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मणिपुर फिर सुलगाः निशाने पर पंगल्स समुदाय, 4 लोगों की हत्या, कर्फ्यू लगा 

मणिपुर फिर सुलगाः निशाने पर पंगल्स समुदाय, 4 लोगों की हत्या, कर्फ्यू लगा 

मणिपुर फिर सुलग उठा है। इस बार नाममात्र की आबादी वाले पंगल्स समुदाय के लोगों को निशाना बनाया गया। पंगल्स समुदाय के चार लोगों की हत्या कर दी गई। मणिपुर में मैतेई और कुकी आदिवासी समुदायों के बीच हिंसा के दौराना नगा समुदाय की तरह पंगल्स समुदाय तटस्थ रहा था। लेकिन अब वो भी हिंसा की चपेट में आ गए हैं। पंगल्स के बारे में पूरे घटनाक्रम के बारे में और विस्तार से जानिएः

मणिपुर में नए साल की शुरुआत उथल-पुथल भरी रही, जिसमें अज्ञात हथियारबंद हमलावरों ने चार लोगों की हत्या कर दी। सभी मारे गए लोग पंगल्स समुदाय के हैं। इन्हें स्थानीय भाषा में मैतेई मुस्लिम भी कहा जाता है। मणिपुर में मैतेई और कुकी-ज़ो समुदायों के बीच चल रहे संघर्ष में पंगल्स समुदाय भी नगा समुदाय की तरह तटस्थ रहा है।

अधिकारियों ने बताया कि इंफाल से लगभग 23 किमी दूर थौबल जिले के लिलोंग चिंगजाओ गांव में सोमवार शाम हुए हमले में कम से कम 12 लोग घायल हो गए। घटना के बाद हिंसा शुरू हो गई और कई वाहनों को जला दिया गया।

सूत्रों ने बताया कि हमलावर शाम करीब साढ़े सात बजे गांव पहुंचे और पंगल्स समुदाय के लोगों पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। सूत्रों ने बताया कि यह मामला गांव से वसूली से संबंधित था। आरोप है कि हमलावर गांव में वसूली करने आए थे। एक सूत्र ने कहा, "वे जबरन वसूली करने आए थे।"

द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक पंगल्स मणिपुर की कुल आबादी का सिर्फ आठ फीसदी हैं। लिलोंग चिंगजाओ गांव पंगल्स बहुल है। हमला पूरी तरह टारगेटेड यानी पंगल्स को निशाना बनाने के लिए था। नागा समुदाय की तरह, मैतेई पंगल्स भी 3 मई 2023 से शुरू हुए मैतेई-कुकी संघर्ष में तटस्थ रहे हैं। मैतेई-कुकी संघर्ष में कम से कम 199 लोग मारे गए हैं।

जैसे ही हमले की खबर फैली, प्रशासन ने थौबल, बिष्णुपुर, काकचिंग, इंफाल पूर्व और पश्चिम सहित मैतेई-बहुल घाटी जिलों में कर्फ्यू लगा दिया। लिलोंग के विधायक मोहम्मद अब्दुल नासिर ने द टेलीग्राफ को बताया कि चार लोग मारे गए और कम से कम 12 घायल हो गए, जिनमें से 10 को इंफाल के अस्पतालों में भर्ती करा दिया गया है।

मणिपुर में कई दिनों से कई इलाकों में तनाव बना हुआ था। कुछ गांवों में असामाजिक तत्व हथियार लहराते हुए देखे गए थे लेकिन सरकार और प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसी तरह जब मई में मैतेई-कुकी आदिवासी समुदाय में टकराव शुरू हुआ तो उससे भी पहले यह टकराव मैतेई और पंगल्स के बीच था। आप उत्तर भारत की हिन्दी भाषा में हिन्दू-मुस्लिम टकराव भी कह सकते हैं। क्योंकि मणिपुर के मैतेई खुद को सनातनी हिन्दू बताते हैं। इन्हें विष्णुपुरिया भी कहा जाता है। पंगल्स की आबादी इतनी कम है कि वे कुकी या नागा लोगों की तरह संघर्ष भी नहीं कर सकते।

करीब चार महीने मणिपुर की राजधानी इंफाल में भीड़ ने पंगल्स मुस्लिम समुदाय के एक ऑटो-रिक्शा को आग लगा दी। भीड़ ने 12 अगस्त 2023 को ड्राइवर मुहम्मद टिकेन पर कुकी समुदाय के लोगों के लिए सामान-कपड़े और अन्य सामान-ले जाने का आरोप लगाया। हालांकि ड्राइवर ने हमलावरों से कहा कि वो ये सामान चुराचांदपुर में अपने रिश्तेदारों के पास लेकर जा रहे हैं। भीड़ ने सामान जब्त करके और फिर ऑटो-रिक्शा में आग लगाकर संघर्षग्रस्त मणिपुर के मुस्लिम समुदाय को स्पष्ट संदेश भेज दिया। ऐसी घटनाएं यहां होती-रहती हैं लेकिन मीडिया में सुर्खियां नहीं बनतीं। लेकिन लोगों का ध्यान पंगल्स मुस्लिमों पर तभी गया जब सोमवार शाम 4 पंगल्स की हत्या कर दी गई और 12 लोगों को गोली मारकर घायल कर दिया गया।

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