विपक्षी दलों को बताया साँप-बिच्छू, मोदी को कहा रावण
जस्टिस मार्कंडेय काटजू एक बार फिर चर्चा में हैं। उन्होने जहाँ विपक्षी दलों को साँप-बिच्छू और गोजर बताया है, वही नरेंद्र मोदी को रावण क़रार दिया है। मौका था शनिवार को कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में विपक्षी दलों का जमावड़ा। यूँ तो इस रैली में लगभग 25 विपक्षी दलोें के नेताओं ने नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला और उन्हें चुनाव में हटाने की बात कही, पर जस्टिस काटजू ने किसी को नहीं बख़्शा।
उन्होंने अपने फ़ेसबुक पेज पर लिखा कि साँप, बिच्छू और गोजर कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में रावण वध करने के लिए जमा हुए हैं। उन्होंने आगे लिखा, 'हाँ! रावण वध ज़रूरी है क्योंकि आधुनिक रावण सभी हदें पार कर चुका है। उसने बुरे काम किए हैं और स्वच्छ भारत अभियान और योग दिवस जैसे स्टंट किए हैं। उसके कारनामों से पूरी दुनिया में भारत की बदनामी हुई है। यह हिन्दुत्व के अजेंडे का ही बुरा परिणाम है कि वह नफ़रत फैलाने वाले भाषण दे रहा है। '
काटजू आगे लिखते हैं, 'उसकी आर्थिक नीतियों की वजह से देश में बेरोज़गारी बढ़ी है, हालांकि उसने हर साल दो करोड़ रोज़गार सृजित करने का दावा किया था। दसियों हज़ार छोटे और मझोले व्यवसाय बंद हो चुके हैं, किसान परेशान हैं और बच्चों में कुपोषण बढ़ रहा है।'
इसके बाद काटजू विपक्षी दलों की ओर मुड़ते हैं और उन पर भी उसी बेरहमी से टूट पड़ते हैं। वे लिखते हैं, 'पर विपक्षी दलों के इस अजीब जमावड़े को क्या कहा जाए। वे लुटेरे हैं, ठग हैं, दुष्ट हैं, विश्वासघाती और गैंगस्टर्स हैं। क्या उनके पास देश की महती समस्याओं के निपटारे के लिए कोई योजना है?' काटजू यह भी बताते हैं कि ये दल चुनाव जीतने के बाद क्या कर सकते हैं। वे कहते हैं, 'चुनाव जीतने के बाद वे जो पहला काम करेंगे, वह यह है कि मालदार पदों को हथियाने के लिए आपस में मारा-मारी करने लगेंगे, जैसा उन्होंने कर्नाटक विधानसभा चुनावों के बाद किया था।'
लेकिन यह पहला मौका नहीं है जब अपने विवादास्पद बयान से वे चर्चा में रहे हों। कुछ दिन पहले उन्होंने मणिपुर के मुख्यमंत्री को 'द लिटल डिक्टेटर' कह कर उन पर तंज किया था। इसी तरह वे जस्टिस ए. एन. सीकरी के समर्थन में कूद पड़े थे। कुछ दिन पहले जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद का नाम बदल कर प्रयागराज कर दिया, तो जस्टिस काटजू ने उन्हें ट्वीट कर एक लंबी सूची दे दी और कहा कि इन जगहों के नाम भी बदल दीजिए।
Dear @myogiadityanath,
— Markandey Katju (@mkatju) October 15, 2018
Congratulations for renaming Allahabad as Prayag.
But surely that is not enough. I recommend the following further name changes of UP cities be made to eliminate names of these Babur ki Aulads altogether pic.twitter.com/msMYZdGlYL
काटजू ने एक बार केरल की एक महिला के बलात्कार और हत्या के मामले में अदालत के दिए फ़ैसले की आलोचना कर डाली और उन्हें कोर्ट ने नोटिस थमा दिया।
On going through the papers I am even more convinced that the SC made a grave error in holding the accused Govindachamy not guilty of murder
— Markandey Katju (@mkatju) November 11, 2016
उन्होंने नोटबंदी के दौरान 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट वापस लेने के फ़ैसले का विरोध करते हुए ट्वीट किया था और विवादों में आ गए थे।
The 500-1000 rupee abolition harebrained schemed has introduced total chaos throughout the country. pic.twitter.com/L9CLaF2hJE
— Markandey Katju (@mkatju) November 9, 2016
जस्टिस मार्केंडय काटजू सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज हैं। वे मद्रास हाई कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भी रह चुके हैं। वे इलाहाबाद हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश भी थे। पर जस्टिस काटजू समय समय पर देने वाले अपने बयान और ट्वीट की वजह से भी चर्चा में रहते आए हैं।