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ममता का बलात्कारियों को मौत की सज़ा देने का वादा, राजभवन पर धरने की धमकी

ममता का बलात्कारियों को मौत की सज़ा देने का वादा, राजभवन पर धरने की धमकी

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को आरोप लगाया कि कोलकाता में डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के मामले का भाजपा ने राजनीतिकरण किया। भाजपा बंगाल को और मुझे बदनाम करना चाहती है। हमारी सरकार बलात्कारियों को सजा-ए-मौत का प्रस्ताव जल्द पारित करेगी। अगर राज्यपाल ने उस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया तो मैं राजभवन पर धरना दूंगी।

यह कहते हुए कि उनकी सरकार रेप की घटनाओं को कतई बर्दाश्त नहीं करती है, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि दोषी बलात्कारियों को मौत की सजा के लिए राज्य विधानसभा में संशोधन प्रस्ताव पारित किया जाएगा। बनर्जी ने कहा कि अगर राज्यपाल संशोधित विधेयक को मंजूरी देने में देरी करेंगे या इसे अनुमोदन के लिए राष्ट्रपति के पास नहीं भेजेंगे तो वह राजभवन के बाहर धरने पर बैठेंगी।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि दोषी बलात्कारियों को मौत की सजा के लिए कानून पारित करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए टीएमसी शनिवार से राज्य में जमीनी स्तर पर आंदोलन शुरू करेगी। ममता ने कहा- “हम अगले सप्ताह विधानसभा के विशेष सत्र में संशोधित विधेयक पारित करेंगे। फिर हम इसे राज्यपाल की मंजूरी के लिए उनके पास भेजेंगे। अगर वह बिल पर हस्ताक्षर नहीं करते हैं तो हम राजभवन के बाहर धरना देंगे।'' ममता ने यहां तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद के स्थापना दिवस रैली में यह बात कही।

ममता ने पूछा इंसाफ कहां है

मुख्यमंत्री ने कहा कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में ड्यूटी पर मृत पाए जाने के दो दिन बाद वह पीड़िता के माता-पिता से मिलीं। "मैंने पांच दिन का समय मांगा, लेकिन मामला सीबीआई को भेज दिया गया। भाजपाई न्याय नहीं चाहते। वे देरी चाहते हैं। 16 दिन हो गए, इंसाफ कहां है?" 

12 घंटे के बंद के आह्वान के लिए भाजपा पर कड़ा हमला करते हुए बनर्जी ने कहा, “भाजपा ने बंद इसलिए बुलाया क्योंकि वे शव पर राजनीतिक लाभ चाहते थे। भाजपा एक युवा महिला की मौत के बाद आम लोगों की भावनाओं का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है। वे बंगाल को बदनाम करना चाहते हैं और उनकी मौत की सीबीआई जांच को पटरी से उतारने की साजिश रची ताकि पीड़िता और उसके परिवार को इंसाफ न मिले।'

बनर्जी ने बंगाल के आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों से भी आग्रह किया, जिन्होंने 20 दिनों से काम बंद कर रखा है और वे तत्काल ड्यूटी पर लौटने पर विचार करें। ममता ने अपील करते हुए कहा कि “मैं शुरू से ही डॉक्टरों के प्रति सहानुभूति रखती रही हूं क्योंकि वे अपने सहयोगी के लिए न्याय मांग रहे थे। घटना को इतने दिन बीत जाने के बावजूद हमने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। हम आपका दर्द समझते हैं। लेकिन कृपया अब काम पर वापस आएँ क्योंकि मरीज़ परेशान हैं।”

अभिषेक ने हाथरस, कठुआ, उन्नाव, बदलापुर की याद दिलाई

इस मौके पर तृणमूल महासचिव और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने कहा कि अगर केंद्र इस मोर्चे पर कदम नहीं उठाता है तो पार्टी बलात्कार विरोधी कानून के लिए एक निजी विधेयक लाएगी। उन्होंने कहा कि "एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई है और पूरा भारत इंसाफ की मांग कर रहा है, लेकिन कुछ लोग इस पर शव की राजनीति कर रहे हैं। वे लोग जो उन्नाव, हाथरस, कठुआ और बदलापुर के मामलों के लिए जिम्मेदार हैं। बलात्कार के मामलों में समयबद्ध सुनवाई होनी चाहिए और सजा दी जानी चाहिए और इसे कानून के जरिए स्थापित किया जाना चाहिए।" 

उन्होंने यह भी सवाल किया कि सीबीआई ने अभी तक आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को गिरफ्तार क्यों नहीं किया है, जो घटना से निपटने और भ्रष्टाचार के आरोपों के घेरे में आ गए हैं।

तृणमूल कांग्रेस ने जैसे ही केंद्र पर निशाना साधा और महिला सुरक्षा के लिए सख्त कानून की मांग की है, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा है कि बंगाल सरकार महिलाओं के खिलाफ अपराधों से निपटने के लिए योजनाओं को लागू करने में विफल रही है। मंत्री ने पीटीआई से कहा, यह विडंबना है कि बंगाल देश का एकमात्र राज्य है जहां महिला मुख्यमंत्री है और फिर भी वहां महिलाओं की स्थिति खराब हो रही है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा- "पश्चिम बंगाल जैसे राज्य हैं जहां हम केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। केंद्र सरकार की योजनाएं हैं, जैसे फास्ट ट्रैक विशेष अदालतें और POCSO अदालतें, जो महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों से निपटने के लिए स्थापित की गई हैं लेकिन राज्य (पश्चिम बंगाल) इसमें पीछे है।”

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