राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने बुधवार को अपने राजनीतिक दल के सभी राष्ट्रीय स्तर के विभागों और प्रकोष्ठों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है। पार्टी के महासचिव प्रफुल्ल पटेल ने यह जानकारी दी है। उन्होंने ट्विटर पर पार्टी के सभी प्रकोष्ठों को भंग करने के फ़ैसले की घोषणा की। हालाँकि उनके ट्वीट के मुताबिक़ राष्ट्रवादी महिला कांग्रेस, राष्ट्रवादी युवा कांग्रेस और राष्ट्रवादी छात्र कांग्रेस समेत कुछ विभागों को भंग नहीं किया जाएगा।
पटेल ने ट्वीट कर कहा, 'हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय श्री शरद पवार साहब के अनुमोदन से राष्ट्रवादी महिला कांग्रेस, राष्ट्रवादी युवा कांग्रेस और राष्ट्रवादी छात्र कांग्रेस को छोड़कर एनसीपी के सभी राष्ट्रीय स्तर के विभाग और प्रकोष्ठ तत्काल प्रभाव से भंग किए जाते हैं।'
इसके साथ ही पटेल ने अपने एक अन्य ट्वीट में साफ़ किया है कि यह निर्णय महाराष्ट्र या किसी अन्य राज्य इकाई पर लागू नहीं होगा।
एनसीपी शिवसेना के नेतृत्व वाली महाविकास अघाडी गठबंधन सरकार का एक प्रमुख घटक थी। जून के अंत में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना विधायकों के एक खेमे द्वारा उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत के बाद महाविकास अघाडी सरकार गिर गयी। शिवसेना विधायक एकनाथ शिंदे के 10 दिनों के विद्रोह के बाद महाराष्ट्र में नयी सरकार सत्ता में आई।
सरकार बदलने के बाद भी उद्धव ठाकरे और शिंदे खेमे में तकरार जारी है। उद्धव ठाकरे के विरोधी खेमे के प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को कहा कि उन्हें सिर्फ़ 12 नहीं बल्कि 18 शिवसेना सांसदों का समर्थन भी प्राप्त है। राज्य में ओबीसी के बारे में चर्चा करने दिल्ली पहुंचे शिंदे ने भी विश्वास जताया कि सुप्रीम कोर्ट उनके पक्ष में फ़ैसला सुनाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को शिवसेना के दोनों गुटों द्वारा शिवसेना पार्टी के नियंत्रण और महाराष्ट्र में हालिया राजनीतिक संकट से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 1 अगस्त की तारीख़ तय की है।
सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विधायकों को अयोग्य ठहराने को चुनौती देने वाली उद्धव ठाकरे खेमे की याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया। शीर्ष अदालत एकनाथ शिंदे खेमे की उस याचिका पर भी सुनवाई करेगी जिसमें महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर द्वारा उन्हें भेजे गए अयोग्यता नोटिस को चुनौती दी गई है।
बहरहाल, शिवसेना में बड़े पैमाने पर बगावत ने राज्य में दूसरे दलों को भी झकझोरा है। माना जा रहा है कि महा विकास अघाडी सरकार के हालिया पतन के बाद ही एनसीपी को पुनर्गठित करने का यह क़दम उठाया गया है।