'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म को कई राज्यों में भारी समर्थन, एमपी में पुलिस वालों को 1 दिन की छुट्टी
कश्मीर से कश्मीरी पंडितों के पलायन पर बनी फिल्म द कश्मीर फाइल्स को लेकर बीजेपी शासित तमाम राज्य उसे अपने-अपने ढंग से प्रमोट करने में जुट गए हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने आज एक निर्देश जारी किया कि अगर राज्य के पुलिसकर्मी यह फिल्म देखना चाहते हैं तो उन्हें इसके लिए अवकाश होगा। इसके अलावा भी इस फिल्म को अन्य बीजेपी शासित राज्यों से जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सोमवार को पत्रकारों को बताया कि राज्य के पुलिसकर्मियों को फिल्म द कश्मीर फाइल्स देखने के लिए छुट्टी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में डीजीपी सुधीर सक्सेना को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
द कश्मीर फाइल्स, विवेक अग्निहोत्री द्वारा लिखित और निर्देशित और ज़ी स्टूडियो द्वारा निर्मित, कश्मीरी पंडितों के पलायन की कहानी कहती है। पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा कश्मीर में कत्ल-ए-आम के बाद, कश्मीरी पंडितों को यहां से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा। फिल्म में अनुपम खेर, दर्शन कुमार, मिथुन चक्रवर्ती और अन्य कलाकार मुख्य भूमिका में हैं। इससे पहले रविवार को एक ट्वीट में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लिखा था कि फिल्म 90 के दशक में कश्मीरी हिंदुओं का दर्द बयां करती है। उन्होंने कहा कि यह बहुत जरूरी है कि इस फिल्म को बड़ी संख्या में लोग देखें। इसलिए मध्य प्रदेश सरकार ने इसे टैक्स फ्री करने का फैसला किया है।
Facts about #KashmiriPandits issue:
— Congress Kerala (@INCKerala) March 13, 2022
Pandits left the valley en masse under the direction of Governor Jagmohan who was an RSS man. The migration started under the BJP-supported VP Singh government. #Kashmir_Files vs Truth (2/n) pic.twitter.com/10aUmdHjWM
हालांकि हरियाणा वो पहला राज्य था, जिसने इस फिल्म को टैक्स फ्री किया। इसके बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने फिल्म की तारीफ करते हुए युवा पीढ़ी को इसे देखने की सलाह दी गई। यूपी के मनोनीत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एक ऐसा वीडियो सामने आया जिसमें वो यह फिल्म देखते हुए रो पड़ रहे हैं। सोशल मीडिया में एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें इस फिल्म को पीवीआर में दिखाने के दौरान लोग जिन्दाबाद के नारे लगाने लगते हैं। कुछ लोग भाषण देने लगते हैं कि वे सौगंध लेते हैं कि देश में यह स्थिति आगे नहीं बनने दी जाएगी।
Congress & its allies created a situation in which the pandits couldn't live anymore; they were murdered, there was a genuine fear for their lives, so they left...things have improved dramatically after the revocation of Article 370: BJP MP KJ Alphons, on Kerala Congress's tweets
— ANI (@ANI) March 14, 2022
सोशल मीडिया पर बहसद कश्मीर फाइल्स को लेकर सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई है। विवेक अग्निहोत्री की इस फिल्म पर आरोप लगा है कि कश्मीरी पंडितों को घाटी से भगाने में कांग्रेस का हाथ था। हालांकि उस समय केंद्र में जनता दल की सरकार थी। जम्मू कश्मीर में बीजेपी समर्थक जगमोहन राज्यपाल थे। इस संबंध में कांग्रेस और बीजेपी के नेता एक दूसरे के खिलाफ ट्वीट भी कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री (पीएमओ) जितेंद्र सिंह का आरोप है कि कश्मीरी पंडितों के पलायन के लिए नेहरू की नीतियां जिम्मेदार थीं। दूसरी तरफ कांग्रेस का आरोप है कि उस समय केंद्र में जनता दल की सरकार बीजेपी के समर्थन से चल रही थी और वी.पी. सिंह पीएम थे। वीपी सिंह की सरकार 1989 में बनी और 1990 से कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हो गया। तत्कालीन गवर्नर जगमोहन ने पलायन रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। केरल कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से ट्वीट में कहा गया कि बीजेपी उस समय राम मंदिर मुद्दा उठा रही थी और उसने कश्मीरी पंडितों के पलायन का नकली मुद्दा बनाया।बहरहाल, कश्मीरी पंडितों का मुद्दा जब तब चुनाव में बीजेपी उठाती रही है। वो पिछले आठ साल से केंद्र की सत्ता में है। केंद्र सरकार की पहल पर ही कश्मीर घाटी में पंडितों की वापसी के लिए कॉलोनियां बनाई गईं लेकिन कश्मीरी पंडित लौटकर कश्मीर नहीं गए।