बंगाल में सीपीएम, कांग्रेस को वोट देने का मतलब बीजेपी को वोट देना होगा: ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इंडिया गठबंधन के सहयोगियों के ख़िलाफ जमकर बरसी हैं। ममता ने रविवार को सीपीआई (एम) और कांग्रेस पर पश्चिम बंगाल में भाजपा से हाथ मिलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य में विपक्षी गठबंधन का अस्तित्व ख़त्म हो गया है। तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने लोगों से आग्रह किया कि वे पश्चिम बंगाल में वाम-कांग्रेस-आईएसएफ गठबंधन के पक्ष में अपना वोट न डालें क्योंकि 'उन्हें वोट देने का मतलब भाजपा को वोट देना होगा'।
बंगाल में चुनावी रैली में ममता का यह बयान तब आया है जब उनकी ही पार्टी टीएमसी के वरिठ नेता डेरेक ओब्रायन इंडिया गठबंधन की लोकतंत्र बचाओ रैली में न केवल शामिल हुए, बल्कि गठबंधन की ओर से बीजेपी और पीएम मोदी पर हमला भी किया।
Modi's guarantee has zero warranty!
— Congress (@INCIndia) March 31, 2024
Zero warranty when it comes to price rise, jobs and protecting India's institutions.
After the Pulwama tragedy, former Governor Satya Pal Malik ji publicly said that Narendra Modi ji did not even want the truth to come out.
What did Narendra… pic.twitter.com/qeb0fgA5xS
डेरेक ओब्रायन ने कहा, 'मोदी की गारंटी पर शून्य वारंटी! जब महंगाई, नौकरियों और भारत के संस्थानों की सुरक्षा की बात आती है तो शून्य वारंटी। पुलवामा त्रासदी के बाद पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक जी ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि नरेंद्र मोदी जी चाहते ही नहीं थे कि सच्चाई सामने आये। नरेंद्र मोदी क्या छुपाना चाहते थे? जब हमारे जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी तो नरेंद्र मोदी ने वोट मांगने के लिए घटिया राजनीति क्यों की? हम अपने जवानों के सम्मान में सच्चाई सामने आने की मांग करते हैं। हम श्वेत पत्र की मांग करते हैं!'
ओब्रायन ने कहा कि 'टीएमसी इंडिया गठबंधन का हिस्सा था, है और रहेगा'। उन्होंने कहा कि यह बीजेपी बनाम लोकतंत्र की लड़ाई है।
बहरहाल, बंगाल में ममता ने कहा, 'पश्चिम बंगाल में कोई इंडिया गठबंधन नहीं है। मैंने विपक्षी गुट के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यहाँ तक कि इसका नाम भी मेरे द्वारा दिया गया था। लेकिन, सीपीआई (एम) और कांग्रेस राज्य में भाजपा के लिए काम कर रहे हैं।'
उन्होंने कहा, 'अगर आप बीजेपी को हराना चाहते हैं तो कांग्रेस, सीपीआई (एम) और राज्य में उनकी सहयोगी अल्पसंख्यक पार्टी (इंडियन सेक्युलर फ्रंट) के पक्ष में अपना वोट न डालें।'
ममता ने दावा किया कि हालाँकि टीएमसी नेताओं को सीबीआई और ईडी द्वारा परेशान किया जा रहा है, लेकिन पश्चिम बंगाल में एक भी सीपीआई (एम) या कांग्रेस नेता को इन एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार नहीं किया गया है।
जनवरी में ममता ने घोषणा की थी कि उनकी पार्टी पश्चिम बंगाल में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी। उन्होंने सीट-बँटवारे समझौते पर बातचीत करने के कांग्रेस नेतृत्व के प्रयासों को खारिज कर दिया।
हालाँकि, टीएमसी राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी इंडिया गुट का हिस्सा है। पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने के तृणमूल कांग्रेस के फैसले ने त्रिकोणीय चुनावी लड़ाई का मंच तैयार कर दिया है।
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार ममता बनर्जी की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सीपीआई (एम) नेता सुजन चक्रवर्ती ने टीएमसी पर बीजेपी खेमे के साथ गुप्त समझौता करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'हेमंत सोरेन और अरविंद केजरीवाल जैसे कई शीर्ष विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार किया गया है। लेकिन भ्रष्टाचार के कई आरोपों के बावजूद किसी ने भी टीएमसी के शीर्ष नेतृत्व को नहीं छुआ है। और दूसरी बात, इंडिया ब्लॉक टीएमसी की निजी संपत्ति नहीं है, यह यह तय नहीं कर सकते कि गठबंधन अस्तित्व में है या नहीं।' बता दें कि टीएमसी राज्य की सभी 42 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है।