मालदीव के पर्यटन उद्योग पर संकट, कारोबारियों ने मंत्रियों की निन्दा की
मालदीव का पर्ययन व्यवसाय भारत के लोगों द्वारा दिखाए जा रहे गुस्से से डर गया है। वहां पर अब भारत के समर्थन में अभियान पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों ने छेड़ दिया है। विपक्ष के नेता अली अजीम ने तो राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू को हटाने की मांग कर डाली है। राष्ट्रपति इस समय चीन की यात्रा पर हैं। लेकिन पहले जानिए कि मालदीव के पर्यटन उद्योग के भयभीत होने की वजह क्या है और उन्हें क्यों भारत के समर्थन में बयान देना पड़ा।
मालदीव पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में कुल पर्यटकों में से भारत से करीब 11.2 फीसदी (18.42 लाख) लोग वहां गए थे।रूस 11.1 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर था। कोविड 19 फैलने से पहले 2018 में मालदीव में भारतीय यात्रियों की हिस्सेदारी सिर्फ 6.1 प्रतिशत थी, लेकिन अगले कुछ वर्षों में इसमें वृद्धि हुई।
ऑनलाइन यात्रा बुकिंग पोर्टल-EaseMyTrip-ने मालदीव के लिए उड़ान टिकटों की बिक्री फिलहाल रोक दी है। भारत और मालदीव के बीच हर हफ्ते करीब 60 फ्लाइट होती हैं, जिनमें से भारतीय एयरलाइंस लगभग 50 उड़ानें ऑपरेट करते हैं। जिनमें इंडिगो, एयर इंडिया, विस्तारा और एयर इंडिया एक्सप्रेस प्रमुख हैं। पर्यटन व्यवसाय से जुड़े एक प्रमुख पोर्टल मेक माय ट्रिप का कहना है कि उसने डेटा रेकॉर्ड किया है कि भारतीय लोग अब लक्षद्वीप के बारे में ज्यादा खोज कर रहे हैं।
मालदीव के पर्यटन उद्योग ने निन्दा की
मालदीव एसोसिएशन ऑफ टूरिज्म इंडस्ट्री (MATI) ने कहा है कि वह लक्षद्वीप में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर कुछ उप मंत्रियों द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणियों की कड़ी निंदा करता है। MATI ने कहा कि मालदीव के इतिहास में भारत हमेशा संकटों के लिए "सबसे पहले मदद" को आगे आता रहा है।
MATI ने कहा कि "मालदीव एसोसिएशन ऑफ टूरिज्म इंडस्ट्री सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कुछ उप मंत्रियों द्वारा भारत के प्रधान मंत्री, महामहिम नरेंद्र मोदी के साथ-साथ भारत के लोगों के प्रति की गई अपमानजनक टिप्पणियों की कड़ी निंदा करता है। भारत हमारे निकटतम पड़ोसियों में से एक सहयोगी है। MATI ने सोमवार को एक बयान में कहा, "भारत हमेशा हमारे पूरे इतिहास में विभिन्न संकटों के लिए सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाला रहा है और हम सरकार के साथ-साथ भारत के लोगों द्वारा हमारे साथ बनाए गए घनिष्ठ संबंधों के लिए बेहद आभारी हैं।"
बयान में यह भी कहा गया कि भारत मालदीव के पर्यटन उद्योग में भी लगातार और महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। COVID-19 के दौरान हमें बहुत सहायता की। तब से, भारत मालदीव के लिए शीर्ष बाजारों में से एक बना हुआ है।
बयान में यह भी कहा गया है कि"यह हमारी सच्ची इच्छा है कि हमारे दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंध आने वाली पीढ़ियों तक बने रहें और इसलिए, हम ऐसे कार्यों या भाषण से बचते हैं जो हमारे अच्छे संबंधों पर कोई बुरा प्रभाव डाल सकते हैं।"
पिछले साल सितंबर में नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद से भारत और मालदीव के बीच बढ़ते तनाव के कारण यह नतीजा सामने आया है। इस बीच भारत में कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने घरेलू व्यापारियों और निर्यातकों से मालदीव के साथ व्यापारिक सौदे करने से परहेज करने का आह्वान किया।