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MCD चुनाव: बीजेपी, कांग्रेस और आप के उम्मीदवारों ने भरे पर्चे

MCD चुनाव: बीजेपी, कांग्रेस और आप के उम्मीदवारों ने भरे पर्चे

एमसीडी के चुनाव को लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच जबरदस्त टक्कर है। 2017 के एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी को हार मिली थी लेकिन इस बार उसने जीत का दम भरा है। क्या अरविंद केजरीवाल आप को जिता पाएंगे?

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चुनाव को लेकर सोमवार को नामांकन का अंतिम दिन है। इसलिए बीजेपी, आम आदमी पार्टी, कांग्रेस सहित अन्य दलों के सैकड़ों उम्मीदवारों ने समर्थकों के साथ अपने पर्चे दाखिल किए। एमसीडी के चुनाव के लिए 4 दिसंबर को वोटिंग होगी और नतीजे 7 दिसंबर को आएंगे। 

एमसीडी का चुनाव जीतने के लिए बीजेपी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के अलावा छोटे दलों ने भी पूरी ताकत झोंक दी है। 

2017 में जब एमसीडी के 272 वार्डों में चुनाव हुआ था तो बीजेपी को 181 वार्डों में जीत मिली थी जबकि आम आदमी पार्टी को 48, कांग्रेस को 30 और अन्य को 11 वार्डों पर जीत मिली थी। 

साल 2012 तक दिल्ली में एकीकृत नगर निगम था लेकिन दिल्ली की तत्कालीन शीला दीक्षित सरकार ने इसे उत्तरी, दक्षिणी और पूर्वी नगर निगमों में बांट दिया था। लेकिन केंद्र सरकार ने इसे फिर से एक कर दिया है और वार्डों के परिसीमन के बाद अब एमसीडी में 250 वार्ड बनाए गए हैं।

छोटे दलों की दस्तक

एमसीडी के चुनाव में इस बार छोटे दल भी पूरी ताकत के साथ उतर रहे हैं। हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली एआईएमआईएम और चंद्रशेखर रावण की आजाद समाज पार्टी ने एमसीडी के चुनाव के लिए गठबंधन किया है। एआईएमआईएम 68 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि आजाद समाज पार्टी 32 सीटों पर। दोनों पार्टियों ने मिलकर हिस्सेदारी मोर्चा बनाया है। 

मुस्लिम-दलित वोटों पर है नज़र

इस गठबंधन की नजर मुस्लिम और दलित बहुल वार्डों पर है। एआईएमआईएम के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष कलीमुल हफीज़ ने कहा कि पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और वरिष्ठ नेता वारिस पठान एमसीडी के चुनाव में पार्टी के प्रत्याशियों का प्रचार करेंगे। एआईएमआईएम करावल नगर, ओखला, चांदनी चौक, सीमापुरी, मुस्तफाबाद, बल्लीमारान, बाबरपुर, सीलमपुर, मटिया महल और सदर बाजार की विधानसभा सीटों में आने वाले वार्डों में पूरी ताकत के साथ चुनाव मैदान में उतर रही है। ये सभी सीटें मुस्लिम बहुल हैं। 

लगभग दो करोड़ की आबादी वाली दिल्ली में 15 फीसद मुस्लिम मतदाता हैं। 2015 और 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं के बड़े तबके ने आम आदमी पार्टी का साथ दिया था और आम आदमी पार्टी की बड़ी जीत में यह साफ दिखाई भी दिया था। जबकि कांग्रेस दोनों चुनावों में शून्य पर सिमट गई थी। 

इसके अलावा बीएसपी, जेडीयू और सीपीएम ने भी कई सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। नामांकन के बाद नाम वापसी का दौर शुरू होगा और 19 नवंबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। 

केजरीवाल की 10 गारंटियां

एमसीडी चुनाव में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता के लिए 10 गारंटियों का ऐलान किया है। इन गारंटियों में कूड़े के पहाड़ ख़त्म करना, दिल्ली को साफ करना, पार्किंग समस्या को ख़त्म करना आदि शामिल हैं। 

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बीजेपी ने गिनाए घोटाले

केजरीवाल की 10 गारंटियों के जवाब में दिल्ली बीजेपी ने उन पर घोटाले करने के आरोप लगाए हैं। बीजेपी ने कहा है कि दिल्ली जल बोर्ड में घोटाला हुआ है। आबकारी नीति में हुई कथित गड़बड़ियों को लेकर बीजेपी दिल्ली में पहले से ही आम आदमी पार्टी पर हमलावर है। इसके अलावा बीजेपी ने दिल्ली में डीटीसी घोटाला, क्लासरूम घोटाला, वक्फ बोर्ड घोटाला, हवाला कांड घोटाला, ऑक्सीजन घोटाला और राशन घोटाले को सामने रखा है। 

ये हैं बड़े मुद्दे 

एमसीडी के चुनाव के बीच ही कूड़े के पहाड़ और यमुना नदी की सफाई पर राजनीति शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि बीजेपी ने दिल्ली नगर निगम में अपने पिछले 15 साल के शासन में यहां कूड़े के ढेर लगा दिए हैं। जबकि बीजेपी यमुना नदी की सफाई को लेकर केजरीवाल सरकार को घेर रही है। 

कथित तौर पर हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने वाले पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम को आम आदमी पार्टी के द्वारा एमसीडी चुनाव में स्टार प्रचारक बनाने को भी बीजेपी ने मुद्दा बना लिया है। 

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कड़े मुकाबले के आसार

एबीपी न्यूज़-सी वोटर ने एमसीडी के चुनाव को लेकर हाल ही में ओपिनियन पोल किया है। ओपिनियन पोल के मुताबिक, 250 वार्ड वाले दिल्ली नगर निगम यानी एमसीडी में बीजेपी को 118-138, आम आदमी पार्टी को 104-124, कांग्रेस को 4-12 और अन्य को 0-4 सीटें मिल सकती हैं। निश्चित रूप से इस ओपिनियन पोल के मुताबिक, एमसीडी पर कब्जे के लिए बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच जोरदार टक्कर होने जा रही है। 

आम आदमी पार्टी के सबसे बड़े चेहरे और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एमसीडी के साथ ही गुजरात के विधानसभा चुनाव में भी पूरा जोर लगा रहे हैं लेकिन उनके सामने बड़ी चुनौती एमसीडी के चुनाव जीतने की है। देखना होगा कि अरविंद केजरीवाल एमसीडी में आम आदमी पार्टी का मेयर बना पाते हैं या नहीं। 

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