सदन की सदस्यता के बग़ैर ही ममता बनीं टीएमसी संसदीय दल की प्रमुख
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को तृणमूल कांग्रेस के संसदीय दल का अध्यक्ष चुना गया है। वे किसी सदन की सदस्य नहीं हैं।
टीएमसी के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने शुक्रवार को इसका एलान करते हुए कहा कि ममता बनर्जी सुदीप बंद्योपाध्याय की जगह लेंगी। सुदीप लोकसभा सदस्य हैं।
इसके साथ ही ममता बनर्जी उन गिनी चुनी नेताओं में शुमार हो जाएँगी, जो किसी सदन का सदस्य नहीं हैं, लेकिन जिन्हें उनकी पार्टी ने संसदीय दल का प्रमुख चुन लिया है।
सोनिया गांधी 1998 में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष चुनी गई थीं, वे उस समय किसी सदन में नहीं थीं।
क्या कहना है टीएमसी का?
डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, "ममता बनर्जी हमारे तृणमूल संसदीय दल की अध्यक्ष होंगी। यह एक सच्चाई है, जिसकी हम औपचारिक घोषणा कर रहे हैं।"
उन्होंने इसके आगे कहा,
“
ममता बनर्जी लोकसभा की सदस्य सात बार रह चुकी हैं, वे अभी ही संसदीय दल को दिशा निर्देश दे रही थीं। उन्हें चुनना एक रणनीतिक फ़ैसला है।
डेरेक ओ ब्रायन, राज्यसभा सदस्य, तृणमूल कांग्रेस
रणनीतिक निर्णय!
ममता बनर्जी अगले हफ़्ते नई दिल्ली आने वाली हैं। समझा जाता है कि उन्हें इस पद की ज़िम्मेदारी इसलिए दी जा रही है कि वे दूसरे दलों के नेताओं के साथ समन्वय व बातचीत कर एक बीजेपी-विरोधी मोर्चे के गठन के लिए काम करें।
वे अब राज्य के साथ ही केंद्र की राजनीति पर फ़ोकस करेंगी।
टीएमसी ने यह एलान ऐसे समय किया है जब तृणमूल सांसद शांतनु सेन को पेगासस जासूसी कांड पर आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव की प्रतिक्रिया के काग़ज़ को फाड़ने की वजह से मानसून सत्र के बाकी समय के लिए निलंबित कर दिया गया है।
निलंबन के ख़िलाफ़ विशेषाधिकार प्रस्ताव
लेकिन डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि टीएमसी सेन के निलंबन से 'परेशान नहीं' है। उन्होंने कहा, "लोग बीजेपी को निलंबित कर देंगे। हमारी सहयोगी महुआ मोइत्रा ने इस निलंबन के ख़िलाफ़ विशेषाधिकार प्रस्ताव पेश किया है।"
उन्होंने पत्रकारों से कहा, "हम चाहते हैं कि संसद चले। हम दो या तीन मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं। पेगासस मुद्दे पर चर्चा की ज़रूरत है। इसके अलावा हम कृषि क़ानूनों को निरस्त कराना चाहते हैं।"