महाराष्ट्र में शिवसेना के सिर्फ विधायक ही बगावत नहीं कर रहे हैं बल्कि सांसद भी बाग़ी नेता एकनाथ शिंदे का समर्थन कर रहे हैं। कई ऐसे सांसद हैं जो शिंदे के साथ खड़े दिख रहे हैं। लोकसभा में शिवसेना के 19 सांसद हैं जबकि राज्यसभा में 3।
दूसरी ओर, एकनाथ शिंदे ने दल बदल कानून की कार्रवाई से बचने के लिए जरूरी 37 विधायकों के आंकड़े को छू लिया है और उन्हें ही विधायक दल का नेता बताते विधायकों के दस्तखत वाला एक पत्र भी राज्यपाल को भेजा है।
शिंदे के संपर्क में शिवसेना के जो सांसद हैं उनमें ठाणे से सांसद राजन विचारे, वाशिम से सांसद भावना गवली, रामटेक से सांसद कृपाल तुमाने, कल्याण से सांसद श्रीकांत शिंदे और पालघर से सांसद राजेंद्र गावित का नाम शामिल है।
बताया जा रहा है कि राजन विचारे और श्रीकांत शिंदे गुवाहाटी में हैं, जहां वह बागी विधायकों के साथ पांच सितारा होटल में रुके हुए हैं। श्रीकांत शिंदे एकनाथ शिंदे के बेटे हैं।
हालांकि सांसद कृपाल तुमाने ने एकनाथ शिंदे के गुट में होने से इनकार किया है और कहा है कि इस वक्त धैर्य रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा है कि वह शिवसेना के साथ हैं और उनके बारे में जो खबरें फैलाई जा रही हैं वह गलत हैं।
निश्चित रूप से अगर विधायकों के बाद सांसद भी बगावत करते हैं तो यह पार्टी के भविष्य के लिए अच्छा संकेत नहीं होगा।
शिवसेना में इतने बड़े पैमाने पर बगावत क्यों हुई है इसका अंदाजा पार्टी नेतृत्व भी नहीं लगा पा रहा है। यह दिख रहा है कि महा विकास आघाडी सरकार के पास सरकार में बने रहने के लायक जरूरी विधायकों का आंकड़ा नहीं है और वह अल्पमत में आ गई है। हालांकि सरकार के बहुमत में होने या ना होने को लेकर विधानसभा में ही सब कुछ तय होगा।
यह निश्चित रूप से शिवसेना प्रमुख और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के लिए एक बड़ी चुनौती है क्योंकि पार्टी में इतने बड़े पैमाने पर हुई बगावत को संभाल पाना उनके लिए भी बेहद मुश्किल है।
बागी विधायकों की मांग है कि शिवसेना को एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन तोड़ देना चाहिए और इस पर शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि विधायक 24 घंटे के अंदर मुंबई लौटें और मुख्यमंत्री से बात करें तो गठबंधन से निकलने पर विचार किया जा सकता है।