ममता बोलीं- इस्तीफा देने को तैयार; जानें, डॉक्टरों से वार्ता क्यों नहीं हुई
आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले में ममता बनर्जी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश की है। उन्होंने कहा है कि 'मुझे पद की चिंता नहीं है। मुझे न्याय चाहिए, सिर्फ न्याय मिले मुझे इसकी चिंता है।' उनकी यह प्रतिक्रिया तब आई है जब पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा बैठक का सीधा प्रसारण करने के उनके अनुरोध को ठुकरा दिए जाने के बाद जूनियर डॉक्टरों के 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने से इनकार कर दिया। मीडिया को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि सरकार पिछले तीन दिनों से प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से चर्चा का इंतजार कर रही है। उन्होंने साफ़ किया कि वह हड़ताली जूनियर डॉक्टरों के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं करेंगी।
तृणमूल कांग्रेस ने इस मामले में एक बयान जारी कर कहा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दो घंटे तक इंतज़ार किया। इसने कहा है कि दो बार वार्ता को खारिज किए जाने के बाद भी बातचीत का प्रयास किया गया। शुरुआत में 15 प्रतिनिधियों के लिए मंजूरी थी जिसको बाद में 30 तक बढ़ाई गई। इसने कहा है कि उनके लिए सौहार्दपूर्ण समाधान से ज़्यादा ज़रूरी लाइव स्ट्रीमिंग है।
What matters more: LIVE STREAMING or reaching an AMICABLE RESOLUTION? pic.twitter.com/9on0BVJOge
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) September 12, 2024
डॉक्टरों द्वारा बातचीत से इनकार करने पर प्रतिक्रिया देते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि विचाराधीन मामले पर बातचीत का प्रसारण नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी दावा किया कि सरकार ने बैठक को रिकॉर्ड करने की व्यवस्था की थी और सुप्रीम कोर्ट की अनुमति से फुटेज साझा की जा सकती थी।
उन्होंने कहा, 'आरजी कर गतिरोध को समाप्त करने के लिए मैंने जूनियर डॉक्टरों से बातचीत करने की तीन बार कोशिश की। हमने जूनियर डॉक्टरों से मिलने के लिए 2 घंटे तक इंतजार किया, लेकिन वे बैठक स्थल पर नहीं आए।' मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि जूनियर डॉक्टरों के 'काम बंद' विरोध के कारण 27 लोगों की मौत हो गई है और 7 लाख मरीज़ों को परेशानी उठानी पड़ी है।
उन्होंने कहा, 'मैं उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करूंगी... वे युवा हैं और हम उन्हें माफ कर देंगे... मैं खुले दिमाग से बैठक करना चाहती थी।' ममता ने डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के बाद कोलकाता में विरोध प्रदर्शन 34वें दिन भी जारी है। डॉक्टरों को काम पर लौटने के लिए सुप्रीम कोर्ट का निर्देश अभी भी प्रभावी है।
आंदोलनकारी डॉक्टरों और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच गतिरोध गुरुवार को भी जारी रहा। यह घटनाक्रम तब हुआ जब राज्य सरकार ने आंदोलनकारी डॉक्टरों को गुरुवार शाम 5 बजे बातचीत के लिए फिर से आमंत्रित किया था।
आमंत्रित इसलिए किया गया था ताकि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 वर्षीय प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मद्देनजर महीने भर से चल रहे गतिरोध को समाप्त किया जा सके। अपने पत्र में सरकार ने बैठक में ममता बनर्जी की उपस्थिति की डॉक्टरों की मांग को स्वीकार कर लिया, लेकिन उसने बातचीत का सीधा प्रसारण करने की उनकी शर्त को खारिज कर दिया।
ममता बनर्जी ने कहा, 'हमने 15 डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल मांगा था, लेकिन वे 34 डॉक्टरों के साथ आए और फिर भी हमने बैठक करने का फैसला किया। लेकिन उन्होंने बैठक स्थल में प्रवेश करने से इनकार कर दिया। हमने बैठक को सुविधाजनक बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अन्य शीर्ष अधिकारियों को नहीं बुलाया।' उन्होंने आगे दावा किया कि पिछले एक महीने में सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सेवाओं की कमी के कारण 27 मरीजों की मौत हो गई है।