मणिपुर: छुट्टी पर गए सेना के जवान की अगवा करने के बाद हत्या
मणिपुर के एक गांव में सेना के एक जवान की उसके घर से अपहरण के बाद हत्या कर दी गई। जवान सर्टो थांगथांग कोम छुट्टी पर थे। उनको शनिवार को इंफाल पश्चिम जिले में उनके घर से अपहरण कर लिया गया था और रविवार सुबह उनका शव इंफाल पूर्वी जिले के खुनिंगथेक गांव में मिला।
मीडिया रिपोर्टों में अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि उनकी पहचान कांगपोकपी जिले के लीमाखोंग में सेना की रक्षा सुरक्षा कोर यानी डीएससी प्लाटून के सिपाही सेर्टो थांगथांग कोम के रूप में की गई। वह इंफाल पश्चिम के तरुंग के रहने वाले थे।
अधिकारियों के मुताबिक, अज्ञात हथियारबंद लोगों ने शनिवार सुबह करीब 10 बजे छुट्टी पर आए सिपाही कोम का उनके घर से अपहरण कर लिया।
इस अपराध का एकमात्र प्रत्यक्षदर्शी उनके 10 वर्षीय बेटे के अनुसार, तीन लोग उनके घर में दाखिल हुए, जब उनके पिता और वह बरामदे पर काम कर रहे थे। अधिकारियों ने उनके बेटे के हवाले से कहा, 'हथियारबंद लोगों ने सिपाही के सिर पर पिस्तौल रख दी और उन्हें एक सफेद वाहन में जबरदस्ती डालकर ले गए।'
रक्षा मंत्रालय कोहिमा और इंफाल प्रवक्ता ने ट्वीट कर कहा है, 'एक भारतीय सेना के सिपाही, सिपाही सर्टो थांगथांग कोम (41) का 3 अज्ञात बदमाशों द्वारा अपहरण कर लिया गया और बाद में उनकी हत्या कर दी गई। वह तारुंग, हैप्पी वैली, इम्फाल पश्चिम में छुट्टी पर थे। वह डीएससी प्लाटून, लीमाखोंग, मणिपुर में तैनात थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी और 2 बच्चे हैं।'
An #IndianArmy soldier, Sep Serto Thangthang Kom (41), was abducted & later killed, by 3 unidentified miscreants, while on leave at Tarung, Happy Valley, #Imphal West. He was deployed at DSC Platoon, Leimakhong, #Manipur. He is survived by his wife & 2 children.@SpokespersonMoD pic.twitter.com/UYgDqhW51b
— PRO, Kohima & Imphal, Ministry of Defence (@prodefkohima) September 17, 2023
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों ने कहा कि रविवार सुबह 9.30 बजे के आसपास उनका शव इंफाल पूर्व में सोगोलमांग पीएस के तहत मोंगजम के पूर्व में खुनिंगथेक गांव में पाया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि सैनिक के सिर पर एक गोली का घाव था।
बता दें कि यह उस मणिपुर की घटना है जहाँ पिछले पाँच महीने से हिंसा की ख़बरें आती रही हैं। राज्य में अब तक 150 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं। राज्य में हिंसा की वजह दो समुदायों- मैतेई और कुकी समुदायों के बीच चली आ रही तनातनी है। कहा जा रहा है कि यह तनाव तब बढ़ गया जब मैतेई को एसटी का दर्जा दिए जाने की बात कही जाने लगी।
इसको लेकर हजारों आदिवासियों ने राज्य के 10 पहाड़ी जिलों में एक मार्च निकाला। इन जिलों में अधिकांश आदिवासी आबादी निवास करती है। यह मार्च इसलिए निकाला गया कि मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के प्रस्ताव का विरोध किया जाए। मैतेई समुदाय की आबादी मणिपुर की कुल आबादी का लगभग 53% है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है।