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खड़गे ने कांग्रेस कार्य समिति की जगह बनाई स्टीयरिंग कमिटी

खड़गे ने कांग्रेस कार्य समिति की जगह बनाई स्टीयरिंग कमिटी

कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कौन सा बड़ा फ़ैसला लिया? जानिए, उन्होंने कौन सी पहली बैठक की अध्यक्षता की।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने के साथ ही कांग्रेस कार्य समिति की जगह स्टीयरिंग कमिटी यानी संचालन समिति बनाई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, संशोधित समिति में शामिल किए गए 47 नामों में सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी भी शामिल हैं।

इस कमेटी में एके एंटनी, अंबिका सोनी, आनंद शर्मा, के सी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला जैसे नाम भी शामिल हैं। यह समिति कांग्रेस की कार्य समिति की जगह पर काम करेगी। कार्य समिति पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है। स्टीयरिंग कमेटी पूर्ण सत्र आयोजित होने तक कार्य करेगी। अगले अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सत्र में कार्य समिति के नए सदस्यों का चयन किया जाएगा।

मल्लिकार्जुन खड़गे के नए कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने के तुरंत बाद कार्य समिति के सभी सदस्यों, महासचिवों और प्रभारी ने अपने इस्तीफे दे दिए। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि नए प्रमुख अपनी पसंद की टीम बना सकें। बता दें कि नए अध्यक्ष के चुनाव के तुरंत बाद कांग्रेस के सभी पदाधिकारियों के इस्तीफा देने की परंपरा रही है।

खड़गे ने बुधवार को पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति यानी सीईसी की बैठक की अध्यक्षता की और आगामी गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए संभावित उम्मीदवारों पर भी चर्चा की। माना जाता है कि जल्द ही पार्टी अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करेगी।

आज दिन में कार्यभार संभालने के बाद खड़गे की अध्यक्षता में यह पहली बैठक थी।

पार्टी का कार्यभार संभालने के बाद खड़गे ने कहा कि वह सामूहिक नेतृत्व में विश्वास करते हैं और ज़रूरत पड़ने पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी से सलाह लेंगे। उन्होंने कहा, 'उन्होंने इस देश के लिए अच्छा किया है। उनकी सलाह से पार्टी को फायदा होगा... इसलिए मैं निश्चित रूप से उनकी सलाह और समर्थन मांगूंगा। इसमें कोई शर्म की बात नहीं है।'

खड़गे ऐसे वक्त में कांग्रेस के अध्यक्ष बने हैं जब पार्टी तमाम चुनौतियों से जूझ रही है। खड़गे के सामने 2024 के लोकसभा चुनाव के साथ ही तमाम राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत दिलाना एक बड़ी चुनौती है। 80 साल के खड़गे गांधी परिवार के भरोसेमंद हैं और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उम्मीद है कि उनके अध्यक्ष बनने से पार्टी मजबूत होगी। 

खड़गे के सामने कांग्रेस को जिंदा करने की चुनौती है। गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव सामने हैं और साल 2023 में 10 राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं। कांग्रेस 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में बुरी तरह शिकस्त खा चुकी है। अब उसके सामने 2024 का चुनाव करो या मरो वाला है। 

पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि आज हमारी पार्टी के सामने बहुत सारी चुनौतियां हैं। सबसे बड़ी चुनौती यह है कि आज देश के सामने लोकतांत्रिक मूल्यों का संकट पैदा हुआ है, उसका मुकाबला हम कैसे करें। सोनिया ने कहा, “मैं आप सबको दिल से धन्यवाद देती हूं कि आप सबने मुझे इतना सहयोग व समर्थन दिया। अब यह जिम्मेदारी खड़गे जी के पास है, परिवर्तन संसार का नियम है, परिवर्तन जीवन के हर क्षेत्र में होता रहा है और आगे भी होता रहेगा।”

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