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मणिपुर वीडियोः 5वां आरोपी अरेस्ट, परिवार के सामने गैंगरेप, आपत्ति पर भाई का मर्डर

मणिपुर वीडियोः 5वां आरोपी अरेस्ट, परिवार के सामने गैंगरेप, आपत्ति पर भाई का मर्डर

मणिपुर पुलिस ने वायरल वीडियो के मामले में पांचवे आरोपी को गिरफ्तार किया है। यही वो शख्स है जिस पर आरोप है कि वायरल वीडियो में हरे रंग की टी-शर्ट पहने यह शख्स एक महिला को घसीटते हुए नजर आ रहा है।

पुलिस ने वायरल वीडियो के संबंध में एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है, जिसे मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न अवस्था में घुमाने और भीड़ द्वारा उनका यौन उत्पीड़न करते हुए दिखाया गया है। पुलिस ने बताया कि आरोपी की पहचान युमलेम्बम नुंगसिथोई मैतेई (19) के रूप में हुई है। पुलिस ने अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मणिपुर के कांगपोकपी में दो महिलाओं को नग्न घुमाने और उनके साथ छेड़छाड़ करने का एक वीडियो बुधवार को सामने आया था और उससे बड़े पैमाने पर आक्रोश फैल गया। यह घटना पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा भड़कने के एक दिन बाद 4 मई को कांगपोकपी जिले में हुई थी।

भयावह वीडियो में भीड़ कुकी-ज़ो समुदाय की दो महिलाओं को परेड कराते हुए दिख रही है, और मामले में दर्ज की गई एफआईआर में कहा गया है कि एक महिला के साथ क्रूरतापूर्वक गैंगरेप किया गया था। जब उसके 19 वर्षीय भाई ने हस्तक्षेप करने का प्रयास किया, तो उसे जान से मार दिया गया। 

इस मामले में पहली गिरफ्तारी गुरुवार सुबह हुई थी जब पुलिस ने 32 वर्षीय एक व्यक्ति को पकड़ा, जिसकी पहचान हुइरेम हेरादास सिंह के रूप में हुई। वायरल वीडियो में वो हरे रंग की टी-शर्ट पहने शख्स एक महिला को घसीटते हुए नजर आ रहा है। बाद में महिलाओं के एक समूह ने उनके घरों में आग लगा दी। यानी जिस मैतेई समूह ने हमला किया, उनमें उस समुदाय की महिलाएं भी शामिल थीं। 

आरोप है कि मैतेई समुदाय की महिलाएं कुकी-जो समुदाय की महिलाओं को नग्न परेड कराने, गैंगरेप होते हुए और हत्याएं होते हुए न सिर्फ देख रही थी, बल्कि उनमें शामिल भी थी।


आगे की जांच के लिए सभी आरोपियों को 11 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। केंद्र ने ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को आदेश जारी कर दो महिलाओं का वीडियो शेयर न करने की हिदायत दी है। सरकार ने अपने निर्देशों में कहा कि भारतीय कानूनों का पालन करना अनिवार्य है और मामले की जांच चल रही है। अधिकारी अब यह भी कह रहे हैं कि फर्जी खबर के कारण यह भयावह घटना हुई और भीड़ ने दोनों महिलाओं पर हमला कर दिया।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में हुए एक रेप की खबर मणिपुर में हुए रेप की तरह सोशल मीडिया पर फैलाई गई। फर्जी खबर फैलाई गई कि मणिपुर में एक विशेष समुदाय की महिला के साथ बलात्कार हुआ। प्लास्टिक शीट में लिपटी एक महिला की तस्वीर प्रसारित की गई जिसमें दावा किया गया कि यह मणिपुर की महिला है। हालांकि, बाद में पता चला कि उक्त दुष्कर्म दिल्ली में हुआ था।

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि राज्य के लोग "महिलाओं को अपनी मां मानते हैं" लेकिन दो आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र करने वाले बदमाशों ने "राज्य की प्रतिष्ठा को धूमिल किया है। हमने पूरे राज्य में, घाटी के इलाकों और पहाड़ी इलाकों में इस घटना की निंदा करने के लिए विरोध प्रदर्शन शुरू किया है।" 

वीडियो में दिख रही महिलाओं में से एक का पति एक पूर्व सेनाकर्मी है, जिसने असम रेजिमेंट में सूबेदार के रूप में सेवा की थी और कारगिल युद्ध में भी लड़ा था। युद्ध के दिग्गज को इस बात का मलाल है कि उसने देश की रक्षा की, लेकिन वह अपनी पत्नी को अपमानित होने से नहीं बचा सका।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को संसद के बाहर कहा था कि मणिपुर की घटना ने 140 करोड़ भारतीयों को शर्मसार किया है और इसे 'कभी माफ नहीं किया जा सकता।' करीब तीन महीने पहले राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से मणिपुर पर अपनी पहली टिप्पणी में प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि "कानून अपनी पूरी ताकत से काम करेगा" और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। 

प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर पर बयान संसद के बाहर दिया लेकिन संसद के अंदर वो इस पर चिन्ता जताते या बयान देते नजर नहीं आए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत पूरे विपक्ष ने मांग की है कि पीएम मोदी संसद के अंदर बयान दें। पीएम मोदी ने अभी तक मणिपुर के लोगों से शांति की अपील भी नहीं की है। संसद के बाहर मणिपुर पर बयान देते समय पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ और राजस्थान का भी नाम लिया कि वहां भी ऐसी घटनाएं हुई हैं। दोनों कांग्रेस शासित राज्य हैं। 

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