नागरिकता क़ानून: उत्तर प्रदेश में हिंसक प्रदर्शन में 10 लोगों की मौत
नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर शुक्रवार को कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शन में कम से कम 10 लोगों के मारे जाने की ख़बर है। 'टाइम्स ऑफ़ इंडिया' ने अलग-अलग हॉस्पिटलों से इसकी पुस्टि किए जाना का दावा किया है। हालाँकि, उत्तर प्रदेश पुलिस ने छह के ही मारे जाने की बात कही है। हालाँकि राज्य के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा है कि पुलिस फ़ायरिंग की वजह से किसी की मौत नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने एक भी गोली नहीं चलाई है। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने 'एनडीटीवी' को बताया कि पुलिस ने कोई गोली नहीं चलाई है और अगर कोई फ़ायरिंग हुई है तो यह प्रदर्शनकारियों की ओर से हुई होगी। बता दें कि इससे पहले गुरुवार को भी एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। इस तरह सिर्फ़ उत्तर प्रदेश में ही हिंसा में मरने वालों की संख्या 11 हो गई है।
'टाइम्स ऑफ़ इंडिया' के अनुसार, मेरठ मेडिकल कॉलेज में चार लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। बिजनौर में दो लोगों की मौत हुई है जबकि मुज़फ़्फ़रनगर, संभल, फिरोज़ाबाद और कानपुर में एक-एक शख़्स की मौत हुई है।
बुलंदशहर में हुए हिंसक प्रदर्शन में उपद्रवियों ने कई गाड़ियों में आग लगा दी है। उपद्रवियों ने पुलिस की एक जीप में भी आग लगा दी है। इसके अलावा फिरोजाबाद में पथराव हुआ है।
#WATCH Bulandshahr: Vehicle torched during demonstration against #CitizenshipAmendmentAct; heavy police presence at the spot. pic.twitter.com/GphfhcWO7H
— ANI UP (@ANINewsUP) December 20, 2019
गोरखपुर में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया है। इसके अलावा बहराइच में भी प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर फेंके हैं। फिरोज़ाबाद, हापुड़, एटा, कानपुर में भी पत्थरबाज़ी होने की ख़बर है। मेरठ, ग़ाज़ियाबाद, वाराणसी, मुज़फ्फरनगर, बिजनौर, जौनपुर में इस क़ानून के ख़िलाफ़ लोगों ने प्रदर्शन किया है।
Gorakhpur: Protestors & police personnel pelt stones at each other during demonstration against #CitizenshipAmendmentAct and National Register of Citizens (NRC). pic.twitter.com/cpVxuCr6Pf
— ANI UP (@ANINewsUP) December 20, 2019
गुरुवार को हुए हिंसक प्रदर्शनों को लेकर पुलिस ने सख़्त कार्रवाई की है। संभल में हुए हिंसक प्रदर्शन को लेकर पुलिस ने सपा के सांसद शफीक़ुर रहमान बर्क़ और फिरोज़ ख़ान सहित 17 लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया है। संभल में उपद्रवियों ने रोडवेज की एक बस को फूंक दिया था और जमकर हंगामा किया था। इसके अलावा 250 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ भी मुक़दमा दर्ज किया गया है।
लखनऊ में भी इस क़ानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों ने ख़ासा हंगामा किया था। लखनऊ में पुलिस ने 150 लोगों को गिरफ़्तार किया है और 19 एफ़आईआर दर्ज की हैं। उपद्रवियों ने 20 मोटरसाइकिलों, 10 कारों, 3 बसों को आग के हवाले कर दिया था। इसके अलावा 4 मीडिया ओबी वैन में भी आग लगा दी थी। लखनऊ के डालीगंज इलाक़े में लोगों ने हिंसक प्रदर्शन किया था। उपद्रवियों ने ठाकुरगंज में पथराव किया था और सतखंडा पुलिस चौकी में जमकर बवाल काटा था।
गुरुवार को हालात बिगड़ने के बाद उत्तर प्रदेश के 15 जिलों में इंटरनेट को बंद कर दिया गया है। इनमें ग़ाज़ियाबाद, लखनऊ, संभल, अलीगढ़, मेरठ, सहारनपुर, बरेली, आगरा, पीलीभीत, प्रयागराज, मऊ, आजमगढ़, फ़िरोज़ाबाद, हमीरपुर और अन्य जिले शामिल हैं।
गौतम बुद्ध नगर के डीएम बीएन सिंह ने कहा है कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा में इंटरनेट को बंद नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि कोई भी अगर हिंसा फैलाने की कोशिश करेगा तो उसके ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उत्तर प्रदेश में विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेहद सख़्त रुख अपनाया था। गुरुवार शाम को मुख्यमंत्री ने अधिकारियों की बैठक बुलाई थी।बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदर्शन के नाम पर कोई भी हिंसा में शामिल नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करेगी और जो भी लोग दोषी पाये जाएँगे, उनकी प्रॉपर्टी को जब्त कर इससे हिंसा में हुई क्षति की भरपाई की जाएगी।
लखनऊ के हज़रतगंज में भी प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया था और पुलिस को उन्हें हटाने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा था। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने हसनगंज पुलिस चौकी में तोड़फोड़ की थी और वहां खड़ी कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था।
इससे पहले मऊ और आज़मगढ़ में भी इस क़ानून का जोरदार विरोध हुआ था। आजमगढ़ में कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सरकार इस क़ानून के विरोध में अराजक तत्वों द्वारा सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहों पर पूरी नज़र रखे हुए है।