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पीड़िता को न्याय के लिए ममता की रैली, बोलीं- 'फेक न्यूज़ से सच छिपाने की कोशिश'

पीड़िता को न्याय के लिए ममता की रैली, बोलीं- 'फेक न्यूज़ से सच छिपाने की कोशिश'

कोलकाता में प्रशिक्षु डॉक्टर की 9 अगस्त के बलात्कार और हत्या को लेकर मचे तूफान के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आख़िर रैली क्यों निकाली? जानिए उन्होंने क्या कहा।

कोलकाता में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के मामले को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को शहर में एक विशाल रैली निकाली। उन्होंने पीड़िता के लिए न्याय और आरोपी को फांसी की मांग की। सीएम ने रैली में कहा कि सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें फैलाकर सच को छिपाने की जानबूझकर कोशिश की जा रही है।

यह रैली उस दिन हुई जब कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आरजी कर अस्पताल में हुई बर्बरता को लेकर सरकार को फटकार लगाई और कहा कि राज्य मशीनरी पूरी तरह से ध्वस्त हो गई। अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के मामले में हाईकोर्ट टीएमसी सरकार की लगातार खिंचाई कर रहा है। अदालत ने ही इस मामले को सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है। सोशल मीडिया पर भी टीएमसी इस घटना को लेकर निशाने पर है।

इसी बीच ममता बनर्जी ने राज्य में रैली आयोजित की। पश्चिम बंगाल की सीएम ने कहा, 'माकपा और भाजपा ने अपराध के सबूत मिटाने के लिए आरजी कर अस्पताल में तोड़फोड़ की। हम चाहते हैं कि सच सामने आए, लेकिन कुछ लोग लोगों को गुमराह करने के लिए झूठ फैला रहे हैं। वामपंथ और भाजपा के गठजोड़ का पर्दाफाश होना चाहिए।' 

ममता बनर्जी उस घटना का ज़िक्र कर रही थीं जिसमें अज्ञात लोगों के एक बड़े समूह ने बुधवार देर रात कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में धावा बोल दिया था। हुड़दंगियों ने प्रशिक्षु डॉक्टर की 9 अगस्त के बलात्कार और हत्या के खिलाफ जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन के बीच अस्पताल की संपत्ति में तोड़फोड़ की थी। इसको लेकर आरोप-प्रत्यारोप लगे। विरोधियों ने आरोप लगाया कि यह सब सत्ता पक्ष के इशारे पर कराया जा रहा है। जबकि टीएमसी ने सीपीआई(एम) और बीजेपी पर आरोप लगाया।

गुरुवार को राज्यपाल से मुलाकात के बाद प्रेस से बात करते हुए ममता बनर्जी ने दावा किया था कि प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान अस्पताल परिसर में तोड़फोड़ करने वाले लोग बाहरी थे और वामपंथी और भाजपा के झंडे लेकर चल रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा था, "मुझे जानकारी मिली है कि बाहरी लोगों, 'बाम और राम' के कुछ राजनीतिक पार्टी कार्यकर्ताओं ने यह किया है। इसमें छात्रों की कोई भूमिका नहीं है। मैं इस घटना की निंदा करती हूं और कल (बलात्कार के आरोपियों के लिए) फांसी की सजा की मांग को लेकर एक रैली निकालूंगी।"

ममता बनर्जी ने पहले भी अपनी सरकार के खिलाफ साजिश रचने के लिए 'बाम' (वामपंथी) और 'राम' (भाजपा) को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा था, 'मैंने वामपंथियों और भाजपा के झंडे देखे... जिस तरह से उन्होंने पुलिस पर हमला किया। मेरे एक प्रभारी अधिकारी एक घंटे तक लापता रहे। बाद में उन्हें घायल अवस्था में पाया गया।'

आरजी कर सरकारी कॉलेज और अस्पताल में युवा डॉक्टर के कथित बलात्कार और हत्या के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन के समर्थन में आईएमए ने शनिवार को सुबह 6 बजे से 24 घंटे के लिए देश भर में गैर-आपातकालीन सेवाएं बंद रखने की घोषणा की है।

इससे पहले कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार रात को हुई तोड़फोड़ की घटना के संबंध में अपराध स्थल तक सीमित पहुंच और आरजी कर सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की। 

मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होगी। तोड़फोड़ मामले में 19 लोगों की गिरफ्तारी के एक दिन बाद पुलिस ने पांच और लोगों को गिरफ्तार किया, जिससे कुल संख्या 24 हो गई। इस बीच, पुलिस के साथ झड़प के बाद बंगाल भाजपा के प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है। 

बुधवार को सीबीआई की एक टीम ने अस्पताल का दौरा करने के बाद जांच शुरू की। इस सिलसिले में पांच डॉक्टरों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। इस बीच, कोलकाता पुलिस ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में आपातकालीन भवन के भूतल पर हिंसा और तोड़फोड़ के बाद नौ लोगों को हिरासत में लिया।

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