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चुनाव के पहले चरण से पूर्व बीजेपी दंगा कराएगी: ममता बनर्जी

चुनाव के पहले चरण से पूर्व बीजेपी दंगा कराएगी: ममता बनर्जी

लोकसभा चुनाव से पहले आख़िर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंसा की आशंका क्यों जताई है? क्या रामनवमी पर फिर से किसी तरह के बवाल होने का अंदेशा है?

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव के पहले चरण के चुनाव से पहले हिंसा की आशंका जताई है। उन्होंने दावा किया है कि बीजेपी 17 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के पहले चरण से पहले राज्य में 'दंगे भड़काएगी'। ममता बनर्जी एक सार्वजनिक सभा को संबोधित कर रही थीं। 17 अप्रैल को ही रामनवमी भी है। पिछले कुछ वर्षों में रामनवमी पर कई बार कई जगहों से हिंसा की ख़बरें आती रही हैं। 

ममता बनर्जी ने ये आशंका रविवार को तब जताई जब वह पुरुलिया में एक चुनावी जनसभा को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने राज्य में रामनवमी के दौरान सांप्रदायिक घटनाएं होने की आशंका को लेकर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि 17 अप्रैल को रामनवमी है, इस दौरान आप लोग रैली का आयोजन करें, लेकिन किसी भी तरह के दंगे में शामिल न हों।

ईटी की रिपोर्ट के अनुसार ममता ने कहा, 'रैलियां और बैठकें करें लेकिन दंगा मत करें। यह वे (बीजेपी) हैं जो दंगा करेंगे। 19 अप्रैल को मतदान है और वे 17 अप्रैल को दंगा करेंगे। भगवान राम आपको दंगा करने के लिए नहीं कहते हैं। लेकिन ये लोग दंगा करेंगे और दंगा करके एनआईए को राज्य में लाएँगे।'

उन्होंने कहा, 'राम नवमी बार-बार आ रही है और अगर कोई पटाखे भी फोड़ता है तो वह इस मामले की जांच के लिए एनआईए को भेजेगी। किसी को भी झांसे में नहीं आना चाहिए। सभी को समझाएं कि तृणमूल कांग्रेस शांति बनाए रखती है।' उन्होंने कहा कि एनआईए पुरुलिया के हर होटल में जाकर पूछताछ कर रही है कि कौन कहां रह रहा है।

उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों की बंगाल में हो रही कार्रवाइयों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि एनआईए व सीबीआई भाजपा के लिए काम करती हैं, ईडी व सीबीआई भाजपा में टीएमसी नेताओं को शामिल कराने के लिए दबाव बना रही हैं।

पश्चिम बंगाल में जाँच करने गई एनआईए यानी राष्ट्रीय जाँच एजेंसी के अफ़सरों पर हमले के बाद अब उनपर एफ़आईआर दर्ज की गई है। उनपर महिलाओं से छेड़छाड़ का आरोप लगा है।

एनआईए पूर्वी मेदिनीपुर में 2022 में हुए विस्फोट की जांच कर रही है। इसकी एक टीम पर शनिवार को हमला किया गया था। एनआईए ने शनिवार को भूपतिनगर थाने में हमले की लिखित शिकायत भी दर्ज करायी। मामले के संबंध में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। कुछ घंटे बाद ही जिला पुलिस ने एनआईए अधिकारियों पर छेड़छाड़ के आरोप में मामला दर्ज किया।

भूपतिनगर इलाके में अपने हालिया कार्यों में किसी भी तरह की दुर्भावना से इनकार करते हुए एनआईए ने अपने खिलाफ लगाए गए गैरकानूनी कार्यों के आरोपों का खंडन किया और पूरे विवाद को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए खारिज कर दिया।

एनआईए ने यह साफ़ किया है कि उसके कार्य प्रामाणिक, वैध और कानूनी रूप से अनिवार्य थे, क्योंकि यह रॉ बमों के निर्माण से संबंधित जघन्य अपराध की जांच का हिस्सा था। वहाँ विस्फोट हुआ था और विस्फोट में तीन लोगों की मौत हो गई थी।

पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर इलाके में राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों पर हमले के बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को कहा कि केंद्रीय एजेंसियों पर हमले को उचित नहीं ठहराया जा सकता।

इधर आरोपी के परिजनों ने महिलाओं से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। पूर्वी मिदनीपुर पुलिस ने शनिवार रात भूपतिनगर पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 354 यानी छेड़छाड़ और 441 यानी अतिक्रमण के तहत एनआईए अधिकारियों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की। पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार आरोपी और टीएमसी कार्यकर्ता मनाब्रतो जना के परिवार के सदस्यों की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। द इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि पुलिस को शिकायत मिली कि एनआईए अधिकारियों ने देर रात उनके घर के दरवाजे तोड़कर महिलाओं से छेड़छाड़ की।

बता दें कि पिछले साल रामनवमी पर देश में कई जगहों पर सांप्रदायिक झड़पें हुई थीं। पश्चिम बंगाल, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे भी राज्य भी दंगे की चपेट में आ गए थे। राजधानी दिल्ली में भी तनाव देखने को मिला था। रामनवमी हिंसा की जाँच को लेकर एनआईए ने कलकता हाईकोर्ट से शिकायत की थी कि सरकार जाँच में सहयोग नहीं कर रही है। 

पिछले साल जब बंगाल में रामनवमी पर हिंसा हुई थी तो ममता ने इस हिंसा के लिए भाजपा और बजरंग दल को जिम्मेदार ठहराया था और भाजपा ने इसके लिए ममता और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस को।

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