने कहा - हमारे कई नेताओं को मामूली चोटें आई हैं। उन्होंने हमारे नेताओं को बोतल, सेब और जूते से मारा। प्रमोद गुप्ता को थप्पड़ मारा गया।

वीडियो में आप और बीजेपी पार्षद एक-दूसरे पर पानी की बोतलें और फल फेंकते, धक्का-मुक्की करते साफ देखे जा सकते हैं।

आप विधायक आतिशी और कुछ अन्य पार्टी विधायक, जो सदन में मौजूद थे, पार्टी के पार्षदों को शांत करने की कोशिश की। एक मौके पर आतिशी चिल्लाकर बोलती दिखीं - जो वो करेंगे तो तुम भी करोगे? आतिशी और अन्य विधायक मेयर चुनाव में वोट डालने आए थे और सदन में ही रुके हुए थे।

आधी रात तक नौ बार एमसीडी सदन की कार्यवाही स्थगित की गई। आप के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि बीजेपी पार्षदों ने चुनाव को बाधित करने की पुरजोर कोशिश की। सौरभ ने कहा - सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि मेयर, डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के चुनाव बुधवार को होंगे। लेकिन बीजेपी नेता लगातार चुनाव में खलल डालने की कोशिश कर रहे हैं. हम शीर्ष अदालत के आदेश का पालन करेंगे और किसी भी कीमत पर चुनाव कराएंगे, भले ही इसमें पूरी रात लग जाए।

स्थायी समिति के चुनाव के लिए बैलेट पेपर बंटने के कुछ मिनट बाद शाम 6.30 बजे सदन में पहली बार हंगामा हुआ। बीजेपी नेताओं ने मांग की कि सदन के अंदर मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाए। इस पर मेयर शैली ओबेरॉय ने इनकार कर दिया और कहा कि सभी सम्मानित पार्षद हैं और अपने मोबाइल फोन अपने पास रख सकते हैं।

जैसे ही विरोध तेज हुआ, मेयर ओबेरॉय ने उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया और उन्हें बैठने के लिए कहा। लेकिन बीजेपी की ओर से विरोध जारी रहा। बीजेपी पार्षद 'रघुपति राघव राजा राम' गाने लगे। रात करीब 9.30 बजे सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने के बाद बीजेपी पार्षदों ने 'धोखेबाज़, धोखेबाज़, शैली ओबेरॉय धोखेबाज़' का नारा लगाया, जिसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। रात करीब 11.30 बजे कुछ महिला पार्षद हिंसा की आशंका से सदन से बाहर जाने लगीं।

दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी नहीं चाहती कि स्थायी समिति का चुनाव हो क्योंकि वह हार जाएगी। आप ने जिस तरह पहले फोन के इस्तेमाल की अनुमति देकर और बाद में दर्शक दीर्घा से सदन में बोतलें फेंक कर स्थायी समिति के चुनाव में बाधा डाली, उससे साफ है कि वे चुनाव नहीं होने देंगे क्योंकि वे हार रहे हैं।   

क्यों हो रहा है बवालः एमसीडी का मेयर नाममात्र का प्रमुख होता है। दरअसल, स्थायी समिति के पास कार्यकारी शक्तियाँ होती हैं। योजनाओं को वित्तीय मंजूरी देने, एमसीडी की नीतियां बनाने उन्हें अंतिम रूप देने, उप-समितियों की नियुक्ति (शिक्षा, पर्यावरण, पार्किंग आदि जैसे मुद्दों पर) की शक्तियां स्थायी समिति के पास हैं। जिसकी उपसमितियों में 18 सदस्य होते हैं। स्थायी समिति के छह सदस्यों का चुनाव सदन में किया जाता है, जबकि शेष 12 का चुनाव बाद में वार्ड समितियों द्वारा किया जाएगा।

बीती आधी रात को बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि वे एलजी के सामने अपनी पार्टी के सदस्यों पर हमले का मामला उठाएंगे। गुप्ता ने कहा- यह गुंडागर्दी है। मेयर बनने के कुछ ही घंटों में शैली ओबेरॉय अपना रंग दिखाने लगीं। सदन फिर से कब शुरू होगा और कब तक चलेगा, इसका हमें कोई अंदाज़ा नहीं है। हमारा एकमात्र अनुरोध स्थायी समिति के लिए नए सिरे से मतदान कराना है।

रात करीब 1 बजे बीजेपी के कुछ सदस्य सदन के अंदर भजन गाते देखे गए। इस बीच, आतिशी, शैली ओबेरॉय और आप के अन्य नेताओं ने देर रात प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें बीजेपी को अराजकता के लिए जिम्मेदार ठहराया गया। आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा- हम सभी ने अभी डिनर किया है और नाश्ते का ऑर्डर पहले ही दिया जा चुका है। स्थायी समिति के चुनाव इसी बैठक में होंगे- किसी भी कीमत पर। इस बार बीजेपी की चाल नहीं चलेगी।

लगभग 2 बजे, सदन को फिर से एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया। सदन फिर से इकट्ठा हुआ - लेकिन इसके तुरंत बाद फिर अराजकता लौट आई। सुबह 4 बजे एक और स्थगन हुआ।

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