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मणिपुरः हालात फिर खराब, आरोपियों को छुड़ाने के लिए पुलिस थानों पर हमले

मणिपुरः हालात फिर खराब, आरोपियों को छुड़ाने के लिए पुलिस थानों पर हमले

मणिपुर में हालात फिर खराब हैं। इंफाल में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इम्फाल पश्चिम के सिंगजामेई पुलिस स्टेशन में प्रभारी अधिकारी के आवास में भी तोड़फोड़ की गई। पुलिस और सुरक्षाकर्मियों ने जवाबी कार्रवाई में आंसू गैस के गोले छोड़े। 

हथियार रखने और सेना की वर्दी पहनने के आरोप में गिरफ्तार पांच मैतेई आरोपियों को छुड़ाने के लिए मणिपुर घाटी में गुरुवार को महिला प्रदर्शनकारियों ने विभिन्न पुलिस स्टेशनों पर हमले किए। इससे हालात बेकाबू हो गए। सुरक्षा बलों और पुलिस ने आंसू गैस के गोल छोड़े। महिलाओं की भीड़ इम्फाल पश्चिम के सिंगजामेई पुलिस स्टेशन में प्रभारी अधिकारी के घर में घुस गई और वहां तोड़फोड़ की। प्रदर्शनकारियों ने 48 घंटे की इंफाल बंद की कॉल दी है।

मैतेई संगठन COCOMI, मीरा पैबिस (महिला निगरानीकर्ता) ने मणिपुर से असम राइफल्स की वापसी की मांग की है। लेकिन गुरुवार की घटनाएं बता रही हैं कि मैतेई नागरिक समाज के सदस्यों ने घाटी में पहली बार पुलिस पर भी अपना गुस्सा निकाला है। क्योंकि पुलिस बल में मैतेई भरे हुए हैं। अभी तक मैतेई महिलाएं और प्रदर्शनकारी पुलिस के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही थीं। उनके ज्यादातर हमले असम राइफल्स के बैरिकेडों को हटाने के लिए हुए हैं। 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक 16 सितंबर को, वर्दी के दुरुपयोग के लिए आईपीसी, शस्त्र अधिनियम, गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की कई धाराओं के तहत इंफाल पूर्व के कोंगा से पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

इन पांचों के पास से एक इंसास राइफल, एक एसएलआर, दो .303 राइफल और कई मैगजीन और गोला-बारूद बरामद हुआ था। उनमें से एक, मोइरांगथेम आनंद सिंह (45) की पहचान शुरू में मणिपुर के अलगाववादी समूह पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और फिर कांगलेइपाक कम्युनिस्ट पार्टी (नोयोन) समूह के प्रशिक्षित कैडर के रूप में की गई। उसे 1997 से 2010 के बीच सात बार गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार किए गए अन्य लोगों की उम्र 28 से 39 साल के बीच है।

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक पांचों की गिरफ्तारी के बाद, उनकी रिहाई की मांग को लेकर इंफाल पूर्व में पोरोम्पैट पुलिस स्टेशन पर कई बार हमले की कोशिश की गई। मैतेई समूहों का दावा है कि पांचों "कार्यकर्ता" थे, लेकिन पुलिस और सुरक्षा बलों के पास पुख्ता सबूत हैं। बहरहाल, इनकी रिहाई के लिए ही मैतेई संगठनों ने 48 घंटे का बंद इंफाल में आयोजित किया है जो काफी प्रभावी है।

इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया कि बंद के दौरान ही गुरुवार को इंफाल पूर्व में सात-आठ, इंफाल पश्चिम में सात और थौबल, काकचिंग और बिष्णुपुर जिलों में कुछ पुलिस स्टेशनों पर हमले की कोशिश की गई। सिंगजामेई के अलावा, हिंगैंग और पोरोम्पैट जैसे पुलिस स्टेशनों में भी तोड़फोड़ की गई।

इसी हफ्ते मणिपुर के अतिरिक्त सचिव (गृह) महाराबम प्रदीप सिंह ने मीडिया को संबोधित करते हुए पुलिस वर्दी का दुरुपयोग करने वाले लोगों से पैदा खतरे को लेकर चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि इन पांच लोगों की गिरफ्तारी इस पर नकेल कसने के प्रयास का हिस्सा थी। .

बहरहाल, घटनाओं "और गड़बड़ी" की आशंका के बीच, इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्वी जिलों के सभी क्षेत्रों में पूर्ण कर्फ्यू फिर से लगाया गया है।

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