तुम औरत हो…
तुम औरत हो/मैत्रेयी पुष्पा
तुम औरत हो
लड़की हो या अधेड़
तुम हमारे लिये बस माल हो, मस्त माल
हमें खुश करने के लिये दुनिया में आई हो
तुम जानती तो होगी बात को
नहीं जानतीं तो जान लो, देखो अपने चारों तरफ़ कि तुम कहाँ-कहाँ हो
कोठों पर तुम हो, पोर्न में तुम ही तुम हो हमारे लिये,
बलात्कारों में तुम हो मर्दाने शिकंजे में चिड़िया की तरह फड़फड़ाती हुई
तुम हम लोगों से दूर नहीं, हरदम हमारे मोबाइल में हो अपनी देह के साथ
और बलात्कारों के वीडियो की मौज में
देखो हमारी माँग में कुछ और नहीं, सिर्फ़ तुम्हारी देह है
हम चार लोग काम चला लेंगे तुम अकेली से
तुम से हो जायेगा हमारा मनोरंजन और आनन्द पूरा
देखो मना मत करना, औरत के लिये ‘मना’ शब्द बड़ा नुक़सान दायक होता है।
वैसे मना कर रही हो तो भी क्या फ़र्क़ पड़ता है? मना लड़की किया ही करती है।
और ज़ोर ज़बरदस्ती हमारी आदत में है।
हम बलात्कार नहीं करेंगे, हम तो किसी भी तरह अपनी इच्छा पूरी करेंगे
तुम कहती रहो इसे बलात्कार
चलो तुम भी देख लो यह वीडियो और तैयार हो जाओ हमारे लिये।
इसके बाद कुछ देखने सुनने लायक़ तुम बचोगी नहीं
क्योंकि औरत या लड़की कितनी ख़तरनाक होती है, यह भी हम जानते हैं
जानते हैं ख़ुद को भी कि ज़ुबान खोलने वाली लड़की को हमें किस घाट उतारना है।
हम ख़ूँख़ार नहीं, हैवान नहीं, मर्द हैं, मर्द।
तुम भी औरत हो बस हमारी मर्दानगी की ग़ुलाम।