MCD: बीजेपी का यू टर्न, रेखा गुप्ता लड़ेंगी मेयर का चुनाव
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चुनाव में बीजेपी ने मेयर के पद पर रेखा गुप्ता को प्रत्याशी बनाया है। यह बीजेपी का यू-टर्न है क्योंकि कुछ दिन पहले ही दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा था कि एमसीडी के चुनाव में चूंकि बहुमत आम आदमी पार्टी के पास है इसलिए मेयर भी आम आदमी पार्टी का बनेगा और बीजेपी विपक्ष की भूमिका में रहेगी।
लेकिन अब जब बीजेपी ने अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है तो मेयर के चुनाव में रोमांचक मुकाबला देखने को मिल सकता है। रेखा गुप्ता शालीमार बाग से पार्षद हैं।
एमसीडी के मेयर का चुनाव 6 जनवरी को होगा। रेखा गुप्ता के अलावा राम नगर वार्ड से पार्षद का चुनाव जीतने वाले कमल बागड़ी को डिप्टी मेयर पद का उम्मीदवार बनाया गया है।
मेयर और डिप्टी मेयर के लिए नामांकन की आज आखिरी तारीख है।
आप ने शैली ओबेरॉय को उतारा
कुछ दिन पहले आम आदमी पार्टी ने मेयर के पद के लिए शैली ओबेरॉय को उम्मीदवार बनाया था जबकि डिप्टी मेयर के पद पर आले मोहम्मद इकबाल को मैदान में उतारा था। शैली ओबेरॉय वार्ड 86 पटेल नगर विधानसभा से निगम पार्षद चुनी गई हैं जबकि आले मोहम्मद इकबाल ने वार्ड संख्या 76 मटिया महल विधानसभा से पार्षद का चुनाव जीता था।
मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में एमसीडी के 250 पार्षदों के साथ ही दिल्ली विधानसभा के 13 विधायक और दिल्ली में लोकसभा और राज्यसभा के 10 सांसद भी वोट डाल सकेंगे। जबकि एमसीडी में एलजी के द्वारा मनोनीत पार्षदों को चुनाव में वोट डालने का अधिकार नहीं है।
एमसीडी के चुनाव में आम आदमी पार्टी को 134, बीजेपी को 104 और कांग्रेस को 9 सीटों पर जीत मिली थी और 15 साल से एमसीडी की सत्ता में बैठी बीजेपी की विदाई हो गई थी।
क्रॉस वोटिंग का डर
मेयर के चुनाव में राजनीतिक दलों को सबसे बड़ा डर क्रॉस वोटिंग का होता है क्योंकि इसमें पार्षदों पर दल-बदल कानून लागू नहीं होता और राजनीतिक दल अपने पार्षदों के लिए व्हिप भी जारी नहीं कर सकते। ऐसे में पार्षद क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं। मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव के बाद दिल्ली के 12 एडमिनिस्ट्रेटिव जोन के लिए चुनाव होगा।
एमसीडी में मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव इसलिए रोमांचक हो सकता है क्योंकि आम आदमी पार्टी के पास बहुमत के लिए जरूरी 126 पार्षदों से सिर्फ कुछ ही ज्यादा पार्षद हैं। ऐसे में अगर बड़े पैमाने पर क्रॉस वोटिंग हुई तो समीकरण बिगड़ भी सकते हैं।
एमसीडी चुनाव के नतीजे आने के बाद बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने एक-दूसरे पर उनके पार्षदों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया था।
कांग्रेस का खराब प्रदर्शन
कांग्रेस को एमसीडी की चुनावी लड़ाई से पहले से ही बाहर माना जा रहा था और ऐसा ही हुआ। कांग्रेस को एमसीडी के चुनाव में सिर्फ 9 सीटों पर जीत मिली जबकि साल 2017 के चुनाव में उसे 30 सीटों पर जीत मिली थी। इस बार उसे सिर्फ 12 फीसद वोट हासिल हुए हैं जबकि पिछली बार उसने 21 फीसद वोट हासिल किए थे। 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में वह दिल्ली में खाता भी नहीं खोल सकी थी और 2020 के विधानसभा चुनाव में तो अधिकतर सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गई थी।