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आबकारी केस: सीबीआई चार्जशीट में पहली बार सिसोदिया का नाम

आबकारी केस: सीबीआई चार्जशीट में पहली बार सिसोदिया का नाम

मनीष सिसोदिया का नाम अब सीबीआई की चार्जशीट में किस आधार पर दर्ज किया गया है? जानिए, पहले उनका नाम क्यों नहीं था शामिल।

दिल्ली आबकारी नीति मामले में दायर चार्जशीट में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आरोपी बनाया गया है। आज दायर पूरक आरोपपत्र में उनके नाम को शामिल किया गया है। इससे पहले दायर की गई चार्जशीट में उनका नाम नहीं था। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार सिसोदिया के साथ ही भारत राष्ट्र समिति की नेता के कविता के पूर्व ऑडिटर बुच्ची बाबू, अर्जुन पांडे और अमनदीप ढल का भी नाम है।

चार्जशीट में जिनका नाम शामिल किया गया है उन सभी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120 बी (आपराधिक साजिश) और धारा 7 (लोक सेवक को रिश्वत देने से संबंधित अपराध) के तहत आरोप लगाए गए हैं। इसके अलावा भी भ्रष्टाचार से जुड़ी कई धाराएँ लगाई गई हैं।

सिसोदिया फ़िलहाल जेल में हैं। उनको सीबीआई ने 26 फरवरी को इस मामले में गिरफ्तार किया था। 31 मार्च को सिसोदिया की जमानत याचिका को खारिज करते हुए दिल्ली की एक अदालत ने कहा था कि उन्होंने आपराधिक साजिश में सबसे महत्वपूर्ण निभाई थी और वह उस साजिश के लिए आबकारी नीति के तैयार करने के साथ-साथ कार्यान्वयन में गहराई से जुड़े थे।

सीबीआई द्वारा इस मामले में दायर की गई यह दूसरी चार्जशीट है। इसने पिछले साल इस मामले में विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली, अरुण पिल्लई, समीर महेंद्रू, गौतम मूथा, कुलदीप सिंह और नरेंद्र सिंह के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।

बता दें कि जब पिछले साल नवंबर में इस मामले में सीबीआई के बाद ईडी की चार्जशीट पेश की थी तो उसमें सिसोदिया का नाम नहीं था। हालांकि सीबीआई ने जब एफआईआर दर्ज की थी, तब उसमें सिसोदिया का नाम था। दोनों केंद्रीय जांच एजेंसियों की चार्जशीट में मनीष सिसोदिया का नाम नहीं होने पर कई सवाल उठाए गए थे। 

पिछले हफ्ते दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से सीबीआई ने इस मामले में गवाह के तौर पर करीब नौ घंटे तक पूछताछ की थी। बीआरएस नेता के कविता से भी मामले में पूछताछ की गई है।

शराब नीति मामले को मनगढ़ंत बताते हुए केजरीवाल ने पूछताछ के बाद कहा था कि केंद्र आम आदमी पार्टी को निशाना बना रहा है क्योंकि यह एक राष्ट्रीय पार्टी बन गई है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा था, 'वे हमें और हमारे अच्छे, विकास कार्यों को बदनाम करने के लिए यह सब कर रहे हैं।'

सिसोदिया ने भी गलत काम से इनकार किया है और अपनी जमानत अर्जी में अदालत से कहा है कि केंद्रीय एजेंसी के पास उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है।

मामले में कुल मिलाकर 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया था और मनीष सिसोदिया को छोड़कर बाक़ी सभी जमानत पर बाहर हैं।

सीबीआई के मुताबिक़, आप के संचार प्रभारी विजय नायर; पर्नोड रिकार्ड के पूर्व कर्मचारी मनोज राय; ब्रिंडको स्पिरिट्स के मालिक अमनदीप ढाल और इंडोस्पिरिट्स ग्रुप के एमडी समीर महेंद्रू मुख्य आरोपियों में शामिल हैं जिन्होंने कथित तौर पर उत्पाद शुल्क नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में अनियमितताओं में सक्रिय रूप से शामिल रहे। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार एजेंसी ने दावा किया है कि बिचौलिया पांडे और राधा इंडस्ट्रीज के प्रमोटर दिनेश अरोड़ा मनीष सिसोदिया के करीबी सहयोगी हैं और सक्रिय रूप से शराब लाइसेंसधारियों से आरोपी लोक सेवकों को अनुचित आर्थिक लाभ के प्रबंधन में शामिल हैं। सीबीआई का आरोप है कि पांडे ने विजय नायर की ओर से महेंद्रू से करीब 2 से 4 करोड़ रुपये की रकम ली थी।

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