MCD चुनाव: 2012 और 2017 में क्या रहे थे नतीजे?
एमसीडी चुनाव को लेकर दिल्ली में जोरदार चुनाव प्रचार हुआ और शुक्रवार शाम को यह थम गया। 4 दिसंबर को वोटिंग होगी और नतीजे 7 दिसंबर को आएंगे। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने पूरा जोर लगाया ही बीजेपी ने तो अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा सहित तमाम नेताओं को चुनाव प्रचार में उतार दिया।
बता दें कि साल 2012 तक दिल्ली में एकीकृत नगर निगम था लेकिन दिल्ली की तत्कालीन शीला दीक्षित सरकार ने इसे उत्तरी, दक्षिणी और पूर्वी नगर निगमों में बांट दिया था। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम, उत्तरी दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम का कार्यकाल इस साल मई में समाप्त हो गया था और इसके बाद मौजूदा केंद्र सरकार ने इन्हें फिर से एकीकृत कर दिया है।
आज हम बात करेंगे कि 2012 और 2017 में हुए एमसीडी के चुनाव में किस राजनीतिक दल को कितनी सीटें मिली थी और उसका प्रदर्शन कैसा रहा था। 2012 के एमसीडी चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही लड़ाई रही थी क्योंकि तब आम आदमी पार्टी अस्तित्व में नहीं आई थी।
2012 और 2017 में एमसीडी में 272 वार्डों के लिए चुनाव हुआ था लेकिन नए परिसीमन के बाद अब इनकी संख्या 250 हो गई है।
2012 का एमसीडी चुनाव
2012 के एमसीडी चुनाव में बीजेपी को 138 वार्ड में जीत मिली थी जबकि कांग्रेस को 78 वार्ड में और बसपा को 15 वार्ड में जीत मिली थी। अन्य वार्ड निर्दलीयों, एनसीपी, इंडियन नेशनल लोकदल, राष्ट्रीय लोक दल, जेडीयू, समाजवादी पार्टी व कुछ और दलों के खाते में गए थे।
2012 में बीजेपी को 36.74 फीसद वोट मिले थे जबकि कांग्रेस को 30.54 फीसद वोट मिले थे। बसपा को 9.98 फीसद और निर्दलीय व अन्य उम्मीदवारों को लगभग 23 फीसद वोट मिले थे।
2017 एमसीडी चुनाव
बात 2017 के एमसीडी चुनाव की करें तो बीजेपी को 181 वार्डों में जीत मिली थी जबकि आम आदमी पार्टी को 48, कांग्रेस को 30 और अन्य को 13 वार्डों पर जीत मिली थी। 2017 में बीजेपी को 36.02 फीसद, आम आदमी पार्टी को 26.21 फीसद, कांग्रेस को 21.21 फीसद, बसपा को 4.43 फीसद और निर्दलीयों और अन्य पार्टियों के उम्मीदवारों को लगभग 12 फीसद वोट मिले थे।
2017 के एमसीडी चुनाव के नतीजों को आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका माना गया था क्योंकि दिल्ली की सत्ता में होते हुए भी उसे बीजेपी के हाथों करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी ने दावा किया है कि वह बीजेपी को इस चुनाव में धूल चटा देगी।
केजरीवाल बना पाएंगे मेयर?
दिल्ली और पंजाब के विधानसभा चुनाव में मिली बड़ी जीत के बाद आम आदमी पार्टी एमसीडी का चुनाव जीतना चाहती है। आम आदमी पार्टी ने बीजेपी और केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि मार्च 2022 में होने वाले एमसीडी के चुनाव को जानबूझकर टाला गया और इसके बाद वार्डों का परिसीमन भी गलत ढंग से किया गया है लेकिन बावजूद इसके पार्टी ने कहा है कि वह इस चुनाव में बीजेपी को हरा देगी।
पार्टी के सबसे बड़े चेहरे और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एमसीडी के साथ ही गुजरात के विधानसभा चुनाव में भी पूरा जोर लगा रहे हैं लेकिन उनके सामने बड़ी चुनौती एमसीडी के चुनाव जीतने की है। देखना होगा कि अरविंद केजरीवाल एमसीडी में आम आदमी पार्टी का मेयर बना पाते हैं या नहीं या फिर बीजेपी एक बार फिर एमसीडी में कब्जा जमाने में सफल रहती है। क्योंकि इस चुनाव में मुख्य मुकाबला बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच ही माना जा रहा है।