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गडकरी, जावेद अख़्तर से मिलीं टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी

गडकरी, जावेद अख़्तर से मिलीं टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने दिल्ली दौरे के दौरान गुरूवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिलीं। 

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने दिल्ली दौरे के दौरान गुरूवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिलीं। इसके बाद उनकी मुलाक़ात डीएमके की सासंद कनिमोई, लेखक और गीतकार जावेद अख़्तर और फ़िल्म अभिनेत्री शबाना आज़मी से भी हुई। 

ममता के दिल्ली दौरे को लेकर राजनीति से लेकर मीडिया तक के गलियारों में खासी हलचल है। पश्चिम बंगाल के चुनाव में जीत के बाद ममता का यह पहला दिल्ली दौरा है और राजनीतिक लिहाज से बेहद अहम भी है। 

 - Satya Hindi

बुधवार को ममता कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिली थीं। मुलाक़ात के बाद ममता ने कहा था कि हमने राजनीतिक हालात पर चर्चा की। इसमें विपक्ष की एकता, पेगासस जासूसी मामला और कोरोना के बाद बने हालात पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा था कि बैठक अच्छी रही और उन्हें उम्मीद है कि इसका सकारात्मक परिणाम सामने आएगा। 

ममता ने कहा कि बीजेपी को हराने के लिए सभी को एक होना होगा। उन्होंने कहा था कि सरकार को पेगासस जासूसी के मामले में जवाब देना चाहिए। मुलाक़ात के दौरान राहुल गांधी भी मौजूद रहे थे। 

नेतृत्व कोई भी करे, परेशानी नहीं

पत्रकारों के इस सवाल के जवाब में कि बीजेपी के ख़िलाफ़ बनने वाले गठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा, उन्होंने कहा कि अगर कोई और भी नेतृत्व करता है तो उन्हें कोई परेशानी नहीं है। उन्होंने कहा कि वह कोई भविष्यवक्ता नहीं हैं और यह हालात पर निर्भर करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह नेता नहीं बनना चाहतीं। 

बुधवार शाम को उनकी मुलाक़ात दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से हुई थी। ममता मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलीं थीं। इसी दिन उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ, अभिषेक मनु सिंघवी और आनंद शर्मा से भी मुलाक़ात की थी। 

देखिए, ममता के दिल्ली दौरे पर चर्चा- 

एंटी बीजेपी फ्रंट की कवायद

21 जुलाई को शहीद दिवस के आयोजन के दिन बंगाल के बाहर भी जिस तरह ममता का भाषण दिखाया और सुनाया गया, उससे साफ है कि वह बंगाल से बाहर भी सियासी उड़ान भरने के लिए बेताब हैं। इसके साथ ही वह बीजेपी के ख़िलाफ़ एक मज़बूत फ्रंट बनाने की दिशा में भी तेज़ी से आगे बढ़ना चाहती हैं। 

ममता ने शहीद दिवस वाले दिन अपने भाषण में कहा था, “हमारे पास बर्बाद करने के लिए वक़्त नहीं है। हमारे पास ढाई से तीन साल का वक़्त है लेकिन हमें मिलकर लड़ना होगा और अपने लोकतंत्र को बचाना होगा।” 

उन्होंने 2024 के चुनाव में बीजेपी को हराने की अपील भी सभी विपक्षी दलों से की थी। ममता का सभी विपक्षी और विशेषकर क्षेत्रीय दलों के लिए पैगाम साफ़ था कि वे अपने मतभेदों को किनारे करें और 2024 के चुनाव की तैयारी में जुटें। 

ममता के इस भाषण से साफ़ था कि वह 2024 के चुनाव के लिए किसी तरह की कोताही नहीं बरतना चाहतीं। दीदी के नाम से चर्चित ममता ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भी बीजेपी विरोधी दलों का एक फ्रंट तैयार करने की कोशिश की थी लेकिन तब ये कोशिशें परवान नहीं चढ़ सकी थीं।

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