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बचे हुए चारों चरणों के चुनाव एक दिन में हों: ममता; आयोग का इनकार 

बचे हुए चारों चरणों के चुनाव एक दिन में हों: ममता; आयोग का इनकार 

चुनावी राज्य पश्चिम बंगाल में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरूवार को चुनाव आयोग से बेहद अहम अपील की है।

चुनावी राज्य पश्चिम बंगाल में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरूवार को चुनाव आयोग से बेहद अहम अपील की है। बनर्जी ने कहा है कि बचे हुए चारों चरणों के चुनाव एक ही दिन में कराये जाने चाहिए क्योंकि राज्य में कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है। 

हालांकि चुनाव आयोग ने गुरूवार दिन में ही इस तरह की चर्चाओं को खारिज कर दिया था और कहा था कि चुनाव अपने तय कार्यक्रम के हिसाब से ही होंगे। 

बंगाल में पांचवें चरण में 45 सीटों पर 17 अप्रैल को, छठे चरण में 43 सीटों पर 22 अप्रैल को, सातवें चरण में 36 सीटों पर 26 अप्रैल को और आठवें चरण में 35 सीटों पर 29 अप्रैल को मतदान होगा। 2 मई को बंगाल के साथ ही तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी और असम के भी नतीजे आएंगे। 

सर्वदलीय बैठक कल

देश भर के साथ ही पश्चिम बंगाल में भी कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए चुनाव आयोग ने 16 अप्रैल को कोलकाता में सभी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि इसमें कोरोना को लेकर बन रहे हालात पर चर्चा की जाएगी। 

पश्चिम बंगाल में कोरोना के मामलों में 24 गुना उछाल आया है। पश्चिम बंगाल में 10 मार्च को कोरोना के 241 मामले थे जबकि 14 अप्रैल को ये आंकड़ा 5,892 पर पहुंच गया। राज्य में अब तक 10,458 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। इनमें से कोलकाता और उत्तरी परगना खासा प्रभावित है। राज्य में अभी 32,621 एक्टिव मामले हैं।

कोलकाता हाई कोर्ट सख़्त 

कोलकाता हाई कोर्ट ने मंगलवार को कहा है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच राजनीतिक दलों के द्वारा किए जा रहे चुनाव प्रचार में कोरोना की गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन कराया जाना चाहिए। 

जस्टिस टीबीएन राधाकृष्णन और जस्टिस अरिजित बनर्जी की बेंच ने इस संबंध में दायर दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि सभी जिलाधिकारी व मुख्य निर्वाचन अधिकारी चुनाव आयोग की ओर से बनाई गई गाइडलाइंस का पूरी तरह पालन कराएं और उन्हें ज़रूरत हो तो पुलिस का सहयोग लें। 

बेंच ने कहा कि हम असाधारण हालात का सामना कर रहे हैं और यह वक़्त बड़े क़दम उठाने का है। अदालत ने कहा कि जो लोग कोरोना प्रोटोकॉल के नियमों का पालन नहीं करते हैं, उनके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाए। 

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