ममता के बयान पर विवाद बढ़ा, अब कहा- डॉक्टरों को धमकी नहीं दी, छात्रों को पूरा समर्थन
भाजपा ने टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी पर डॉक्टरों को धमकी देने का आरोप लगाने पर उन्होंने इसे "दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार अभियान" बताया। ममता ने गुरुवार को कहा कि "मैं दृढ़तापूर्वक स्पष्ट कर दूं कि मैंने (मेडिकल आदि) छात्रों या उनके आंदोलनों के खिलाफ एक भी शब्द नहीं कहा है। मैं उनके आंदोलन का पूरी तरह से समर्थन करती हूं। उनका आंदोलन वास्तविक है। मैंने उन्हें कभी धमकी नहीं दी, जैसा कि कुछ लोग मुझ पर ऐसा करने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा- ''यह आरोप पूरी तरह से गलत है।''
I detect a malicious disinformation campaign in some print, electronic and digital media which has been unleashed with reference to a speech that I made in our students' programme yesterday.
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) August 29, 2024
Let me most emphatically clarify that I have not uttered a single word against the…
ममता ने कहा- "मैंने बीजेपी के खिलाफ बोला है। मैंने उनके खिलाफ बोला है क्योंकि, भारत सरकार के समर्थन से, वे हमारे राज्य में लोकतंत्र को खतरे में डाल रहे हैं और अराजकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। केंद्र के समर्थन से, वे अराजकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं और मैं मैंने उनके खिलाफ आवाज उठाई है।''
ममता ने कहा- "मैं यह भी स्पष्ट करती हूं कि मैंने कल (बुधवार) अपने भाषण में जो शब्द ("फोन्सकारा") का इस्तेमाल किया था, वह श्री रामकृष्ण परमहंस देव का एक उद्धरण है। महान संत ने कहा था कि कभी-कभी आवाज उठाने की जरूरत होती है। जब अपराध होते हैं और आपराधिक अपराधों के लिए विरोध की आवाज उठानी होगी। उस बिंदु पर मेरा भाषण महान रामकृष्णवादी की के हवाले से था।''
भाजपा ने ममता के इस बयान को ज्यादा उछाला। जिसमें ममता ने बुधवार को कहा था कि "कुछ लोग सोचते हैं कि यह बांग्लादेश है। मुझे बांग्लादेश पसंद है। वे हमारी तरह बोलते हैं और हमारी संस्कृति साझा करते हैं। लेकिन याद रखें, बांग्लादेश एक अलग देश है और भारत एक अलग देश है। मोदी बाबू यहां आग भड़काने के लिए अपनी पार्टी का इस्तेमाल कर रहे हैं। अगर आप बंगाल को जलाएंगे तो असम, उत्तर-पूर्व, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा और दिल्ली भी जलेंगे, हम आपकी कुर्सी गिरा देंगे।" ममता के बयान पर असम के सीएम और मणिपुर के सीएम ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि ममता नॉर्थ ईस्ट में हिंसा भड़काना चाहती हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सीआर केसवन ने गुरुवार को ममता बनर्जी की इस टिप्पणी की निंदा की। केसवन ने सुप्रीम कोर्ट से ममता के "खतरनाक" और "भड़काऊ" भाषण पर ध्यान देने की मांग की। इसके अतिरिक्त, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने भी ओडिशा के बारे में उनकी टिप्पणी के लिए पश्चिम बंगाल की सीएम की आलोचना की।
इस बीच तृणमूल कांग्रेस ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त की घटना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों से आग्रह किया था कि वे ड्यूटी पर लौट आएं। जहां सुप्रीम कोर्ट द्वारा डॉक्टरों की ड्यूटी पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदमों की सिफारिश करने के लिए एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स गठित करने के बाद देश के अधिकांश हिस्सों में डॉक्टर काम पर लौट आए हैं, वहीं कोलकाता में लोग अभी भी पीड़ित के लिए न्याय की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने जवाब दिया कि उनका आंदोलन नहीं रुकेगा। आरजी कर मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने बताया कि उनकी सभी सेवाएं काम कर रही हैं।