मणिपुर में बीजेपी पर ही ऑपरेशन लोटस, 3 विधायक टूटे, कांग्रेस में शामिल
आज तक बीजेपी पर यह आरोप लगता रहा है कि वह ऑपरेशन लोटस चलाकर कांग्रेस की राज्य सरकारों को गिराती रही है लेकिन पहली बार ऐसा हो रहा है जब बीजेपी के ख़िलाफ़ भी ऑपरेशन लोटस जैसा कुछ हुआ है और उसकी एक राज्य सरकार ख़तरे में आ गई है।
मणिपुर में बीजेपी के तीन विधायक इस्तीफ़ा देकर कांग्रेस के साथ चले गए हैं और अब कांग्रेस राज्य में सरकार बनाने की तैयारी कर रही है। बताया गया है कि कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ओ. इबोबी सिंह जल्द ही इसे लेकर राज्यपाल से मुलाक़ात करेंगे। उन्होंने राज्य में सरकार बनाने के लिए ज़रूरी विधायकों का आंकड़ा होने का दावा किया है।
इसके अलावा नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने भी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। सरकार को समर्थन दे रहे एक निर्दलीय विधायक और तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक ने भी समर्थन वापस ले लिया है।
जोड़-तोड़ से बनाई थी सरकार
2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और उसे 60 सीटों वाली विधानसभा में 28 सीटों पर जीत मिली थी जबकि बीजेपी को 21 सीटें मिली थीं। तब बीजेपी ने गठबंधन सरकार बनाई थी और इसमें एनपीपी के अलावा नगा पीपुल्स फ़्रंट (एनपीएफ़) और लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) भी शामिल हुए थे। एनपीपी और एनपीएफ़ दोनों के पास चार-चार और एलजेपी के पास एक विधायक है।
लेकिन अब गठबंधन सरकार के पास सिर्फ़ 23 विधायकों का ही समर्थन है जबकि राज्य में सरकार चलाने के लिए 30 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता है। ऐसे हालात में मणिपुर में कांग्रेस के पास सरकार बनाने का मौक़ा है। बीजेपी के अंदर मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और लोक निर्माण विभाग के मंत्री बिश्वजीत सिंह के गुट हैं और वह इस गुटबाज़ी से परेशान है।
बीजेपी ने जब राज्य में सरकार बनाई थी तो कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाया था और कहा था कि बड़ी पार्टी होने के नाते उसे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
हाल ही में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि उनकी सरकार को गिराने के लिए बीजेपी कांग्रेस विधायकों को करोड़ों-अरबों रुपये का ऑफ़र दे रही है। गहलोत ने कहा था कि सरकार गिराने का जो खेल मध्य प्रदेश में खेला गया, वही राजस्थान में भी खेला जा रहा है।
कांग्रेस की ओर से राज्य के एंटी करप्शन ब्यूरो के प्रमुख को लिखे गए पत्र में कहा गया था कि मध्य प्रदेश, गुजरात और कर्नाटक की तरह राजस्थान में हमारे और सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों को पैसे की ताक़त का लालच देकर सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है।