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बंगाल में कांग्रेस, सीपीआई (एम) इंडिया गठबंधन नहीं, वे बीजेपी के एजेंट हैं: ममता

बंगाल में कांग्रेस, सीपीआई (एम) इंडिया गठबंधन नहीं, वे बीजेपी के एजेंट हैं: ममता

टीएमसी दिल्ली में भले ही इंडिया गठबंधन के दल के साथ हुंकार भरती रही है, लेकिन बंगाल में टीएमसी का रुख अलग है। जानिए, वोटिंग के बीच क्यों ममता सीपीआई (एम) और कांग्रेस पर हमलावर हैं।

पश्चिम बंगाल में शुक्रवार को जब लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग हो रही थी तो ममता बनर्जी इंडिया गठबंधन पर हमलावर थीं। राज्य में तीन सीटों पर मतदान के बीच ही ममता ने अपने सहयोगी दलों कांग्रेस और सीपीआई (एम) पर हमला बोलते हुए कहा कि वह राज्य में उनका समर्थन नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि वे यहाँ 'भाजपा के एजेंट' थे। हालाँकि खुद ममता बनर्जी और उनकी पार्टी भी राज्य के बाहर इंडिया गठबंधन की पक्षधर रही हैं और बीजेपी के ख़िलाफ़ जीत का दावा करती रही हैं।

ममता ने कहा, 'कुछ लोग कहते हैं, हम इंडिया गठबंधन हैं, हमें वोट दें। इंडिया गठबंधन यहां नहीं है, यह दिल्ली के लिए है। कांग्रेस और सीपीआई (एम) यहां इंडिया गठबंधन नहीं हैं। वे बीजेपी हैं। उनके लिए एक वोट का मतलब बीजेपी के लिए दो वोट है। उनके लिए वोट भी न डालें।' उन्होंने कहा, 'आने वाले दिनों में हम विपक्षी इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करेंगे। लेकिन बंगाल में सीपीआई (एम) और कांग्रेस बीजेपी के एजेंट हैं। इसलिए मैं यहां उनका समर्थन नहीं करूंगी।'

ममता की यह टिप्पणी इसलिए आई है कि टीएमसी, कांग्रेस और सीपीआई (एम) विपक्षी गठबंधन का हिस्सा हैं लेकिन ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

ममता ने यह टिप्पणी मुर्शिदाबाद में की है। यह एक ऐसा जिला है जहां सीपीआई (एम)-कांग्रेस गठबंधन को मज़बूत माना जा रहा है। सागरदिघी में सीपीआई (एम)-कांग्रेस ने पिछले साल उपचुनाव में टीएमसी को हराया था। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी और सीपीआई (एम) के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम भी बरहामपुर और मुर्शिदाबाद लोकसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ रहे हैं।

हालाँकि, राज्य से बाहर टीएमसी कांग्रेस और सीपीआई (एम) के साथ इंडिया गठबंधन में है। पिछले महीने इंडिया गठबंधन की दिल्ली रैली में टीएमसी शामिल हुई थी। टीएमसी के वरिष्ठ नेता डेरेक ओब्रायन इंडिया गठबंधन की लोकतंत्र बचाओ रैली में न केवल शामिल हुए, बल्कि गठबंधन की ओर से बीजेपी और पीएम मोदी पर हमला भी किया था।

तब डेरेक ओब्रायन ने कहा था कि 'टीएमसी इंडिया गठबंधन का हिस्सा था, है और रहेगा'। उन्होंने कहा था कि यह बीजेपी बनाम लोकतंत्र की लड़ाई है। जब डेरेक यह बयान दे रहे थे तभी बंगाल में ममता सीपीआई (एम) और कांग्रेस पर पश्चिम बंगाल में भाजपा से हाथ मिलाने का आरोप लगा रही थीं।

पिछले महीने 31 मार्च को बंगाल में ममता ने कहा था, 'पश्चिम बंगाल में कोई इंडिया गठबंधन नहीं है। मैंने विपक्षी गुट के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यहाँ तक कि इसका नाम भी मेरे द्वारा दिया गया था। लेकिन, सीपीआई (एम) और कांग्रेस राज्य में भाजपा के लिए काम कर रही हैं।'

जनवरी में ममता ने घोषणा की थी कि उनकी पार्टी पश्चिम बंगाल में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी। उन्होंने सीट-बँटवारे समझौते पर बातचीत करने के कांग्रेस नेतृत्व के प्रयासों को खारिज कर दिया। हालाँकि, टीएमसी राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी इंडिया गुट का हिस्सा है। पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने के तृणमूल कांग्रेस के फैसले ने त्रिकोणीय चुनावी लड़ाई का मंच तैयार कर दिया है।

बहरहाल, मुर्शिदाबाद में एक रैली में ममता ने शुक्रवार को यह भी कहा कि सभी चुनाव पूर्व सर्वेक्षण फर्जी थे। ममता ने बीजेपी और चुनाव आयोग की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, 'भाजपा को देश में 200 सीटें भी नहीं मिलेंगी। सारे सर्वे फर्जी हैं। सर्वे में लाखों रुपये बहाये गये हैं। इसे मत सुनो...भाजपा नहीं जीतेगी'। 

उन्होंने पहले चरण के मतदान के दौरान ईसीआई की भूमिका पर भी टिप्पणी की। उन्होंने पूछा, 'जो विवाह कर रहा है वही विवाह का पुरोहित भी है- यह मैं पहली बार देख रही हूं। फिर आप राज्य पुलिस को छोड़कर केवल केंद्रीय बलों के साथ कैसे मतदान कर रहे हैं? ताकि लोग वोट न दे सकें?'

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