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भाजपा सांसद दूबे की डिग्री की जांच नहीं, लेकिन महुआ का मामला समिति में पहुंचा

भाजपा सांसद दूबे की डिग्री की जांच नहीं, लेकिन महुआ का मामला समिति में पहुंचा

लोकसभा अध्यक्ष ने तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ कैश-फॉर-क्वेरी (सवाल के बदले कथित रिश्वत) विवाद के संबंध में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत लोकसभा की आचार समिति को भेज दी है।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ 'सवालों के बदले कथित रिश्वत' देने से जुड़े आरोपों के संबंध में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत को लोकसभा की आचार समिति के पास भेज दिया। बीजेपी सांसद ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए रिश्वत लेने के आरोप की जांच की मांग की है। इस मामले पर, उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष, केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर को एक पत्र लिखा है, जिसमें यह तय करने के लिए एक जांच पैनल गठित करने की मांग की गई है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप सही हैं या नहीं। हालांकि भाजपा सांसद निशिकांत दूबे की एमबीए और पीएचडी डिग्री को महुआ फर्जी बता चुकी हैं लेकिन उसकी जांच आज तक नहीं हुई। दूबे की फर्जी डिग्री का मामला कोर्ट भी पहुंचा था।

दुबे का पत्र सुप्रीम कोर्ट के एक वकील के पत्र पर आधारित है जो उन्हें मिला था, जिसमें मोइत्रा और रियल-एस्टेट समूह हीरानंदानी समूह के सीईओ, व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के बीच "रिश्वत के पुख्ता सबूत" की बात कही गई थी।

बीजेपी सांसद ने कहा कि ये आरोप दिसंबर 2005 के 'कैश फॉर क्वेरी स्कैंडल' की याद दिलाते हैं। यह आरोप लगाया गया है कि हाल तक तृणमूल सांसद द्वारा संसद में पूछे गए 61 में से 50 सवाल दर्शन हीरानंदानी और उनके समूह के "व्यावसायिक हितों की रक्षा या उन्हें कायम रखने" के इरादे से पूछे गए थे।

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने सभी आरोपों का खंडन किया है। बिड़ला को लिखे पत्र के बाद रविवार को उन्होंने दुबे पर हमला बोला था।

महुआ ने एक्स (ट्विटर) पर लिखा, "मैं एक कॉलेज/यूनिवर्सिटी खरीदने के लिए अपनी सारी गलत कमाई गई नकदी और उपहारों का इस्तेमाल इसलिए कर रही हूं, ताकि डिग्री दुबे अंततः वहां से एक असली डिग्री खरीद सके। कृपया ओम बिड़ला झूठे हलफनामे के लिए उनके खिलाफ जांच पूरी करें और फिर मेरे खिलाफ जांच समिति गठित करें।" याद रहे कि महुआ ने भाजपा सांसद निशिकांत दूबे पर फर्जी डिग्री खरीदने का आरोप लगाया था।

महुआ मोइत्रा बहुत मुखर सांसद हैं। इससे पहले उन्होंने अडानी समूह के खिलाफ संसद में तमाम आरोप लगाए थे। अडानी पर आरोप लगाने के बाद भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। निशिकांत दूबे के आरोप सामने आने के बाद महुआ मोइत्रा ने कहा था कि अडानी और दूबे के खिलाफ जांच कराई जाए, फिर उनके ऊपर लगे आरोपों की भी जांच कराई जाए।

निशिकांत दूबे पर क्या है फर्जी डिग्री का आरोप

तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने मार्च 2023 में सांसद निशिकांत दुबे की एमबीए और पीएचडी की डिग्री को फर्जी बताया। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से भी पूछा कि क्या वे फर्जी डिग्री रखने के आरोप में दुबे पर कोई कार्रवाई करेंगे। क्या इस आधार पर उनकी सदस्यता रद्द की जा सकती है।

 - Satya Hindi

भाजपा सांसद निशिकांत दूबे

महुआ ने ट्वीट करते हुए लिखा की चुनाव आयोग को दिए हलफनामे डिग्रियों को लेकर झूठ बोलना और डीयू के एफएमएस से एमबीए की डिग्री फिर फर्जी पीएचडी की डिग्री प्राप्त करना भी लोकसभा की सदस्यता समाप्त करने का आधार नहीं है? विशेषाधिकार समिति, क्या इसका संज्ञान लेगी? ओम बिड़ला आप सुन रहे हैं?

निशिकांत दुबे पर फर्जी डिग्री के आरोपों को लेकर महुआ मोइत्रा के आरोप नए नहीं हैं। उनके खिलाफ 2020 में झारखंड उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर कर उनकी डिग्रियों की जांच की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि दुबे ने चुनाव के नामांकन के लिए फर्जी डिग्रियों का हवाला दिया और सीबीआई चांज की मांग की गई थी। केंद्रीय चुनाव आयोग से भी उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की गई थी।

याचिका में कहा गया था कि निशिकांत दुबे ने अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में जो जानकारी दी है, वह आरटीआई से प्राप्त दस्तावेजों के मिलान के बाद गलत है। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार दुबे ने इन संस्थानों में एडमिशन ही नहीं लिया है और न ही उस संस्थान से एमबीए पास किया है।' दुबे ने 2009, 2014 और 2019 के आम चुनावों में चुनाव आयोग को गलत जानकारी उपलब्ध कराई है कि उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज से एमबीए पास किया है।

झारखंड के गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे पर महुआ मोइत्रा के आरोप ऐसे समय आए हैं, जब दुबे ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले में संसदीय समिति में राहुल गांधी के बजट भाषण के एक हिस्से को लेकर शिकायत की थी। इस मामले में राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस देने के बाद संसदीय समिति से उनकी लोकसभा सदस्यता समाप्त करने की मांग की थी। दुबे ने अपने भाषण में राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया था और कहा था  कि राहुल गांधी का भाषण सदन की कार्रवाई से हटाए जाने के बाद भी सार्वजनिक मंच पर उपलब्ध है।    

बीजेपी में फर्जी डिग्री का आरोप झेल रहे नेताओं में दुबे अकेले नहीं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद ही इन आरोपों का लगातार सामना करते रहे हैं। कई बार अलग-अलग माध्यमों के जरिए लोगों ने उनकी डिग्री प्राप्त करने और सत्यापित करने की कोशिश की लेकिन अभी तक सफलता प्राप्त नहीं हुई है।

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