मणिपुर: महिलाओं पर दरिंदगी के और भी मामले सामने आए
द हिन्दू अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक मणिपुर के थौबल जिले में तीन महिलाओं के कपड़े उतारकर उन्हें नग्न घुमाने की घटना के दो दिन बाद, 6 मई को इंफाल पूर्व में एक 45 वर्षीय महिला को निर्वस्त्र कर आग लगा दी गई। महिला के जले हुए शरीर की एक तस्वीर अब सोशल मीडिया पर सामने आई है।
ये घटनाएं 3 मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से महिलाओं के खिलाफ किए गए लगातार अपराधों में से एक हैं। थौबल घटना का वीडियो इस सप्ताह वायरल हुआ था। राज्य में मई से ही इंटरनेट बैन कर दिया गया था। इस वजब से वहां के दिल दहलाने वाले वीडियो अब धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं। पुलिस ने अब चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
कुकी-ज़ो (Kuki-Zo) समुदाय के 10 विधायकों ने गुरुवार को एक बयान जारी किया था। इनमें 7 विधायक भाजपा के भी शामिल थे। उस बयान में कम से कम चार अन्य घटनाओं का उल्लेख किया गया है। मणिपुर में 3 मई के बाद से कुकी-ज़ो समुदाय की महिलाओं के साथ या तो बलात्कार किया गया या उनकी हत्या कर दी गई।
भीड़ ने आग लगाईः फेइताइचिंग गांव के एक पादरी थियाना वैफेई सौंतक ने द हिंदू को बताया कि उन्हें 7 मई को दो बच्चों की 45 वर्षीय मां का आधा जला शव मिला था, जिसके एक दिन बाद एक बड़ी भीड़ ने गांव पर हमला किया था। उन्होंने कहा कि वह सेना की सुरक्षा में वहां गये थे। पादरी सौंतक ने बताया कि “शव आधा जला हुआ था, वह नग्न थी। शव को इंफाल के एक सरकारी अस्पताल में ले जाया गया, हमें नहीं पता कि वह अब कहां है।
पादरी ने याद किया कि 6 मई को काली शर्ट पहने हथियारबंद लोग गांव में आए थे। उन्होंने दावा किया कि भीड़ के साथ मणिपुर पुलिस के कमांडो भी आए थे।
पादरी ने बताया कि “हमारे घरों को जला दिया गया, अधिकांश ग्रामीण घटनास्थल से भागने में सफल रहे। अकेली रहने वाली महिला भाग नहीं सकी और भीड़ ने पकड़ लिया। उसे मार डाला गया, उसके शरीर को क्षत-विक्षत कर दिया गया।'' उन्होंने कहा कि यह उनकी शिकायत पर था कि कांगपोकपी में दंगा, हत्या और आगजनी की एक जीरो एफआईआर दर्ज की गई थी। एक पुलिस सूत्र ने कहा कि यह मामला इम्फाल पूर्व में ट्रांसफर कर दिया गया है। बता दें कि अपराध के मामले में जब इलाके का मसला फंसता है तो जीरो एफआईआर दर्ज की जाती हैं और बाद में मामला संबंधित थाने में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
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पुलिस ने ही भीड़ पर गोली चला दीः द हिन्दू के मुताबिक पादरी सौंतक ने कहा- “हमें हमेशा उम्मीद थी कि पुलिस हमारी मदद करेगी, लेकिन इसके बजाय उन्होंने हम पर गोली चला दी। गाँव के कार्यकर्ता भी भाग गये, महिला पीछे रह गयी। यह एक भयानक स्थिति है, मैंने पहले कभी ऐसा अनुभव नहीं किया है।''
3 मई को मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़क उठी थी। अब तक 140 से अधिक लोग मारे गए हैं और 54,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।
शव अभी तक नहीं मिले
कांगपोकपी में दर्ज एक अन्य जीरो एफआईआर के अनुसार, 4 मई को इंफाल पूर्व में दो महिलाओं के साथ रेप किया गया, उन्हें प्रताड़ित किया गया और उनकी हत्या कर दी गई। महिलाएं इंफाल पूर्व में एक कार वॉशिंग सेंटर में काम कर रही थीं। महिलाओं में से एक की मां द्वारा दर्ज की गई और द हिंदू द्वारा एक्सेस की गई एफआईआर में कहा गया है कि उन्हें कोनुंग ममांग के पास उनके किराए के घर पर लगभग 100 से 200 लोगों की भीड़ द्वारा प्रताड़ित किया गया था। अपनी शिकायत में मां ने कहा कि शव अभी तक बरामद नहीं हुए हैं।ज़ीरो एफआईआर 16 मई को पोरोम्पैट पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर कर दी गई थी। अज्ञात बदमाशों के खिलाफ शील भंग करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल, हत्या के लिए अपहरण या अपहरण, गलत तरीके से छुपाना, बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया गया है।